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रांचीः झारखंड में बनाए गए 3 कमर्शियल कोर्ट, लोगों को मिलेगी राहत - कमर्शियल कोर्ट के न्यायाधीश

झारखंड में 3 कमर्शियल कोर्ट बनाए गए हैं. ये कार्ट रांची, धनबाद और जमशेदपुर खोले गए हैं. जहां कमर्शियल संबंधित मामलों कम पैसे में कोर्ट में आसानी से मामले का निपटारा किया जाएगा. वहीं, कमर्शियल कोर्ट में सेक्शन 12A के मुताबिक हर किसको कमर्शियल कोर्ट में फाइल करने से पहले फ्री इंस्ट्यूशन मेडिएशन का भी प्रावधान है.

झारखंड में बनाए गए 3 कमर्शियल कोर्ट
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Published : Nov 22, 2019, 9:23 PM IST

रांचीः कमर्शियल संबंधित मामले से लोगों को जल्द निजात दिलाने के उद्देश्य से झारखंड में 3 कमर्शियल न्यायालय बनाए गए हैं. जिनमें कमर्शियल संबंधित मामलों को अब न्यायालय के जटिल प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा. यह न्यायालय रांची, धनबाद और जमशेदपुर खोले गए हैं. इसी उद्देश्य से आज कमर्शियल कोर्ट मेटल्स को लेकर प्री लिटिगेशन प्रोविजन किया गया.

देखें पूरी खबर


कार्यक्रम में मौजूद कमर्शियल कोर्ट के न्यायाधीश राजीव आनंद ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कोर्ट रांची धनबाद और जमशेदपुर में बनाए गए हैं. कमर्शियल कोर्ट में सेक्शन 12A के मुताबिक हर किसको कमर्शियल कोर्ट में फाइल करने से पहले फ्री इंस्ट्यूशन मेडिएशन का प्रावधान है. जिसके तहत जो भी पार्टी न्यायालय में केस फाइल करना चाहती है, वह पहले संबंधित जिले के डीएलएसए में जाएगी. वहां आवेदन देना होगा और आवेदन के साथ 1000 रुपए की फीस देनी होगी. जिसके खिलाफ केस किया जा रहा उस पर डीएलएसए नोटिस जारी करेगी. वहीं, विपक्षी के आने के बाद ही मेडिएशन के मामले से केस का निपटारा किया जाएगा.

ये भी पढ़ें-शराबी पति से तंग आकर महिला ने लिखा डीसी को पत्र, 'मुझे अपने पति की हत्या की दी जाए इजाजत'


वहीं, डीएलएसए सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों को कानून के जटिल प्रक्रिया से गुजरे बिना न्याय मिल सके इसके लिए यह न्यायालय बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कई मामले ऐसे हैं जो बैंक सेटलमेंट संबंधित हैं, जिसका निपटारा हो गया है. वहीं, 19 साल पुराने टाइटल सूट के मामले को भी खत्म कर दिया गया है.

रांचीः कमर्शियल संबंधित मामले से लोगों को जल्द निजात दिलाने के उद्देश्य से झारखंड में 3 कमर्शियल न्यायालय बनाए गए हैं. जिनमें कमर्शियल संबंधित मामलों को अब न्यायालय के जटिल प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा. यह न्यायालय रांची, धनबाद और जमशेदपुर खोले गए हैं. इसी उद्देश्य से आज कमर्शियल कोर्ट मेटल्स को लेकर प्री लिटिगेशन प्रोविजन किया गया.

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कार्यक्रम में मौजूद कमर्शियल कोर्ट के न्यायाधीश राजीव आनंद ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कोर्ट रांची धनबाद और जमशेदपुर में बनाए गए हैं. कमर्शियल कोर्ट में सेक्शन 12A के मुताबिक हर किसको कमर्शियल कोर्ट में फाइल करने से पहले फ्री इंस्ट्यूशन मेडिएशन का प्रावधान है. जिसके तहत जो भी पार्टी न्यायालय में केस फाइल करना चाहती है, वह पहले संबंधित जिले के डीएलएसए में जाएगी. वहां आवेदन देना होगा और आवेदन के साथ 1000 रुपए की फीस देनी होगी. जिसके खिलाफ केस किया जा रहा उस पर डीएलएसए नोटिस जारी करेगी. वहीं, विपक्षी के आने के बाद ही मेडिएशन के मामले से केस का निपटारा किया जाएगा.

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वहीं, डीएलएसए सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों को कानून के जटिल प्रक्रिया से गुजरे बिना न्याय मिल सके इसके लिए यह न्यायालय बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कई मामले ऐसे हैं जो बैंक सेटलमेंट संबंधित हैं, जिसका निपटारा हो गया है. वहीं, 19 साल पुराने टाइटल सूट के मामले को भी खत्म कर दिया गया है.

Intro:रांची
बाइट-1--राजीव आनंद कमर्शियल जज
बाइट-2- अभिषेक कुमार डीएलएसए सचिव(ब्लैक बंडी)

कमर्शियल संबंधित मामले से लोगों को जल्द निजात दिलाने के उद्देश्य से झारखंड में तीन कमर्शियल न्यायालय बनाए गए हैं जिनमें कमर्शियल संबंधित मामलों को अब न्यायालय के जटिल प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा यह न्यायालय रांची धनबाद जमशेदपुर खोले गए हैं इसी उद्देश्य से आज कमर्शियल कोर्ट मेटल्स को लेकर प्री लिटिगेशन प्रोविजन किया गया। झारखंड में अनूठा पहल किया गया है जब 4-4 प्री लिटिगेशन मामले को निस्तारण किया गया है। बिना केस के मामले का निस्तारण किया गया है


Body:कार्यक्रम में मौजूद कमर्शियल कोर्ट के न्यायाधीश राजीव आनंद ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कोर्ट झारखंड में तीन जगहों पर रांची धनबाद और जमशेदपुर में बनाए गए हैं कमर्शियल कोर्ट में प्रावधान है सेक्शन 12A का जिसके मुताबिक हर किसको कमर्शियल कोर्ट में फाइल करने से पहले फ्री इंस्ट्यूशन मेडिएशन का प्रावधान किया गया है जिसके तहत जो भी पार्टी न्यायालय में केस फाइल करना चाहता है वह पहले संबंधित जिले के डीएलएसए में जाएगा वहां आवेदन देगा और आवेदन के साथ ₹1000 का फीस देना पड़ेगा जिसके बाद जिसके खिलाफ केस किया जा रहा उस पर डीएलएसए के द्वारा नोटिस किया जाएगा जब वह विपक्षी आ जाएगा तो मेडिएशन के मामले से केस का निपटारा किया जाएगा जो सुलभ तरीके से न्याय होगा


Conclusion:डीएलएसए सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि इस तरह के कार्य करती रही है ताकि समाज के विभिन्न वर्गों कानून के जटिल प्रक्रिया से गुजरे बगैर लोगों को न्याय मिल सके उन्होंने कहा कि कई मामले ऐसे हैं जो बैंक सेटलमेंट संबंधित मामले हैं जिसका निपटारा हो गया है वहीं 19 साल पुराना टाइटल सूट का भी मामला था उसका भी निपटारा कर दिया गया है संबंधित लोगों को कंपनसेशन के तौर पर चेक भी दिया गया है
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