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शर्मनाक! एक साल से लापता हैं राज्य की 82 लड़कियां और 52 लड़के, पूरे सिस्टम पर उठे सवाल - झारखंड न्यूज

134 children of Jharkhand missing. झारखंड में एक साल से 134 बच्चे गायब हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है. जिसमें 82 लड़कियां और 52 लड़के शामिल हैं. सरकार ने इस बात की जानकारी सोमवार को विधानसभा में दी. Jharkhand Assembly winter session.

134 children of Jharkhand missing
134 children of Jharkhand missing
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 18, 2023, 7:28 PM IST

रांची: झारखंड हमेशा से मानव तस्करी का मुफीदगाह रहा है. इसकी वजह है गरीबी और लाचारी. इसका सबसे सॉफ्ट टारगेट बनते हैं आदिवासी समाज के बच्चे और बच्चियां. ज्यादातर मामलों में बिचौलिया की भूमिका गांव या परिवार के लोग ही निभाते हैं. चंद पैसे की लालच में बड़े-बड़े शहरों में बच्चों को बेच दिया जाता है. सदन में भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता के एक सवाल के जवाब में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने जो जानकारी दी है, वह राज्य को शर्मसार करने वाली है.

विभाग के मुताबिक साल 2022 में 262 लड़के और 432 लड़कियां लापता हुईं थी. कुल संख्या 692 में से अबतक 560 को बरामद किया जा चुका है. लेकिन अभी भी 134 का कोई पता नहीं चल पाया है. इनमें 52 लड़के और 82 लड़कियां शामिल हैं. हालांकि बड़े शहरों में फंसे ऐसे बच्चों को छुड़ाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी बनाया गया है, जो लापता बच्चों से जुड़े एफआईआर का अनुसंधान कर कार्रवाई कर रही है.

गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि जिला स्तर से लापता बच्चों की सूचना को ट्रैफिकिंग द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इनसे जुड़ी सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम बनाकर बच्चों को छुड़ाया जाता है. इसका सकारात्मक असर दिख रहा है. विभाग ने भरोसा दिलाया है कि अगर जरुरत पड़ी तो इस मसले की दोबारा समीक्षा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सच यही है कि साल 2022 में लापता लड़के और लड़कियों में से अबतक 134 गायब हैं. यह चिंता की बात है.

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विभाग के मुताबिक साल 2022 में 262 लड़के और 432 लड़कियां लापता हुईं थी. कुल संख्या 692 में से अबतक 560 को बरामद किया जा चुका है. लेकिन अभी भी 134 का कोई पता नहीं चल पाया है. इनमें 52 लड़के और 82 लड़कियां शामिल हैं. हालांकि बड़े शहरों में फंसे ऐसे बच्चों को छुड़ाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट भी बनाया गया है, जो लापता बच्चों से जुड़े एफआईआर का अनुसंधान कर कार्रवाई कर रही है.

गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि जिला स्तर से लापता बच्चों की सूचना को ट्रैफिकिंग द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इनसे जुड़ी सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम बनाकर बच्चों को छुड़ाया जाता है. इसका सकारात्मक असर दिख रहा है. विभाग ने भरोसा दिलाया है कि अगर जरुरत पड़ी तो इस मसले की दोबारा समीक्षा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. लेकिन सच यही है कि साल 2022 में लापता लड़के और लड़कियों में से अबतक 134 गायब हैं. यह चिंता की बात है.

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