रामगढ: जिले के मांडू ब्लॉक के करमा गांव में महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत महिलाएं सशक्त हो रही हैं. महिला किसान खुद ही आलू रखने के लिए देसी कोल्ड स्टोरेज बना रही हैं जिसमें 6 से 9 क्विंटल तक आलू रखा जा सकता है और यह आलू लगभग 6 महीने तक खराब भी नहीं होगा.
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महिलाएं सीख रही खेती के आधुनिक तौर-तरीके
ग्रामीण विकास विभाग के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत सरकार महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना चला रही है. इस परियोजना के तहत महिला किसानों को खेती के आधुनिक तौर-तरीके सिखाए जा रहे हैं. यही नहीं कैसे जैविक खाद का उपयोग कर अपनी उपज को बढ़ाएं इसके भी गुर सिखाए जा रहे हैं.
महिला समूह के बनाए गए बांस से बने आलू के देसी कोल्ड स्टोरेज के बारे में कोई भी किसान बड़ी आसानी से सीख सकता है और बना सकता है. अगर किसान के पास खुद का बांस हो तो सिर्फ कील खर्च में इस देसी कोल्ड स्टोरेज को तैयार कर सकते हैं. यही नहीं यह समूह जैविक खेती को भी बढ़ावा दे रहा है और जैविक खेती कर अपने उपज को भी बढ़ा रहा है.
गांव-गांव जाकर दे रही देसी कोल्ड स्टोरेज की जानकारी
इस गांव के आसपास कोल्ड स्टोरेज नहीं है जिसके कारण किसान अपने आलू को जमीन पर फैलाकर रखते थे लेकिन वह जल्द ही खराब हो जाता था. लेकिन इस देसी कोल्ड स्टोरेज की जानकारी मिलने के बाद अब गांव की महिलाएं देसी कोल्ड स्टोरेज का न सिर्फ लाभ ले रही हैं बल्कि गांव-गांव जाकर दूसरे किसानों को भी इसे बनाने के गुर सिखा रही हैं ताकि जो आलू की फसल है उसका भंडारण ठीक तरीके से किया जा सके.
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आलू के अलावा किसान इसमें प्याज और हरी सब्जी भी रख सकते हैं. कम लागत में कोई भी किसान इस देसी कोल्ड स्टोरेज को सीख कर आसानी से बना सकता है. किसान अंजू देवी ने बताया कि इस कोल्ड स्टोरेज में 6 से 9 क्विंटल तक आलू एक साथ रखा जा सकता है जो 6 से 7 महीने तक खराब नहीं होते. उन्होंने बताया कि इसका कारण यह है कि बांस ठंडा होता है और इसे आसानी से घरों में रखा जा सकता है.
कैसे बनता है आलू का देसी कोल्ड स्टोरेज
बांस की मदद से 6 फीट लंबाई और 4 फीट चौड़ाई के तीन खानों का एक ढांचा बनाते हैं. बांस की हर लकड़ी के बीच में खाली जगह होती है जिससे आलू को हवा मिलती रहे. बांस की लकड़ी को कील की मदद से एक-दूसरे से जोड़ते हैं.
महिलाएं बताती हैं कि यह देसी कोल्ड स्टोरेज एक बार बनाने के बाद 3 से 4 साल उपयोग कर सकते हैं. यदि पूरे देसी कोल्ड स्टोरेज की बात करें तो 1500 सौ से 2000 हज़ार खर्च में यह बन जाता है यदि किसान के पास अपना बांस हो तो मात्र 200 से 300 सौ में यह देसी कोल्ड स्टोरेज तैयार हो जाएगा.