रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने जमशेदपुर निवासी इंटरनेशनल बास्केटबॉल प्लेयर पी रत्ना राव उर्फ जॉनी की हत्या के 20 साल बाद उनकी पत्नी चंदा उर्फ डॉली सहित चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि, इनमें से दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है और एक अब तक फरार चल रहा है.
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पी रत्ना राव उर्फ जॉनी की हत्या 17 जून 2003 को गोली मारकर कर दी गई थी. वह बास्केटबॉल की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके थे और टाटा स्टील के स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट में अफसर के तौर पर तैनात थे. इस मामले में जॉनी के पिता के बयान पर आठ आरोपियों- पत्नी पी चंदा राव उर्फ डॉली, छोटका, राजू पोंडवाल, मोहन गुप्ता, रवि चौरसिया, मोहम्मद अख्तर, सतपाल सिंह और पप्पू झा के खिलाफ गोली मारकर हत्या करने, साजिश रचने और अवैध हथियार रखने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कराया गया था.
वर्ष 2005 में जमशेदपुर की जिला कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जिला अदालत के इस फैसले को सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब 17 साल बाद हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए जॉनी की पत्नी चंदा उर्फ डॉली सहित जिन चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, उनमें मोहन गुप्ता, शिवनारायण यादव उर्फ छोटका और राजू पोंडवाल शामिल हैं.
हालांकि, शिवनारायण यादव उर्फ छोटका और राजू पोंडवाल की मौत हो चुकी है. मोहन गुप्ता अब तक फरार चल रहा है. अदालत ने चार अन्य अभियुक्तों रवि चौरसिया, मो. अख्तर, सतपाल सिंह और पप्पू झा को सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई थी कि जॉनी की पत्नी चंदा का अपने पड़ोसी शिवनारायण यादव उर्फ छोटका के साथ ढाई सालों से विवाहेतर संबंध चला आ रहा था. चंदा के दबाव पर शिवनारायण ने सुपारी देकर जॉनी का कत्ल कराया था.
इनपुट- आईएएनएन