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रामगढ़: मजदूर के शव को लेकर फैक्ट्री गेट के पास किया धरना-प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

रामगढ़ में एक मजदूर के मौत के बाद उसके शव को लेकर मजदूर और नेताओं ने फैक्ट्री के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. इस धरना के जरिए मृतक के परिवार को मुआवजा राशि और नौकरी देने की मांग की गई.

workers protest for compensation in ramgarh
धरना-प्रदर्शन
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Published : Aug 16, 2020, 3:51 PM IST

रामगढ़: जिले के अरगड्डा हेसला मे रुंगटा ग्रुप के आयरन स्पंज फैक्ट्री के बाहर एक मजदूर के शव को लेकर मजदूरों ने धरना-प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग करने लगे. 15 अगस्त की देर रात फैक्ट्री पहुंची रामगढ पुलिस ने बल प्रयोग कर धरना पर बैठे लोगों को भगाने की भी कोशिश की गई लेकिन पुलिस सफल नहीं हो सकी. हालांकि इस धरना-प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी मांगों पर अड़े रहे.

देखें पूरी खबर

क्या है पूरा मामला

फैक्ट्री गेट के बाहर धरना-प्रदर्शन में शामिल मजदूरों और नेताओं का कहना है कि मृतक बुधु उरांव 15 साल से फैक्ट्री में कार्यरत था, वो फैक्ट्री के इंडक्शन विभाग में कार्यरत था. 9 तारीख को काम करने के दौरान बेहोश होकर गिर गया था. जिसे बेहतर इलाज के लिए रांची शैंफर्ड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. वहां के डॉक्टरों ने ब्रेन हेमरेज बताया जिसका इलाज 7 दिनों तक रांची में चला और फिर 15 तारीख को उसकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद मुआवजे की मांग को लेकर सभी मजदूरों ने 15 अगस्त की देर शाम शव के साथ फैक्ट्री के गेट के सामने जाम कर दिया.

इस मौके पर रामगढ़ पुलिस देर रात पहुंची और वहां धरना-प्रदर्शन पर बैठे लोगों को बल का प्रयोग करते हुए खदेड़ा लेकिन बावजूद इसके लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए वहां बैठे रहे.

ये भी देखें- झारखंड प्रदेश के निर्माता अटल जी को श्रद्धांजलि, अपने शासनकाल में किया था नया कीर्तिमान स्थापित: बीजेपी

वहीं, बुधु उरांव की पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति का प्रबंधन ने इलाज नहीं कराया. जिस कारण उसके पति की मौत हो गई. इसके साथ ही फैक्ट्री प्रबंधन एक परिवार को नौकरी और मुआवजा की मांग भी की है ताकि इनका जीवन यापन चल सके. धरना प्रदर्शन में बैठे ग्रामीण और नेता मृतक के परिजनों के साथ हैं. उनका भी कहना है कि प्रबंधन को मुआवजा और नौकरी देनी चाहिए.

रामगढ़: जिले के अरगड्डा हेसला मे रुंगटा ग्रुप के आयरन स्पंज फैक्ट्री के बाहर एक मजदूर के शव को लेकर मजदूरों ने धरना-प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग करने लगे. 15 अगस्त की देर रात फैक्ट्री पहुंची रामगढ पुलिस ने बल प्रयोग कर धरना पर बैठे लोगों को भगाने की भी कोशिश की गई लेकिन पुलिस सफल नहीं हो सकी. हालांकि इस धरना-प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी मांगों पर अड़े रहे.

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क्या है पूरा मामला

फैक्ट्री गेट के बाहर धरना-प्रदर्शन में शामिल मजदूरों और नेताओं का कहना है कि मृतक बुधु उरांव 15 साल से फैक्ट्री में कार्यरत था, वो फैक्ट्री के इंडक्शन विभाग में कार्यरत था. 9 तारीख को काम करने के दौरान बेहोश होकर गिर गया था. जिसे बेहतर इलाज के लिए रांची शैंफर्ड हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. वहां के डॉक्टरों ने ब्रेन हेमरेज बताया जिसका इलाज 7 दिनों तक रांची में चला और फिर 15 तारीख को उसकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद मुआवजे की मांग को लेकर सभी मजदूरों ने 15 अगस्त की देर शाम शव के साथ फैक्ट्री के गेट के सामने जाम कर दिया.

इस मौके पर रामगढ़ पुलिस देर रात पहुंची और वहां धरना-प्रदर्शन पर बैठे लोगों को बल का प्रयोग करते हुए खदेड़ा लेकिन बावजूद इसके लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए वहां बैठे रहे.

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वहीं, बुधु उरांव की पत्नी ने आरोप लगाया कि उसके पति का प्रबंधन ने इलाज नहीं कराया. जिस कारण उसके पति की मौत हो गई. इसके साथ ही फैक्ट्री प्रबंधन एक परिवार को नौकरी और मुआवजा की मांग भी की है ताकि इनका जीवन यापन चल सके. धरना प्रदर्शन में बैठे ग्रामीण और नेता मृतक के परिजनों के साथ हैं. उनका भी कहना है कि प्रबंधन को मुआवजा और नौकरी देनी चाहिए.

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