रांची: राज्य में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. राज्य के 18 जिलों में ब्लैक फंगस (black fungus) के या तो कंफर्म केस हैं या फिर सस्पेक्टेड केस मान कर रोगियों का इलाज हो रहा है. अभी तक ब्लैक फंगस के 41 मामले की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने कर दी है. जबकि 50 मामले को सस्पेक्टेड केस माना गया है. राज्य में ब्लैक फंगस के कुल 91 केस मिल चुके हैं. अब तक 12 लोगों की जान ब्लैक फंगस ले चुका है.
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रांची के रिम्स में इलाज के दौरान गढ़वा और लातेहार के एक- एक और ब्लैक फंगस के मरीज की मौत
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) से रिम्स में दो लोगों की इलाज के दौरान मौत के साथ ही ब्लैक फंगस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. अब तक रिम्स में 4, मेडिका हॉस्पिटल में 4, टीएमएच में 3 और राज हॉस्पिटल में 1 ब्लैक फंगस के मरीज की मौत हुई है.
सबसे ज्यादा केस रांची और पूर्वी सिंहभूम में
रांची में ब्लैक फंगस के 16 कंफर्म और 11 सस्पेक्टेड केस हैं तो पूर्वी सिंहभूम में 12 कंफर्म और 03 सस्पेक्टेड केस मिले हैं.
इन जिलों में भी है ब्लैक फंगस के कंफर्म केस
चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, गोड्डा, हजारीबाग, जामताड़ा में 1-1, पलामू में 2, रामगढ़ में 4 कंफर्म केस हैं.
इन जिलों में भी सस्पेक्टेड केस
बोकारो में 2, चतरा में 2, धनबाद में 2, गढ़वा में 5, गिरिडीह में 6, गोड्डा में 2, गुमला में 2, हजारीबाग में 5, कोडरमा में 3, लातेहार में 1, पलामू में 2, रामगढ़ में 3 और साहिबगंज में 1 सस्पेक्टेड केस है.
लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध-स्वास्थ्य विभाग
NHM झारखंड के IEC नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने फिर दोहराया है कि राज्य में म्यूकरमाइकोसिस के इलाज के लिए लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. सभी जिलों को दवा भेज दी गई है. निजी अस्पताल भी NHM से amphojharkhand@gmail.com पर डिमांड कर उचित कीमत पर दवा प्राप्त कर सकते हैं.