रांची: 2022 में झारखंड विधानसभा से पारित 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को सरकार दोबारा लगभग उसी प्रारूप में विधानसभा से पास कराकर मंजूरी के लिए राजभवन भेजेगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि लगभग एक साल तक सर्वसम्मति से पारित विधेयक पर राज्यपाल कुंडली मारे बैठे थे. उन्होंने कहा कि अब जब राज्यपाल ने इस विधेयक को अपने मंतव्य के साथ विधानसभा को भेजा है, उसमें भी उन्होंने कुछ पेंच फंसाया है.
स्थानीय नीति पर सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि चतुर्थ और तृतीय श्रेणी की जिला स्तरीय नौकरी सिर्फ स्थानीय को देने के प्रावधान को पांच वर्ष तक करने की सलाह ठीक नहीं है, क्योंकि जिस उम्मीद और अपेक्षा के साथ झारखंड राज्य का निर्माण हुआ है, उस अपेक्षा को हम सिर्फ पांच वर्ष में पूरा नहीं कर सकते. झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि सरना धर्म कोड झारखंड की अस्मिता और पहचान से जुड़ा है और स्थानीयता का मामला.
राज्यपाल के संदेश को राजनीतिक संदेश बताते हुए कहा सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि कई राज्यों में यह नीति है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी जिला स्तर के लोगों के लिए ही हो. लेकिन राज्यपाल ने एक शिगूफा छोड़कर भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश की है.
खतियान ही होगा झारखंडी होने का प्रमाण-JMM: झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि सबसे ज्यादा उपेक्षित यहां के ट्राइबल और मूलवासी हैं. झारखंड की लड़ाई इनकी ही लड़ाई थी. इसलिए झामुमो हर हाल में अपने कमिटमेंट पर कायम है. उन्होंने कहा कि झामुमो यह समझती है कि सरकार स्थानीय नीति को लागू करने के लिए किसी भी हद तक जाएगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जहां जहां जिस समय का खतियान है वही वहां के मूलवासियों की पहचान है.
सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि जहां जहां सर्वे नहीं हुआ है वहां ग्रामसभा वहां के स्थानीय या मूलवासी की पहचान करेंगे. झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री संवाद स्थापित कर रहे हैं, अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है. ऐसे में अब स्थानीयता के मुद्दे को विपक्ष राजनीति का मुद्दा बना रहे हैं, जबकि यह हमारे अस्तित्व का मुद्दा है.
बाबूलाल मरांडी और राजा पीटर के बीच की मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए JMM नेता ने कहा कि हमारे विधायक के पिता पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के दोषी है. अब जमानत पर बाहर आने के बाद बाबूलाल मरांडी और राजा पीटर के मुलाकात पर वहीं जवाब देंगे. वर्तमान में निकल रही नियुक्तियों में बाहरी को कैसे रोकेंगे इस सवाल के जवाब में सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि हमारे पास बाहरियों के बहाली रोकने के उपाय हैं.
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