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स्कूलों के मध्याह्न भोजन को लेकर 252 करोड़ रुपये आवंटित, निगरानी के लिए बनाई गई कमेटी

झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकारण ने बच्चों के मध्याह्न भोजन के लिए 252 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. यह राशि प्रत्येक छात्र-छात्राओं के बैंक खाता या उनके अभिभावक के खाता में ट्रांसफर किया जाएगा.

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Published : Dec 8, 2021, 1:09 PM IST

mid day meal in Jharkhand
स्कूलों के मध्याह्न भोजन को लेकर 252 करोड़ रुपये आवंटित

रांचीः राज्य सरकार के मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से बुधवार को 252 करोड़ रुपये आवंटित की गई है. यह राशि सभी सरकारी स्कूलों में वितरण किया जाएगा, ताकि पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रोजाना मध्याह्न भोजन के मद में राशि का भुगतान किया जा सके.

यह भी पढ़ेंःस्कूल प्रबंधन की लापरवाही, डोर-टू-डोर मध्याह्न भोजन पहुंचाने की जगह स्कूल में ही बांटा गया राशन

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन वर्ष 2020 के सितंबर महीने से बंद है. इससे पहले विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन की राशि के साथ साथ मध्याह्न भोजन के लिए सूखा अनाज और अन्य सामग्री दी जा रही थी. अब इस परेशानी को दूर करने के लिए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से 252 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इस राशि को प्रति छात्र 134 दिन के हिसाब से वितरण किया जाएगा. बता दें कि हाल के दिनों में मध्याह्न भोजन मिल रहा था. लेकिन पहली क्लास से आठवीं क्लास तक के छात्र-छात्राओं को पिछले 15 दिनों से राशन नहीं मिल रहा था.

निगरानी को लेकर गठित की गई कमेटी
विद्यार्थियों को नियमित राशि मिल रही है या नहीं. इसकी निगरानी के लिए एक कमेटी गठित की गई है. पहली क्लास से पांचवी क्लास तक के छात्र-छात्राओं को 666 रुपये प्रति छात्र और छठी से आठवीं क्लास तक के छात्र-छात्राओं को 958 रुपये प्रति छात्र दिए जाने का प्रावधान है.

जिला शिक्षा अधीक्षक बनाएंगे रिपोर्ट
शिक्षा विभाग की मानें तो जिला शिक्षा अधीक्षक प्रत्येक दिन स्कूलों से संबंधित रिपोर्ट उपायुक्त को उपलब्ध कराएंगे. जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं है, उनके पैसे अभिभावकों के खाते में डाले जाएंगे.

रांचीः राज्य सरकार के मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से बुधवार को 252 करोड़ रुपये आवंटित की गई है. यह राशि सभी सरकारी स्कूलों में वितरण किया जाएगा, ताकि पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रोजाना मध्याह्न भोजन के मद में राशि का भुगतान किया जा सके.

यह भी पढ़ेंःस्कूल प्रबंधन की लापरवाही, डोर-टू-डोर मध्याह्न भोजन पहुंचाने की जगह स्कूल में ही बांटा गया राशन

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन वर्ष 2020 के सितंबर महीने से बंद है. इससे पहले विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन की राशि के साथ साथ मध्याह्न भोजन के लिए सूखा अनाज और अन्य सामग्री दी जा रही थी. अब इस परेशानी को दूर करने के लिए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से 252 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इस राशि को प्रति छात्र 134 दिन के हिसाब से वितरण किया जाएगा. बता दें कि हाल के दिनों में मध्याह्न भोजन मिल रहा था. लेकिन पहली क्लास से आठवीं क्लास तक के छात्र-छात्राओं को पिछले 15 दिनों से राशन नहीं मिल रहा था.

निगरानी को लेकर गठित की गई कमेटी
विद्यार्थियों को नियमित राशि मिल रही है या नहीं. इसकी निगरानी के लिए एक कमेटी गठित की गई है. पहली क्लास से पांचवी क्लास तक के छात्र-छात्राओं को 666 रुपये प्रति छात्र और छठी से आठवीं क्लास तक के छात्र-छात्राओं को 958 रुपये प्रति छात्र दिए जाने का प्रावधान है.

जिला शिक्षा अधीक्षक बनाएंगे रिपोर्ट
शिक्षा विभाग की मानें तो जिला शिक्षा अधीक्षक प्रत्येक दिन स्कूलों से संबंधित रिपोर्ट उपायुक्त को उपलब्ध कराएंगे. जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं है, उनके पैसे अभिभावकों के खाते में डाले जाएंगे.

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