रांची: पिछले पांच दिनों से लगातार झारखंड का मौसम शुष्क और आसमान साफ रहने की वजह से अधिकतम तापमान तेजी से बढ़ा है. पश्चिम दिशा से बहने वाले गर्म तेज पछुआ हवा के प्रभाव से राज्यवासियों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी रांची के सदर अस्पताल में ही पिछले 24 घंटे में लू लगने की वजह से 50 से अधिक मरीज भर्ती कराए गए हैं, जिनका इमरजेंसी वार्ड में इलाज किया गया है.
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आनेवाले दिनों में गर्मी में और बढ़ोतरी होने की संभावना को देखते हुए रांची सिविल सर्जन के आदेश पर सदर अस्पताल के नए भवन में पांचवें तल्ले पर हीट स्ट्रोक वार्ड बनाया गया है. रांची के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लू लगे मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था रखने, बेड की व्यवस्था तैयार रखने और ओआरएस कॉर्नर बनाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं जगह जगह लू लगने के लक्षण और इससे बचाव के उपाय के लिए प्रचार के (IEC) माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड इंचार्ज डॉ लक्ष्मीकांत साय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 50 से 60 मरीज गर्मी और लू की वजह से बीमार होकर अस्पताल पहुंचें हैं.
हीट एक्सपोजर से बचें: रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा कि अभी जिस तरह की गर्मी और तेज गर्म हवाएं चल रही है, उससे बचना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि संभव हो तो 11 बजे से 04 बजे तक घर मे ही रहें. जरूरी काम से अगर घर से निकलना पड़े तो सूती और आरामदायक ऐसे कपड़े पहनें, जिससे पूरा शरीर ढका हो. सिर पर टोपी, तौलिया या गमछी का इस्तेमाल करें. घर से निकलते समय पानी, ओआरएस का घोल, जूस, नारियल पानी जरूर पी लें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
क्या है लू लगने के लक्षण: रांची सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार के अनुसार, इस मौसम में हीट स्ट्रोक और हीट एक्जाशन की समस्या आती है. जिन जगहों पर तापमान काफी अधिक होता है और ह्यूमिडिटी कम होता है, वहां गर्म हवा की वजह से शरीर अचानक पसीना बनाना बंद कर देता है. इस वजह से स्किन ड्राई हो जाता है, शरीर गर्म हो जाता है. ब्रेन में सूजन (स्वेलिंग) की वजह से मरीज बेहोश हो जाता है या उसे उल्टी भी होता है. वहीं जिन जगहों पर अधिक तापमान के साथ साथ वातावरण में ह्यूमिडिटी अधिक होती है, वहां हीट एक्जाशन (Heat Exaution) के मामले अधिक होते हैं. इसमें शरीर से पसीना अधिक निकलने की वजह से शरीर में नमक की कमी हो जाती है और मरीज का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है.
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तला भुना खाने से बचें: रांची सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार (जो खुद एक प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ हैं) ने कहा कि इस मौसम में शुद्ध और हल्का भोजन खाना चाहिए और अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए. वहीं तला भुना पदार्थ कम खाना चाहिए. बुखार होने पर शरीर को ठंडे पानी के तौलिए से बार बार पोछना चाहिए. संभव हो तो एसी-कूलर का इस्तेमाल करें. किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल पास के सरकारी अस्पताल जाकर डॉक्टरों की सलाह जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि कभी-कभी हीट स्ट्रोक जानलेवा भी हो जाता है.