रांची: कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और इसकी रोकथाम के लिए पूरे देश को 31 मई तक के लिए लॉकडाउन किया गया है. इस अवधि के दौरान जिला प्रशासन गरीबों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. हाल ही में राज्यस्तर पर शुरू हुए मुख्यमंत्री दीदी किचन के तहत गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. दीदी किचन में अभी तक राज्य के विभिन्न पंचायतों में 12 लाख से अधिक गरीब असहाय और बेबस लोगों को मुफ्त भरपेट भोजन कराया जा चुका है. जिसकी सराहना चारों ओर की जा रही है.
लेकिन पिठोरिया पंचायत के दीदी किचन का नजारा इसक उलट नजर आ रहा है, पिठोरिया पंचायत में दीदी किचन की शुरुआत 3 अप्रैल से शुरू हुई थी. जिसमें शुरुआत में दो वक्त का भोजन लोगों को मुहैया कराया गया, लेकिन बाद में 3 मई से प्रभावी लॉकडाउन तीन की अवधि में भोजन की कटौती कर लोगों को एक टाइम का ही भोजन मुहैया कराया जाने लगा. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
रोज 100 से 120 लोग करते हैं भोजन
दीदी किचन संचालन कर रही महिला बताती है कि प्रत्येक दिन इस दीदी किचन से लगभग 100 से 120 वृद्ध महिला, पुरुष, प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया कराया जा रहा है. यहां तक कि एक टाइम के भोजन खाने के बाद शाम के लिए भोजन भी ले जाने के लिए दिया जाता है. प्रत्येक दिन भोजन बनाने का खर्च 1200 से 1500 रुपए पड़ता है. जिसका पैसा राज्य सरकार मुहैया कराती है, उन्होंने कहा कि पहले किस्त में हम लोगों को पैसे मिल चुके हैं. अभी स्वयं सहायता के समूह के पैसे से भोजन मुहैया कराई जा रही है. जिसके कारण उन्हें कुछ पैसे घर से भी देने पड़ते हैं. जिस कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
चारों ओर हो रही काम की सराहना
जेएसएलपीएस के द्वारा संचालित मुख्यमंत्री दीदी की सबसे ज्यादा सराहना ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में ही वृद्ध असहाय और प्रवासी मजदूर फंसे होते हैं. ऐसे में लोगों को भोजन मुहैया कराने से सरकार की इस योजना की काफी सराहना की जा रही है.
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मुख्यमंत्री दीदी किचन में प्रत्येक दिन भोजन करने आ रही वृद्ध महिला बताती हैं कि अगर इस योजना के तहत हम लोगों को भोजन नहीं मिलता. तो हम लोग महामारी से तो नहीं लेकिन भूख से जरूर मर जाते. जिस तरीके से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हम गरीबों के लिए जो योजना का शुभारंभ किया है, उसके लिए वे मुख्यमंत्री का दिल से आभार प्रकट करती हैं.