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झारखंड में खुले 16 रिसोर्स जेंडर सेंटर, महिलाएं होंगी सशक्त, लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ अभियान शुरू

केंद्र सरकार की ओर से देश भर में "नई चेतना-पहल बदलाव की" की शुरूआत की गई है. इस अभियान के तहत महिलाओं के खिलाफ हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या को लेकर कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके लिए झारखंड में 16 रिसोर्स जेंडर सेंटर खोले गए हैं. (Resource Gender Centers in Jharkhand)

SIXTEEN GENDER RESOURCE CENTRE OPENED
SIXTEEN GENDER RESOURCE CENTRE OPENED
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Published : Nov 25, 2022, 7:51 PM IST

नई दिल्ली/रांची: आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत नई दिल्ली में लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ "नई चेतना-पहल बदलाव की" का शुभारंभ हुआ है. यह अभियान 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक देश भर की सखी मंडल की महिलाएं संकुल संगठन स्तर पर चलाएंगी. इस अभियान के जरिए ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा (Violence against women), उत्पीड़न, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, डायन कुप्रथा पर कार्यक्रम चलाया जाएगा.

कार्यक्रम में खूंटी के तोरपा प्रखंड की नीलम देवी ने अपने महिला समूह द्वारा गरिमा परियोजना के तहत डायन कुप्रथा की दिशा में किए गये कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनके गांव की एक पीड़िता के जीवन में समूह की सहायता से बदलाव लाया गया है. अब वह खुद प्रशिक्षण लेकर इस कुप्रथा के खिलाफ महिला संगठन का साथ दे रही हैं.

इस मौके पर देश भर में 160 नये जीआरसी का शुभारंभ किया गया. इनमें झारखंड राज्य के 16 जेंडर रिसोर्स सेंटर शामिल हैं (Resource Gender Centers in Jharkhand). इन सेंटर्स के जरिए महिलाओं को सीधे प्रशासनिक और कानूनी सेवाओं से भी जोड़ा जाएगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश की महिलाएं किसी भी मामले में पुरूषों से कम नहीं हैं. उन्हें बस अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है. इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने सखी मंडल की महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशांसा की. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के कमजोर वर्ग को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए DAY-NRLM और हमारे गांव की महिलएं प्रयास कर रही हैं. कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह समेत उनके मंत्रालय के अन्य मंत्री और अधिकारी के अलावा देशभर के सखी मंडलों की महिलाएं मौजूद थी.

नई दिल्ली/रांची: आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत नई दिल्ली में लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ "नई चेतना-पहल बदलाव की" का शुभारंभ हुआ है. यह अभियान 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक देश भर की सखी मंडल की महिलाएं संकुल संगठन स्तर पर चलाएंगी. इस अभियान के जरिए ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा (Violence against women), उत्पीड़न, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, डायन कुप्रथा पर कार्यक्रम चलाया जाएगा.

कार्यक्रम में खूंटी के तोरपा प्रखंड की नीलम देवी ने अपने महिला समूह द्वारा गरिमा परियोजना के तहत डायन कुप्रथा की दिशा में किए गये कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनके गांव की एक पीड़िता के जीवन में समूह की सहायता से बदलाव लाया गया है. अब वह खुद प्रशिक्षण लेकर इस कुप्रथा के खिलाफ महिला संगठन का साथ दे रही हैं.

इस मौके पर देश भर में 160 नये जीआरसी का शुभारंभ किया गया. इनमें झारखंड राज्य के 16 जेंडर रिसोर्स सेंटर शामिल हैं (Resource Gender Centers in Jharkhand). इन सेंटर्स के जरिए महिलाओं को सीधे प्रशासनिक और कानूनी सेवाओं से भी जोड़ा जाएगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश की महिलाएं किसी भी मामले में पुरूषों से कम नहीं हैं. उन्हें बस अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है. इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने सखी मंडल की महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशांसा की. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के कमजोर वर्ग को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए DAY-NRLM और हमारे गांव की महिलएं प्रयास कर रही हैं. कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह समेत उनके मंत्रालय के अन्य मंत्री और अधिकारी के अलावा देशभर के सखी मंडलों की महिलाएं मौजूद थी.

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