रांची: झारखंड में सरकारी स्कूल के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक निजी कंपनी के साथ एमओयू कर 4000 शिक्षकों की अनुबंध पर नियुक्ति की थी, लेकिन अब इन शिक्षकों का भविष्य अधर में है. 2022 के मार्च महीने में इनका अनुबंध समाप्त हो रहा है. ये शिक्षक इसे लेकर चिंतित है, मामले को लेकर लगातार विधायकों और शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर अनुबंध बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
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राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने एक कंपनी के सहयोग से अनुबंध पर साल 2017 के अप्रैल महीने में 4000 शिक्षकों की नियुक्ति की थी. उस दौरान कहा गया था कि शिक्षकों को प्रतिमाह 17 हजार मानदेय दिया जाएगा. लेकिन कंपनी द्वारा उन्हें 8 हजार रुपये ही दिया जा रहा है. जबकि शिक्षक 8वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को भी कंप्यूटर की शिक्षा देते हैं. सरकारी स्कूल के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा इन्हीं शिक्षकों के भरोसे हैं. इसके बाद भी राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का इस ओर ध्यान नहीं है.
मार्च 2022 में अनुबंध समाप्त: इन शिक्षकों का अनुबंध साल 2022 के मार्च महीने में समाप्त हो रहा है और इसे लेकर शिक्षक काफी चिंतित हैं. इन शिक्षकों का कहना है कि वे कंपनी के अंडर में नहीं बल्कि अनुबंध पर ही राज्य सरकार के अंडर में काम करना चाहते हैं, ताकि इन शिक्षकों पर एक सही निगरानी रहे. वह किस आधार पर पढ़ा रहे हैं, कैसे पढ़ा रहे हैं. इसकी जानकारी भी विभाग को होनी चाहिए. मानदेय भी काफी कम है. इस ओर भी सरकार ध्यान दें. इसलिए शिक्षक लगातार पक्ष-विपक्ष के विधायकों के साथ मुलाकात कर रहे हैं और उनका अनुबंध सरकार के साथ सीधे तौर पर करने की मांग कर रहे हैं.
शिक्षा मंत्री से मिला आश्वासन: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से भी शिक्षकों ने मुलाकात कर अनुबंध बढ़ाने की मांग की है. शिक्षक चाहते हैं कि वे राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम करें. ताकि राज्य के सरकारी स्कूल के बच्चों के कंप्यूटर की पठन-पाठन बेहतर तरीके से हो सके. मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने भी इन शिक्षकों को आश्वासन दिया है. शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इन शिक्षकों की हर संभव मदद की जाएगी. इस ओर विचार विमर्श करते हुए, इनकी परेशानियों को दूर करने की कोशिश जरूर होगी.