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कोरोना वायरस के 7 वैरियंट ने झारखंड में बरपाया कहर, अब मरीजों की संख्या में हो रही कमी - झारखंड समाचार

पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर में हजारों लोगों की जान चली गई. झारखंड में भी अप्रैल और मई में स्थिति भयावह पैदा करने वाली थी, लेकिन अब कोरोना का असर धीरे-धीरे कम होने लगा है.

7 variants of virus found in jharkhand in second wave of corona
कोरोना वायरस
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Published : Jun 1, 2021, 3:37 PM IST

रांची: झारखंड में अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर भयावह स्थिति पैदा करने वाली थी. कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है. अब कोरोना का असर कम होने लगा है. नए संक्रमितों की संख्या घटने लगी है, साथ ही अब हर दिन कोरोना के चलते काल के गाल में समा जा रहे लोगों की संख्या भी कमी है. भुवनेश्वर से आई रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है, कि आखिर इतना भयावह क्यों था अप्रैल और मई महीने का संक्रमण, जो अचानक झारखंड में मृत्यु दर 0.9% से बढ़कर 1.47% जो कि राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, वहां पहुंच गया था.

इसे भी पढ़ें: पीएम को सीएम हेमंत का पत्र, मुफ्त टीका उपलब्ध कराने की मांग, वैक्सीन के रेट पर भी उठाए सवाल

झारखंड में अप्रैल में एक्टिव था कोरोना वायरस के 07 वैरियंट
अप्रैल महीने में ही रांची और जमशेदपुर में नॉवेल कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट मिलने की पुष्टि लैब में हो चुकी थी. उसके बाद 9-13 अप्रैल के बीच स्वाब लेकर जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया था, जिसमें पांच इंडियन, एक uk और 01 दक्षिण एशिया का म्यूटेंट वैरियंट मिला. धनबाद जैसे क्षेत्र के सैंपल खास कर प्रवासियों के सैंपल में इंडियन और विदेशी दोनों तरह के वैरियंट मिले, तो रांची और जमशेदपुर स्वाब में UK स्ट्रेन मिला, रांची के 03 और जमशेदपुर के 01 सैंपल में डबल म्यूटेंट मिला. व्यवहार बदलकर आया कोरोना वायरस जब शरीर पर अटैक करता है, तो संक्रमित व्यक्ति के शरीर में त्वरित परेशानियां उभरती है और डॉक्टर कुछ समझ पाते उससे पहले ही या तो मरीज दम तोड़ देता है या फिर गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है.



जहां सैंपल में मिले अलग-अलग तरह के वैरियंट, वहां हुई अत्यधिक मौत
अब जब भुवनेश्वर के लैब की रिपोर्ट सामने है, तब रिसर्च इसकी होनी चाहिए कि क्या रांची, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम में कोरोना की दूसरी लहर में हुई सबसे ज्यादा मौत की वजह वायरस का म्यूटेंट रूप और नया वैरियंट तो नहीं था, क्योंकि 01 अप्रैल से 31 मई तक कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौत 3877 का 50 प्रतिशत से ज्यादा मौत इन्ही तीन जिले में हुई. रांची में 1283 मौत, पूर्वी सिंहभूम में 648 और धनबाद में 253 लोगों की जान कोरोना से गई.

रांची: झारखंड में अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर भयावह स्थिति पैदा करने वाली थी. कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है. अब कोरोना का असर कम होने लगा है. नए संक्रमितों की संख्या घटने लगी है, साथ ही अब हर दिन कोरोना के चलते काल के गाल में समा जा रहे लोगों की संख्या भी कमी है. भुवनेश्वर से आई रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है, कि आखिर इतना भयावह क्यों था अप्रैल और मई महीने का संक्रमण, जो अचानक झारखंड में मृत्यु दर 0.9% से बढ़कर 1.47% जो कि राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है, वहां पहुंच गया था.

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झारखंड में अप्रैल में एक्टिव था कोरोना वायरस के 07 वैरियंट
अप्रैल महीने में ही रांची और जमशेदपुर में नॉवेल कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट मिलने की पुष्टि लैब में हो चुकी थी. उसके बाद 9-13 अप्रैल के बीच स्वाब लेकर जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया था, जिसमें पांच इंडियन, एक uk और 01 दक्षिण एशिया का म्यूटेंट वैरियंट मिला. धनबाद जैसे क्षेत्र के सैंपल खास कर प्रवासियों के सैंपल में इंडियन और विदेशी दोनों तरह के वैरियंट मिले, तो रांची और जमशेदपुर स्वाब में UK स्ट्रेन मिला, रांची के 03 और जमशेदपुर के 01 सैंपल में डबल म्यूटेंट मिला. व्यवहार बदलकर आया कोरोना वायरस जब शरीर पर अटैक करता है, तो संक्रमित व्यक्ति के शरीर में त्वरित परेशानियां उभरती है और डॉक्टर कुछ समझ पाते उससे पहले ही या तो मरीज दम तोड़ देता है या फिर गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है.



जहां सैंपल में मिले अलग-अलग तरह के वैरियंट, वहां हुई अत्यधिक मौत
अब जब भुवनेश्वर के लैब की रिपोर्ट सामने है, तब रिसर्च इसकी होनी चाहिए कि क्या रांची, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम में कोरोना की दूसरी लहर में हुई सबसे ज्यादा मौत की वजह वायरस का म्यूटेंट रूप और नया वैरियंट तो नहीं था, क्योंकि 01 अप्रैल से 31 मई तक कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौत 3877 का 50 प्रतिशत से ज्यादा मौत इन्ही तीन जिले में हुई. रांची में 1283 मौत, पूर्वी सिंहभूम में 648 और धनबाद में 253 लोगों की जान कोरोना से गई.

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