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वैश्विक महामारी के बीच आस्था में नहीं कोई कमी, 14 वर्षीय बालक ने किया मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण

कोरोना के कारण सभी मूर्तिकार के जीवन पर असर पड़ा है. वहीं, रांची में एक 14 वर्षीय अविनाश मुंडा ने मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर उसे स्थापित किया और 9 दिनों तक फलाहार रहकर उसकी पूजा-अर्चना भी कर रहा है.

boy made statue of maa durga in ranchi
मां दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण
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Published : Oct 24, 2020, 4:24 PM IST

रांचीः वैश्विक महामारी के कारण राजधानी में होने वाला दुर्गोत्सव इस बार फीका पड़ गया है. दुर्गोत्सव को और भव्य और आकर्षक बनाने के लिए पूजा पंडाल बनाया जाता था, लेकिन इस बार यह नजारा देखने को नहीं मिल रहा है. इसके बावजूद लोगों में मां शारदे के प्रति श्रद्धा भाव कम नहीं हुआ और जिसका ताजा उदाहरण मां दुर्गा के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाले 14 वर्षीय अविनाश मुंडा ने पेश की है. अविनाश अपने हाथों से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर स्थापित करता है और 9 दिनों तक फलाहार रहकर पूजा-अर्चना भी करता है.

देखें पूरी खबर
14 वर्षीय बालक ने किया मूर्ती का निर्माणकोरोना काल के कारण बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी गई, जिसके कारण मूर्तिकारों के जीवन पर काफी असर पड़ा है. रांची के हातमा बस्ती के 14 वर्षीय अविनाश मुंडा एक ऐसा मूर्तिकार है, जो सिर्फ एक मूर्ति अपने लिए बनाता है और उसे स्थापित कर 9 दिनों तक पूजा करता है. अविनाश मुंडा की मानें तो इस बार कोरोना के कारण उसे डर लग रहा था कि इस बार पूजा कैसे संपन्न होगी, लेकिन उसकी मां के सहयोग से उसने खेतों से मिट्टी इकट्ठा कर अपने हाथों से हर साल की भांति मूर्ति का निर्माण किया और पूजा पाठ शुरू कर दिया. अविनाश बस्ती में एक उदाहरण बन गया है.

इसे भी पढ़ें- प्रवासी मजदूरों का फिर से पलायन शुरू, विधायक ने दिए कुछ अलग ही तर्क

9 दिनों तक मां दुर्गा का पाठ
ईटीवी की टीम को अविनाश ने बताया कि उसे पूजा-पाठ करने में काफी आनंद आता है और वह बचपन से मां दुर्गा की आराधना करता है. इस बार कोविड-19 के कारण ऐसा लग रहा था कि मां दुर्गा की पूजा में दिक्कत होगी, लेकिन माता के आशीर्वाद से प्रतिमा का निर्माण किया. पंडित के मंत्र उच्चारण करने के बाद उसे स्थापित किया गया. 9 दिनों तक मां दुर्गा का पाठ किया जा रहा है. उसने बताया कि इस भक्ति में छोटे-छोटे बच्चे भी उसका साथ देते हैं. मां दुर्गा से जल्द से जल्द कोरोना महामारी को समाप्त करने की कामना की गई.

पूजा अर्चना में छोटे-छोटे बच्चे विलीन
मां दुर्गा का पाठ करा रहे हैं पुजारी भी इस बच्चे की भक्ति को देखकर कहते है कि ऐसी भक्ति को देख मन गदगद हो जाता है. मां भगवती की पूजा अर्चना में छोटे-छोटे बच्चे विलीन नजर आते हैं. अविनाश मुंडा खुद अपने हाथों से मां भगवती के मूर्ति का निर्माण करता है. एक छोटे से पंडाल में स्थापित कर 9 दिनों तक मां भगवती का पाठ करता है. 9 दिनों के पाठ होने के कारण इस बस्ती का पूरा शुद्धिकरण हो जाता है.

रांचीः वैश्विक महामारी के कारण राजधानी में होने वाला दुर्गोत्सव इस बार फीका पड़ गया है. दुर्गोत्सव को और भव्य और आकर्षक बनाने के लिए पूजा पंडाल बनाया जाता था, लेकिन इस बार यह नजारा देखने को नहीं मिल रहा है. इसके बावजूद लोगों में मां शारदे के प्रति श्रद्धा भाव कम नहीं हुआ और जिसका ताजा उदाहरण मां दुर्गा के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाले 14 वर्षीय अविनाश मुंडा ने पेश की है. अविनाश अपने हाथों से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर स्थापित करता है और 9 दिनों तक फलाहार रहकर पूजा-अर्चना भी करता है.

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14 वर्षीय बालक ने किया मूर्ती का निर्माणकोरोना काल के कारण बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी गई, जिसके कारण मूर्तिकारों के जीवन पर काफी असर पड़ा है. रांची के हातमा बस्ती के 14 वर्षीय अविनाश मुंडा एक ऐसा मूर्तिकार है, जो सिर्फ एक मूर्ति अपने लिए बनाता है और उसे स्थापित कर 9 दिनों तक पूजा करता है. अविनाश मुंडा की मानें तो इस बार कोरोना के कारण उसे डर लग रहा था कि इस बार पूजा कैसे संपन्न होगी, लेकिन उसकी मां के सहयोग से उसने खेतों से मिट्टी इकट्ठा कर अपने हाथों से हर साल की भांति मूर्ति का निर्माण किया और पूजा पाठ शुरू कर दिया. अविनाश बस्ती में एक उदाहरण बन गया है.

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9 दिनों तक मां दुर्गा का पाठ
ईटीवी की टीम को अविनाश ने बताया कि उसे पूजा-पाठ करने में काफी आनंद आता है और वह बचपन से मां दुर्गा की आराधना करता है. इस बार कोविड-19 के कारण ऐसा लग रहा था कि मां दुर्गा की पूजा में दिक्कत होगी, लेकिन माता के आशीर्वाद से प्रतिमा का निर्माण किया. पंडित के मंत्र उच्चारण करने के बाद उसे स्थापित किया गया. 9 दिनों तक मां दुर्गा का पाठ किया जा रहा है. उसने बताया कि इस भक्ति में छोटे-छोटे बच्चे भी उसका साथ देते हैं. मां दुर्गा से जल्द से जल्द कोरोना महामारी को समाप्त करने की कामना की गई.

पूजा अर्चना में छोटे-छोटे बच्चे विलीन
मां दुर्गा का पाठ करा रहे हैं पुजारी भी इस बच्चे की भक्ति को देखकर कहते है कि ऐसी भक्ति को देख मन गदगद हो जाता है. मां भगवती की पूजा अर्चना में छोटे-छोटे बच्चे विलीन नजर आते हैं. अविनाश मुंडा खुद अपने हाथों से मां भगवती के मूर्ति का निर्माण करता है. एक छोटे से पंडाल में स्थापित कर 9 दिनों तक मां भगवती का पाठ करता है. 9 दिनों के पाठ होने के कारण इस बस्ती का पूरा शुद्धिकरण हो जाता है.

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