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पीएम आवास की तर्ज पर झारखंड में चलेगा अबुआ आवास योजना, जानिए किसे मिलेगा लाभ - Jharkhand news

सीएम हेमंत सोरेन ने गरीबों के लिए घर बनाने के लिए अबुआ आवास योजना शुरू करने की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही अब इस पर राजनीति शुरू हो गई. एक तरफ जहां बीजेपी ने इसे लेकर सीएम पर निशाना साधा है. तो वहीं दूसरी और जेएमएम का कहना है कि पार्टी वोटरों से किया अपना वादा पूरा कर रही है.

ED witness Vijay Hansda has been threatened
ED witness Vijay Hansda has been threatened
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Published : Aug 18, 2023, 12:34 PM IST

Updated : Aug 18, 2023, 12:41 PM IST

बीजेपी और झामुमो प्रवक्ता के बयान

रांची: प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर झारखंड में अबुआ आवास योजना जल्द ही शुरू होने वाली है. नाम के अनुरूप अबुआ संथाली शब्द है जिसका मतलब होता है हमारा या अपना और आवास यानी अपना घर. अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप हेमंत सरकार ने इसकी शुरुआत स्वाधीनता दिवस के मौके पर राज्य की जनता को संबोधित करते हुए की है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि जब प्रधानमंत्री आवास योजना राज्य में चल ही रहा है तो अबुआ आवास योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी है.

ये भी पढ़ें: किफायती आवास परियोजना: गरीबों को जल्द मिलेगा सपनों का घर, दुमका में 160 फ्लैट का निर्माण

झारखंड में राज्य सरकार की अबुआ आवास योजना को लाने के पीछे कई वजहें हैं. राजनीतिक कारणों के साथ-साथ प्रशासनिक वजहों से भी हेमंत सरकार इसकी शुरुआत करने जा रही है. झारखंड अबुआ आवास योजना 2023 के तहत राज्य के गरीब और निम्न वर्ग के परिवारों को राज्य सरकार मुफ्त में रहने के लिए तीन कमरों वाला पक्का मकान देगी. जिस पर आगामी 2 वर्षों में 15000 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

किन्हें मिलेगा झारखंड अबुआ आवास योजना का लाभ

  • आवेदक को झारखंड का मूल निवासी होना होगा
  • केवल गरीब तबके के परिवारों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा
  • जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिल चुका है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा
  • आवेदक का न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होना चाहिए
  • आवेदक के पास राशन कार्ड, आवासीय प्रमाण पत्र, बैंक खाता का पासबुक मोबाइल नंबर और आधार कार्ड होना आवश्यक है
  • आवेदक को यदि घर बनाने के लिए जमीन है तो उसका विवरण देना होगा
  • सरकार ऐसे निर्धन और बेघर लोगों को सरकारी जमीन पर तीन रूम का घर बनाकर देगी
  • योजना के तहत बेघरों को एक ही जगह पर एक साथ कलस्टर बनाकर घर मुहैया कराया जा सकता है

बेघरों के आशियाने पर होती रही है राजनीति: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा केंद्र सरकार पर 8.50 लाख प्रधानमंत्री आवास के निर्माण की मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया जाता रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार केंद्र पर प्रधानमंत्री आवास योजना के बकाया राशि का भी भुगतान नहीं करने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में झारखंड सरकार के द्वारा शुरू की जा रही अबुआ आवास योजना पर राजनीति शुरू हो गई है.

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस घोषणा पर तंज करते हुए कहा है कि अबुआ आवास चलाएं या बबुआ आवास पूर्व की योजना की तरह यह भी खटाई में पड़ जाएगी. बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि सरकार के द्वारा जो भी योजनाएं चलाई गई वो सभी योजनाएं जमीन पर नहीं उतर पाई.

