रांची: 1971 के युद्ध में छह पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाने वाले बिहार रेजिमेंट के पूर्व सैनिक पोदना बलमुचू ने 81 साल की उम्र में 20 दिसंबर को विधानसभा मार्च की घोषणा की है. राष्ट्रीय युवा शक्ति से जुड़े युवाओं ने पूर्व सैनिक का समर्थन में विधानसभा तक मार्च करने का फैसला किया है.
बिहार-झारखंड की धरती वीर और साहसी लोगों की धरती है. यहां से 80 साल के वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे, तो धरती आबा ने अपनी युवावस्था में फिरंगियों के खिलाफ उलगुलान कर दिया था. इतिहास के पन्नों में दर्ज इन वीरों का जिक्र इसलिए किया जाता है क्योंकि वीरों की भूमि बिहार झारखंड के लोग अन्याय बर्दाश्त नहीं करते हैं.
15 दिनों से बैठे हैं धरने पर: ताजा मामला बिहार रेजिमेंट के सिपाही पोदना बलमुचू का है, जिन्होंने 81 साल की उम्र में अपने हक और अधिकार के लिए उलगुलान की पूरी तैयारी कर चाईबासा से रांची आये हैं और राजभवन के सामने धरना दे रहे हैं. वे 03 दिसंबर 2023 से अपनी 75 वर्षीय पत्नी सुमी बलमुचू और बेटे-बेटियों के साथ धरने पर बैठे हैं. जब 15 दिनों तक सरकार के नुमाइंदों और सत्ताधारी दलों के नेताओं ने उनकी सुध नहीं ली, तो अब सरकार को जगाने के लिए उन्होंने 20 दिसंबर को विधानसभा मार्च का ऐलान किया है. पूर्व सैनिक द्वारा राजभवन से विधानसभा तक पैदल मार्च करने के फैसले के बाद सामाजिक संगठन राष्ट्रीय युवा शक्ति ने एक आपात बैठक की और पूर्व सैनिक को उनके मार्च में पूरा समर्थन देने का फैसला किया. साथ ही जरूरत पड़ने पर हजारों तिरंगे झंडों के साथ संसद भवन तक मार्च करने के लिए तैयार रहने का भी निर्णय लिया गया है.
भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लगी थी गोली: 1965 और 1971 के युद्धों में भाग लेने वाले बिहार रेजिमेंट के कांस्टेबल पोदना बलमुचू को 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान दो बार गोली मार दी गई थी. इसके बाद, उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. पोदना बालमुच का कहना है कि उस समय उनकी पत्नी को नौकरी, पेंशन और जमीन देने की बात हुई थी, लेकिन हुआ यह कि उन्हें भी इस आधार पर पेंशन देने से इनकार कर दिया गया कि उन्होंने 15 साल की अनिवार्य सेवा पूरी नहीं की है. पोदना बालमुच का कहना है कि 13 मार्च 2023 को उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी और अपना दर्द बयां किया था, उस समय उन्होंने पेंशन और जमीन देने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक उन्होंने वादा पूरा नहीं किया है, ऐसे में अब हम विधानसभा तक मार्च करेंगे. न तो हमने कभी हार मानी है और न ही मानेंगे.
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