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झारखंड के इन गांव में मूलभूत सुविधाओं की है दरकार, आखिर ग्रामीणों की कब सुनोगे सरकार! - Official Documents

बुढाखुखरा गांव का नाम जिले के मानचित्र में नहीं रहने के कारण सरकारी लाभ इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों को सभी तरह के विकास योजनाओं से वंचित रखने के विरोध में पूरे गांव की महिला, युवक और बुजुर्ग ने बैठक कर आने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने की बात कही है. गांव वालों की मानें तो पिछले 5 सालों से लिखित शिकायत रामगढ़ उपायुक्त, स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री रघुवर दास तक की है. लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली.

प्रदर्शन करते लोग
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Published : Apr 17, 2019, 1:41 PM IST

रामगढ़/जामताड़ा: झारखंड के रामगढ़ में सरकारी दस्तावेजों में बूढ़ा खोखरा गांव का नामो निशान तक नहीं है. इससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बूढ़ा खोखरा गांव की आबादी लगभग एक से डेढ़ हजार है. वहीं, जामताड़ा प्रखंड से सटे कासजोड और तेतुलियाभिठा के गांव आने जाने के लिए जोरिया पर आज तक न पुल बन पाया और ना ही सड़क बनी. इससे नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव 2019 में वोट बहिष्कार का फैसला कर लिया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

गांव वालों की मानें तो बुढाखुखरा गांव का नाम जिले के मानचित्र में नहीं रहने के कारण सरकारी लाभ इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों को सभी तरह के विकास योजनाओं से वंचित रखने के विरोध में पूरे गांव की महिला, युवक और बुजुर्ग ने बैठक कर आने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने की बात कही है. गांव वालों की मानें तो पिछले 5 सालों से लिखित शिकायत रामगढ़ उपायुक्त, स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री रघुवर दास तक की है. लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली. हालांकि 2014 के आमचुनाव और पंचायत चुनाव में दोहाकातू पंचायत के अंतर्गत इस गांव के लोगों ने मतदान किया था.

वहीं, जामताड़ा के जोरिया पर पुल और सड़क बनाने की मांग को लेकर कई बार ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी और मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. नतीजतन सरकारी हीलाहवाली से परेशान ग्रामीण जनता ने इस बार पुल नहीं तो वोट नहीं ऐलान कर दिया है.

रामगढ़/जामताड़ा: झारखंड के रामगढ़ में सरकारी दस्तावेजों में बूढ़ा खोखरा गांव का नामो निशान तक नहीं है. इससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बूढ़ा खोखरा गांव की आबादी लगभग एक से डेढ़ हजार है. वहीं, जामताड़ा प्रखंड से सटे कासजोड और तेतुलियाभिठा के गांव आने जाने के लिए जोरिया पर आज तक न पुल बन पाया और ना ही सड़क बनी. इससे नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव 2019 में वोट बहिष्कार का फैसला कर लिया है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

गांव वालों की मानें तो बुढाखुखरा गांव का नाम जिले के मानचित्र में नहीं रहने के कारण सरकारी लाभ इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों को सभी तरह के विकास योजनाओं से वंचित रखने के विरोध में पूरे गांव की महिला, युवक और बुजुर्ग ने बैठक कर आने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने की बात कही है. गांव वालों की मानें तो पिछले 5 सालों से लिखित शिकायत रामगढ़ उपायुक्त, स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री रघुवर दास तक की है. लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली. हालांकि 2014 के आमचुनाव और पंचायत चुनाव में दोहाकातू पंचायत के अंतर्गत इस गांव के लोगों ने मतदान किया था.

वहीं, जामताड़ा के जोरिया पर पुल और सड़क बनाने की मांग को लेकर कई बार ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी और मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. नतीजतन सरकारी हीलाहवाली से परेशान ग्रामीण जनता ने इस बार पुल नहीं तो वोट नहीं ऐलान कर दिया है.

Intro:जामताड़ा प्रखंड के तेतुल भेटियां और कासजोड गांव के ग्रामीण जनता में खासे नाराजगी है। इस बार पूल नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है और चुनाव में वोट नहीं करने का फैसला किया है लिया है।


Body:जामताड़ा प्रखंड से सटा कासजोड और तेतुलियाभिठा के गांव आने जाने के लिए जोरिया पर आज तक पुल नहीं बना और ना ही सड़क ही बन पाया है। नतीजा जोरिया पर पुल नहीं बनने और सड़क नहीं बनने के कारण ग्रामीण जनता में खासी नाराजगी है। पुल नहीं रहने के कारण ग्रामीण जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है। 8 से 10 किलोमीटर घूमकर जामताड़ा में आना पड़ता है। ग्रामीणों को कहना है कि पुलऔर सड़क नहीं रहने के कारण उनके बच्चे को स्कूल जाने आने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में स्थिति और गंभीर हो जाती है ।आना जाना ही बंद हो जाता है।
बाईट ग्रामीण महिला जानकारी देते हुए।
V2 आने जाने के लिए जोरिया पर पुल बनाने की मांग और सड़क बनाने की मांग को लेकर कई बार ग्रामीण जनता ने जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी यहां तक कि मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई ।लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है। ग्रामीणों को कहना है कि जोरिया पर पुल बनाने की मांग को लेकर यहां के गांव के लोगों ने सभी प्रतिनिधि नेता एवं मुख्यमंत्री तक आयोजित जन चौपाल कार्यक्रम में गुहार लगा चुके हैं। लेकिन सभी नेता आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। आज तक गांव में पुल सड़क नहीं बन पाया। नतीजा अजीज होकर ग्रामीण जनता इस बार पुल नहीं तो वोट नहीं ऐलान कर दिया है।
बाईट ग्रामीण
बाईट एस यादव ग्रामीण जनता


Conclusion:गांव की जनता बरसों से एक अदत जोरिया पर फूल और सड़क की मांग को लेकर तरस रहे हैं।गांव वालों का आरोप है कि चुनाव के समय सभी दल के लोग प्रत्याशी आते हैं और वोट लेते हैं और पुल बनाने का आश्वासन देकर चले जाते हैं। उसके बाद देखने तक नहीं आते । अब गांव वाले वोट नहीं देने का मन बना लिया है। अब देखना है गांव की जनता की मांग पूरी हो पाती है या नहीं।
संजय तिवारी ईटीवी भारत जामताड़ा
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