इधर विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर पलटवार करते हुए सत्तारुढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि केंद्र सरकार भले ही झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करे. मगर हमने जो जनता से वादा किया है उसे पूरा करके रहेंगे. इसी के तहत चुनाव के वक्त जो वादा तीन कमरों का मकान देने का किया गया था, उसे पूरा करने का काम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार पर झारखंड के विभिन्न योजनाओं की भारी-भरकम राशि बकाया है जिसे देने में केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना के माध्यम से झारखंड में रह रहे बेघरों को आवास देने का निर्णय लिया है.

बीजेपी और झामुमो प्रवक्ता के बयान

रांची: प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर झारखंड में अबुआ आवास योजना जल्द ही शुरू होने वाली है. नाम के अनुरूप अबुआ संथाली शब्द है जिसका मतलब होता है हमारा या अपना और आवास यानी अपना घर. अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप हेमंत सरकार ने इसकी शुरुआत स्वाधीनता दिवस के मौके पर राज्य की जनता को संबोधित करते हुए की है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि जब प्रधानमंत्री आवास योजना राज्य में चल ही रहा है तो अबुआ आवास योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी है.

ये भी पढ़ें: किफायती आवास परियोजना: गरीबों को जल्द मिलेगा सपनों का घर, दुमका में 160 फ्लैट का निर्माण

झारखंड में राज्य सरकार की अबुआ आवास योजना को लाने के पीछे कई वजहें हैं. राजनीतिक कारणों के साथ-साथ प्रशासनिक वजहों से भी हेमंत सरकार इसकी शुरुआत करने जा रही है. झारखंड अबुआ आवास योजना 2023 के तहत राज्य के गरीब और निम्न वर्ग के परिवारों को राज्य सरकार मुफ्त में रहने के लिए तीन कमरों वाला पक्का मकान देगी. जिस पर आगामी 2 वर्षों में 15000 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

किन्हें मिलेगा झारखंड अबुआ आवास योजना का लाभ

  • आवेदक को झारखंड का मूल निवासी होना होगा
  • केवल गरीब तबके के परिवारों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा
  • जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिल चुका है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा
  • आवेदक का न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होना चाहिए
  • आवेदक के पास राशन कार्ड, आवासीय प्रमाण पत्र, बैंक खाता का पासबुक मोबाइल नंबर और आधार कार्ड होना आवश्यक है
  • आवेदक को यदि घर बनाने के लिए जमीन है तो उसका विवरण देना होगा
  • सरकार ऐसे निर्धन और बेघर लोगों को सरकारी जमीन पर तीन रूम का घर बनाकर देगी
  • योजना के तहत बेघरों को एक ही जगह पर एक साथ कलस्टर बनाकर घर मुहैया कराया जा सकता है

बेघरों के आशियाने पर होती रही है राजनीति: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा केंद्र सरकार पर 8.50 लाख प्रधानमंत्री आवास के निर्माण की मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया जाता रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार केंद्र पर प्रधानमंत्री आवास योजना के बकाया राशि का भी भुगतान नहीं करने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में झारखंड सरकार के द्वारा शुरू की जा रही अबुआ आवास योजना पर राजनीति शुरू हो गई है.

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस घोषणा पर तंज करते हुए कहा है कि अबुआ आवास चलाएं या बबुआ आवास पूर्व की योजना की तरह यह भी खटाई में पड़ जाएगी. बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि सरकार के द्वारा जो भी योजनाएं चलाई गई वो सभी योजनाएं जमीन पर नहीं उतर पाई.

इधर विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर पलटवार करते हुए सत्तारुढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि केंद्र सरकार भले ही झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करे. मगर हमने जो जनता से वादा किया है उसे पूरा करके रहेंगे. इसी के तहत चुनाव के वक्त जो वादा तीन कमरों का मकान देने का किया गया था, उसे पूरा करने का काम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार पर झारखंड के विभिन्न योजनाओं की भारी-भरकम राशि बकाया है जिसे देने में केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना के माध्यम से झारखंड में रह रहे बेघरों को आवास देने का निर्णय लिया है.

Last Updated : Aug 18, 2023, 12:41 PM IST
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