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डॉक्टरों ने रिम्स में सेवा देने से बेहतर समझा 15-15 लाख दंड भरना, 4 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा - डॉक्टरों ने दिया 15 लाख का जुर्माना

राजधानी के रिम्स अस्पताल में 4 पीजी डॉक्टरों ने एक साल के अंदर अस्पताल से इस्तीफा दे दिया, जिसके लिए इन्हें 15 लाख का जुर्माना भरना पड़ा है. ऐसे में रिम्स में डॉक्टरों की कमी होने से मरीजों के इलाज में अस्पताल को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

रिम्स से 4 पीजी डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
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Published : Oct 10, 2019, 9:20 PM IST

रांचीः राजधानी के रिम्स अस्पताल में 4 पीजी डॉक्टरों ने एक साल का बॉन्ड पूरा नहीं होने के बावजूद भी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. जिसके लिए उन्हें बॉन्ड तोड़ने के लिए 15 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा है.

देखें पूरी खबर


रिम्स के अधीक्षक विवेक कश्यप ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी डॉक्टरों की इस्तीफा देने की वजह उनका व्यक्तिगत कारण था. जबकि रिम्स में ज्वाइन करने के बाद डॉक्टरों को बॉन्ड भरवाया जाता है, जिसमें कम से कम एक साल तक रिम्स को सेवा देनी होती. अगर डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया तो उन्हें 15 लाख का जुर्माना भरना पड़ता है.

ये भी पढ़ें-गुमला: भूख से मौत की जानकारी मिलते ही प्रशासन में मचा हड़कंप, जांच के बाद सामने आई ये सच्चाई


वहीं दूसरी तरफ, सूत्रों से जानकारी मिली है कि सभी 4 डॉक्टर ज्यादा तनख्वाह को देखते हुए अन्य अस्पतालों में कार्यरत हैं. इसलिए भी इन पीजी डॉक्टरों ने रिम्स से इस्तीफा दिया. इन डॉक्टरों में मेडिसिन विभाग के 2 डॉक्टर हैं, जिनका नाम पारिजाद और मनजीत टोपनों है, वहीं तीसरे डॉक्टर में फिजियोलॉजी विभाग से मंजू लता और चौथे डॉक्टर मनु लाल मनु हैं जो नेत्र विभाग से हैं.

रांचीः राजधानी के रिम्स अस्पताल में 4 पीजी डॉक्टरों ने एक साल का बॉन्ड पूरा नहीं होने के बावजूद भी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. जिसके लिए उन्हें बॉन्ड तोड़ने के लिए 15 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा है.

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रिम्स के अधीक्षक विवेक कश्यप ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी डॉक्टरों की इस्तीफा देने की वजह उनका व्यक्तिगत कारण था. जबकि रिम्स में ज्वाइन करने के बाद डॉक्टरों को बॉन्ड भरवाया जाता है, जिसमें कम से कम एक साल तक रिम्स को सेवा देनी होती. अगर डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया तो उन्हें 15 लाख का जुर्माना भरना पड़ता है.

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वहीं दूसरी तरफ, सूत्रों से जानकारी मिली है कि सभी 4 डॉक्टर ज्यादा तनख्वाह को देखते हुए अन्य अस्पतालों में कार्यरत हैं. इसलिए भी इन पीजी डॉक्टरों ने रिम्स से इस्तीफा दिया. इन डॉक्टरों में मेडिसिन विभाग के 2 डॉक्टर हैं, जिनका नाम पारिजाद और मनजीत टोपनों है, वहीं तीसरे डॉक्टर में फिजियोलॉजी विभाग से मंजू लता और चौथे डॉक्टर मनु लाल मनु हैं जो नेत्र विभाग से हैं.

Intro:राजधानी के रिम्स अस्पताल में चार पीजी डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ने का फैसला लेते हुए एक साल से भी कम अवधि के भीतर रिम्स से रिजाइन दे दिया।

जिसको लेकर सभी डॉक्टरों को जुर्माने के तौर पर 15-15 लाख रुपए रिम्स प्रशासन को देना पड़ा।






Body:वहीं 4 पीजी डॉक्टरों के छोड़ने पर रिम्स के अधीक्षक विवेक कश्यप ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी डॉक्टरों की छोड़ने की वजह व्यक्तिगत कारण था, जबकि रिम्स में ज्वाइन करने के बाद डॉक्टरों को बांड भरवाया जाता है कि कम से कम एक साल की नौकरी रिम्स को देनी होगी लेकिन इस बांड को भरने के बावजूद भी यह सभी डॉक्टरों ने एक साल से भी कम समय में छोड़ने का फैसला लिया जिस वजह से इन्हें 15-15 लाख का जुर्माना भरना पड़ा।

वहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि सभी डॉक्टर ज्यादा तनख्वाह को देखते हुए अन्य अस्पतालों में योगदान कर रहे हैं, इसलिए भी इन लोगों ने पीजी करने के बाद एक साल के भीतर रिम्स छोड़ने का फैसला लिया।


Conclusion:छोड़ने वाले डॉक्टरों में मेडिसिन विभाग के 2 डॉक्टर हैं जिनका नाम पारिजाद और मनजीत टोपनों है, वही तीसरे डॉक्टर में फिजियोलॉजी विभाग से मंजू लता और चौथे डॉक्टर मनु लाल मनु है जो नेत्र विभाग से हैं।

गौरतलब है कि रिम्स में एक तरफ जहां डॉक्टरों की कमी देखी जा रही है वहीं दूसरी ओर रिम्स में कार्यरत डॉक्टर भी छोड़ते जा रहे हैं जो निश्चित रूप से रिम्स में आए गरीब मरीजों के लिए परेशानी कर सकती है।

बाइट-विवेक कश्यप, अधीक्षक, रिम्स।
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