रांचीः सरकार गिराने की साजिश रचने के दो आरोपियों की जमानत याचिका पर रांची एसीबी की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान आईओ ने टाइम पिटिशन (Time Petition) दायर की और कोर्ट से आग्रह किया कि केस डायरी जमा करने के लिए थोड़ा और समय दिया जाए. आईओ ने कोर्ट को बताया कि पिछले दिनों लॉ एंड ऑर्डर कार्य में व्यस्त रहने के कारण केस डायरी दाखिल करने में असमर्थ हैं.
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कोर्ट ने फिर तलब की केस डायरी
पूर्व की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए इस मामले की केस डायरी तलब की थी. इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 24 अगस्त की तिथि निर्धारित कर दी और आईओ को केस डायरी जमा करने का निर्देश दिया. इससे पहले दोनों अभियुक्तों निवारण प्रसाद महतो और अमित सिंह के अलावा अभिषेक दुबे ने भी अपनी जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
पूछताछ में अहम सुराग मिलने की संभावना
रांची पुलिस का मानना है कि झारखंड सरकार गिराने की साजिश के आरोप में जिन लोगों के गिरफ्तार की गई है, उन लोगों से पूछताछ के दौरान कई अहम सुराग सामने आ सकते हैं. इस आरोपियों पर आईपीसी की धारा 419, आईपीसी की धारा 420, आईपीसी की धारा 124 A, आईपीसी की धारा 34, आरपी एक्ट की धारा 147(B),पीसी एक्ट की धारा 8/9 लगाई गई है.
डीएसपी प्रभात रंजन कर रहे जांच
पिछले दिनों झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश का खुलासा हुआ था. सरकार में शामिल विधायकों को पैसे का लालच देकर हेमंत सरकार को अल्पमत में लाने की कोशिश का मामला सामने आने पर राज्य के सियासी और प्रशासनिक हल्के में हड़कंप मच गया था. साजिश की भनक लगने पर सक्रिय हुी स्पेशल ब्रांच ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियो में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो शामिल हैं. इसकी जांच का जिम्मा डीएसपी प्रभात रंजन बड़वार को दिया गया है.
एक आरोपी का सनसनीखेज दावा
इस मामले में आरोपी निवारण कुमार महतो ने यह स्वीकार किया है कि सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त के बदले उसे 50 लाख देने का लालच दिया गया था. अमित सिंह ने उसे पहले लालच दिया था कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा चुनाव में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता.
विधानसभा का गणित
झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं. झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर सरकार बनाई है. इसमें झामुमो के पास 30, कांग्रेस के पास 16 और राजद के पास 1 सीट है, जबकि विपक्षी दल भाजपा के पास 26 सीटें हैं. वहीं आजसू, सीपीआईएम, एनसीपी और अन्य को भी एक-एक सीट मिली है. इसके अलावा जेवीएम से चुनाव जीते बाबूलाल मरांडी भाजपा में और प्रदीप यादव व बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. इस तरह हेमंत सरकार के पास कुल 51 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत से 10 ज्यादा है.