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झारखंड में 57 लाख लोगों को लगी वैक्सीन, जुलाई में केंद्र से फ्री में मिलेगी 25 लाख डोज

झारखंड में अब तक 48 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन(vaccine) की पहली डोज लग चुकी है. राज्य सरकार का दावा है कि अगर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो तो वो एक करोड़ वैक्सीन हर महीने लगाने की क्षमता रखती है.

fact check over vaccination of one crore people every month in jharkhand
VACCINE FACT CHECK: राज्य में एक करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने की क्षमता..महज दावा या हकीकत? जानिए क्या कहता है स्वास्थ्य महकमा
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Published : Jun 22, 2021, 11:11 AM IST

रांची: झारखंड में अब तक 57 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना (corona) की वैक्सीन लग चुकी है. झारखंड सरकार का दावा है कि अगर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो तो राज्य सरकार एक करोड़ वैक्सीन हर महीने लोगों को लगाने की क्षमता रखती है. अभी 48 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज (first dose) दी गई है.

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स्लॉट बुक कराकर भी नहीं है वैक्सीन उपलब्ध

इसे भी पढ़ें- 15 साल से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे डॉक्टर, रिपोर्ट में पढ़ें क्यों जरूरी है ये कानून

टीकाकरण केंद्रों का सच

ऐसे तो झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग(health Department) के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी(Nodal Officer Siddharth Tripathi) का दावा है कि राज्य में 3370 वैक्सीनेशन बूथ अभी चल रहे हैं, जिसमें हर बूथ पर 100 लोगों को टीका लगाने की क्षमता है. लेकिन हकीकत अभी धरातल पर कुछ और ही है. कोविन एप (Covin app) पर स्लॉट बुक कराकर आने वाले लोगों को भी उसकी इच्छा के अनुरूप वैक्सीन नहीं मिलती. वहीं, कई बूथ पर घंटों लोगों को इंतजार करना पड़ता है. ईटीवी भारत(etv bharat) ने जब इसकी वजह वहां मौजूद अधिकारी से जाननी, तो वो नोडल अधिकारी से बात करने को कहने लगे. इसी तरह लंच के नाम पर घंटों वैक्सीन लेने वाले लोगों को इंतजार करना पड़ता है, लगभग हर बूथ की नियति है.

देखें पूरी खबर

कम होगा थर्ड वेव की खतरा?

झारखंड में जुलाई महीने में फ्री कोटे से केंद्र सरकार 25 लाख के करीब वैक्सीन देगी. ऐसे में झारखंड के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वो आसानी से हर दिन 80 हजार वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा करेगा, क्योकि उसकी क्षमता कहीं बहुत ज्यादा है. वहीं रिम्स(RIMS) के वरीय सर्जन और जनसंपर्क अधिकारी(Senior Surgeon and Public Relations Officer) का दावा है कि आने वाले दिनों में और अधिक वैक्सीन राज्य को मिलेगी. दिक्कत जनता के बीच वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों को लेकर है, जिसे दूर करना होगा. रिम्स के जनसम्पर्क अधिकारी कहते हैं कि राज्य में जितनी जल्दी सभी लक्षित समूह को वैक्सीन लग जाए, उतना ही थर्ड वेव(third wave) का खतरा कम हो जाएगा.

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लंच के नाम पर लोगों को कराते हैं इंतजार

इसे भी पढ़ें- फिर हो रहा प्रवासी मजदूरों का 'गमन': विधायक ने भी माना- हम नहीं दे पाए रोजगार

राज्य में कुल 2 करोड़ 28 लाख 667 लोगों को लगनी है वैक्सीन

अभी जब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं लगनी है, तो राज्य में कुल 2 करोड़ 28 हजार 667 लोग हैं, जो 18 वर्ष से अधिक की उम्र वाले हैं और इनको टीका लगना है. इनमें से 2 लाख 17 हजार 167 हेल्थ केयर वर्कर्स हैं, 3 लाख 78 हजार 505 फ्रंट लाइन वर्कर्स(front line workers), 1 करोड़ 57 लाख 34 हजार 635 लोग 18 से 44 वर्ष की उम्र समूह के हैं. 13 लाख 15 हजार 254 लोग 60 वर्ष से ऊपर के उम्र वाले हैं.

रांची: झारखंड में अब तक 57 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना (corona) की वैक्सीन लग चुकी है. झारखंड सरकार का दावा है कि अगर पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो तो राज्य सरकार एक करोड़ वैक्सीन हर महीने लोगों को लगाने की क्षमता रखती है. अभी 48 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज (first dose) दी गई है.

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कम होगा थर्ड वेव की खतरा?

झारखंड में जुलाई महीने में फ्री कोटे से केंद्र सरकार 25 लाख के करीब वैक्सीन देगी. ऐसे में झारखंड के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वो आसानी से हर दिन 80 हजार वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा करेगा, क्योकि उसकी क्षमता कहीं बहुत ज्यादा है. वहीं रिम्स(RIMS) के वरीय सर्जन और जनसंपर्क अधिकारी(Senior Surgeon and Public Relations Officer) का दावा है कि आने वाले दिनों में और अधिक वैक्सीन राज्य को मिलेगी. दिक्कत जनता के बीच वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों को लेकर है, जिसे दूर करना होगा. रिम्स के जनसम्पर्क अधिकारी कहते हैं कि राज्य में जितनी जल्दी सभी लक्षित समूह को वैक्सीन लग जाए, उतना ही थर्ड वेव(third wave) का खतरा कम हो जाएगा.

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अभी जब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन नहीं लगनी है, तो राज्य में कुल 2 करोड़ 28 हजार 667 लोग हैं, जो 18 वर्ष से अधिक की उम्र वाले हैं और इनको टीका लगना है. इनमें से 2 लाख 17 हजार 167 हेल्थ केयर वर्कर्स हैं, 3 लाख 78 हजार 505 फ्रंट लाइन वर्कर्स(front line workers), 1 करोड़ 57 लाख 34 हजार 635 लोग 18 से 44 वर्ष की उम्र समूह के हैं. 13 लाख 15 हजार 254 लोग 60 वर्ष से ऊपर के उम्र वाले हैं.

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