रांचीः जिला का रांची यूनिवर्सिटी का इतिहास काफी सुनहरा रहा है, यह विश्वविद्यालय 60 वर्ष के ऊपर का हो गया है. शैक्षणिक गतिविधियों के साथ साथ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी खेल के क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन करते आ रहे हैं. पिछले 63 वर्षों से इस विश्वविद्यालय ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. मंगलवार को रांची विश्वविद्यालय की 63वीं वर्षगांठ के (RANCHI UNIVERSITY FOUNDATION DAY) मौके पर परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें रांची के विधायक समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए.
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शैक्षणिक खेलकूद के अलावा यह विश्वविद्यालय सामाजिक क्षेत्र में भी कई बेहतर काम किए हैं. इसी कड़ी में पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्वविद्यालय ने अपना 63वीं वर्षगांठ (63rd anniversary of Ranchi University) को विश्वविद्यालय कैंपस में 63 पौधे लगाकर मना रही है. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में रांची के विधायक सीपी सिंह को आमंत्रित किया गया था. कुलपति अजीत कुमार सिन्हा, प्रति कुलपति कामिनी कुमार के अलावे तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे.
राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों का गठन भी रांची विश्वविद्यालय से अलग कर ही किया गया है. जिसमें विनोबा भावे विश्वविद्यालय के साथ-साथ डीएसपीएमयू विश्वविद्यालय का नाम भी शामिल है. राज्य के अधिकतर सरकारी विश्वविद्यालय रांची विश्वविद्यालय से अलग कर ही गठित की गई है. 1960 में स्थापित यह विश्वविद्यालय राज्य का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. स्थापना काल से अब तक 44 कुलपतियों ने इस विश्वविद्यालय में अपना योगदान दिया है. वर्तमान समय में विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को हर सुविधा मुहैया करवा रही है कभी एक कॉलेज के भरोसे संचालित होने वाले इस विश्वविद्यालय के पास वर्तमान में 67 कॉलेज हैं. डिग्री कॉलेज के साथ-साथ इनमें उच्च शिक्षा के अन्य विषयों के कॉलेज भी आरयू के अधीन संचालित है.