रामगढ़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शपथ लेते ही पूरी तरह से एक्शन में हैं, सोशल मीडिया पर भी वो काफी एक्टिव रह रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिये भी जो शिकायत उनतक पहुंचती है इसपर वो तुरंत एक्शन ले रहे हैं. रामगढ़ में भी कुछ ऐसा ही हुआ.
यशोदा देवी विधवा पेंशन के लिए पिछले 10-15 सालों से सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रही थी, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वसन ही मिलता था. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उन्हें काफी उम्मीद थी. गांव के एक शख्स ने यशोदा देवी के मामले को हेमंत सोरेन के ट्विटर अकाउंट से शेयर की, जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने एक्शन लिया है. उन्होंने इस मामले की जांच रामगढ़ के डीसी को करने का निर्देश दिया है. गोला प्रखंड कार्यालय ने पेंशन की कागजी कार्रवाई पूरी भी कर ली, लेकिन प्रखंड के बीडीओ और सीओ अबतक न उस महिला से मिले हैं और न ही उनकी अन्य समस्याओं के बारे में उनके गांव जाकर उनका हालचाल जाना. बिना जांच पूरा किए ही कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई, लेकिन अबतक यशोदा देवी को इस मामले की कोई जानकारी नहीं है.
सरकारी अधिकारियों के लापरवाही के कारण बेटूलखुर्द गांव के लगभग सैकड़ों लोगों को विधवा पेंशन के लिए सरकारी दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ रहा है, लेकिन सालों चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें पेंशन नहीं मिल पाया है. मुख्यमंत्री और रामगढ़ उपायुक्त के निर्देश के बावजूद भी गोला प्रखंड के अधिकारी कार्य के प्रति जवाबदेह नजर नहीं आ रहे हैं.
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गांव के लोग हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद काफी उत्साहित हैं और उन्हें सीएम हेमंत से काफी उम्मीदें भी है. ग्रामीणों ने उन्हें अपना बेटा बताते हुए कहा कि अब मुझे जल्द ही पेंशन मिल जाएगा.
इस पूरे मामले को लेकर बीडीओ और अंचल अधिकारी ने कैमरे के सामने कुछ बोलने से मना कर दिया. फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यशोदा देवी का पेंशन हो गया है, जल्द उन्हें पेंशन मिलने लगेगा.