रांची: बुधवार को झारखंड की 24 लड़कियों को रेस्क्यू कर विमान से रांची लाया गया है. ये सभी लड़कियां सरायकेला खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम जिले से ताल्लुक रखती हैं. श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन खुलने के बाद यह सभी लड़कियां दलालों के संपर्क में आई. अच्छी नौकरी और सैलरी का लालच देकर इन्हें कोयंबटूर ले जाया गया.
24 लड़कियों को किया गया रेस्क्यूरेस्क्यू की गई लड़कियों की माने तो 12 हजार सैलरी देने की बात कर इन्हे तमिलनाडु ले जाया गया था, लेकिन वहां जाने के बाद मात्र चार हजार दिए जाने लगा, साथ ही एक-एक दिन में 16-16 घंटे काम कराया जाने लगा. जब लड़कियों ने इसका विरोध किया तो दलालों और मालिक की तरफ से इनसे जबरन काम कराया जाने लगा. श्रम आयुक्त मुत्थु कुमार ने बताया की राज्य की जो भी गरीब लड़कियां बाहर के राज्यो में शोषित होकर मजबूरी में काम कर रही हैं, उनके लिए सरकार के आदेश पर श्रम विभाग लगातार काम कर रहा है. रेस्क्यू लाई गई लड़कियों को गृह जिले में लाकर रोजगार दिया जाएगा. कोयंबटूर के धागा फैक्ट्री में काम करने वाली इन लड़कियों को रांची से सरायकेला और पश्चिमी सिंहभूम जिले के लिए रवाना कर दिया गया है. बताया गया है कि इन्हें इनके गृह जिला में ही हो रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
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इससे पहले भी किया गया है लड़कियों को रेस्क्यू
इससे पहले भी राज्य सरकार और श्रम विभाग की पहल पर लगभग 50 लड़कियों को रेस्क्यू कर विमान से रांची लाया गया था. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी यह आश्वासन दिया है कि रेस्क्यू की गई लड़कियों को झारखंड में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, साथ ही नाबालिग लड़कियों को प्रति माह दो हजार रुपये की राशि भी दी जाएगी. तमिलनाडु से रेस्क्यू कर लाई गई लड़कियों में समाज कल्याण विभाग के अलावा सीडब्ल्यूसी और इंटीग्रेटेड रेस्क्यू सेंटर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.