रांची: झारखंड के बच्चों का भविष्य गढ़ने वाली संस्था झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड (Jharkhand Academic Council Board, JAC Board) में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को तो बहाल कर दिया गया. लेकिन अभी भी जैक बोर्ड (JAC Board) के सात सदस्यों के पद खाली हैं और इसे लेकर बोर्ड को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षा विभाग का इस ओर ध्यान नहीं है. मामले को लेकर संबंधित लोगों ने सवाल भी खड़े किए हैं.
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लगभग 2 सालों से झारखंड एकेडमिक काउंसिल बोर्ड के सदस्यों के कई पद खाली हैं. दरअसल, 19 सदस्य जैक बोर्ड का कार्यकाल 2019 में समाप्त हो गया था. इसके बाद विभाग की ओर से बोर्ड गठन के लिए विज्ञापन भी जारी किया गया था, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी अब तक सही तरीके से जैक बोर्ड का गठन नहीं हो सका है. 19 सदस्यों में 7 सदस्यों का पद अभी भी खाली है. काफी मशक्कत के बाद शिक्षा विभाग ने जैक बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद की नियुक्ति की है, लेकिन 7 पद खाली रहने के कारण कई नीतिगत निर्णय लेने में बोर्ड सक्षम नहीं है.
19 सदस्यों का बोर्ड: जैक बोर्ड (JAC Board) कुल 19 सदस्यों का होता है. इस बोर्ड के पदेन सदस्य जैक के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और एनसीईआरटी के अध्यक्ष होते हैं. विश्वविद्यालय से भी एक प्रतिनिधि को बोर्ड के सदस्य के रूप में रखा जाता है. वहीं बोर्ड के अन्य सदस्यों में एक माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य, 6 ख्याति प्राप्त शिक्षाविद, 15 साल शैक्षणिक या प्रशासनिक अनुभव प्राप्त संस्कृत के विद्वान, अरबी फारसी उर्दू के विद्वान, एक प्रख्यात और अनुभवी शिक्षाविद, प्लस टू विद्यालय इंटर कॉलेज के प्राचार्य, बोर्ड के सदस्य होते हैं. वही जैक बोर्ड (JAC Board) में जनप्रतिनिधियों को भी सदस्य बनाया जाता है. इसमें तीन विधायकों का सदस्य होना अनिवार्य है.
माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग से की मांग: जैक बोर्ड (JAC Board) के ऐसे 7 पद खाली हैं जिसके कारण बोर्ड को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इधर दो महीने के अंदर मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा (Matric-Inter Exam) है और इन परीक्षाओं को लेकर भी जैक बोर्ड को बैठक करके नीतिगत निर्णय लेना है. लेकिन जैक बोर्ड में सदस्यों की कमी के कारण नीतिगत निर्णय लेने में परेशानी आ रही है .मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने सवाल खड़ा किया है. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द इन पदों को भरे जाने की मांग की है.