रांचीः केंद्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से श्रीलंका में फंसे 19 मजदूरों की शुक्रवार को वतन वापसी हो गयी है. सभी मजदूर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो एयरपोर्ट से शुक्रवार की सुबह 3:00 बजे चेन्नई के लिए हवाई जहाज में बैठ गए थे. करीब डेढ़ घंटे की हवाई यात्रा के बाद सभी मजदूर चेन्नई पहुंचे.
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श्रीलंका में फंसे मजदूरों की वतन वापसी हो गयी है. श्रीलंका में फंसे झारखंड के 19 मजदूर वापस लौटे हैं. चेन्नई पहुंचने के बाद सभी मजदूर ने राहत की सांस ली और वहां पर थोड़ी देर आराम करने के बाद करीब 12:00 बजे मजदूरों को इंडिगो विमान सेवा के माध्यम से रांची लाया गया. दोपहर 2:00 बजे रांची पहुंचने के बाद मजदूरों ने झारखंड सरकार और केंद्र सरकार का धन्यवाद अदा किया है.
रांची एयरपोर्ट पर श्रम विभाग के अधिकारी के साथ साथ प्रवासी मजदूरों के हित के लिए काम कर रहे समाजसेवी सिकंदर अली ने मजदूरों का स्वागत किया. सभी मजदूरों को अपने अपने पैतृक घर जाने की व्यवस्था कराई. अपने राज्य लौटने के बाद मजदूरों ने कहा कि अगर अपने देश में ही कमाने की बेहतर व्यवस्था हो जाए तो वह कभी भी विदेश का रुख नहीं करेंगे. अपने देश के हुनरमंद मजदूरों को अच्छा रोजगार नहीं मिलने की वजह से उन्हें मजबूरी में विदेश जाना पड़ता है.
श्रीलंका से वापस आने वाले मजदूरों में गिरिडीह, धनबाद, हजारीबाग जिले के मजदूर शामिल हैं. वापस आने वाले मजदूरों के नाम इस प्रकार हैं. गिरिडीह जिला के बगोदर प्रखंड के बनपुरा वकील महतो, कारू अंसारी, अब्दुल अंसारी, अख्तर अंसारी, फिरोज आलम, छात्रधारी महतो, देवानंद महतो, सहदेव महतो, रामचंद्र कुमार शामिल हैं. वहीं ढिबरा ब्लॉक के प्रसादी महतो, घाघरा के प्रदीप महतो, तुलसी महतो, तारानारी के कौलेश्वर महतो, सरिया प्रखंड के चिचारी के तिलक महतो, राजेश महतो, डुमरी प्रखंड के टिंगरा के महेश महतो, धनबाद जिला के तोपचांची के मनोज कुमार और हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ़ प्रखंड के भलुआ के नागेश्वर महतो और देवेंद्र महतो शामिल हैं.
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यहां बता दें कि दो महीने पूर्व सभी मजदूर रोजगार के लिए श्रीलंका गए हुए थे. इस दौरान काम करने के एवज में मजदूरी मांगने पर कंपनी ने मजदूरों का वीजा जब्त कर लिया है. इससे मजदूरों को खाने-पीने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. श्रीलंका में फंसे इन मजदूरों ने इसी सप्ताह सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर अपना दुखड़ा साझा करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार से सहयोग की मांग की थी. जिसे ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. ईटीवी भारत की खबर पर सीएम हेमंत सोरेन गंभीरता दिखाते हुए केंद्रीय विदेश मंत्री को इसमें पहल करने की मांग की थी. इसके बाद वहां फंसे मजदूरों की वापसी हो गई है.