रामगढ़/जामताड़ा: झारखंड के रामगढ़ में सरकारी दस्तावेजों में बूढ़ा खोखरा गांव का नामो निशान तक नहीं है. इससे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बूढ़ा खोखरा गांव की आबादी लगभग एक से डेढ़ हजार है. वहीं, जामताड़ा प्रखंड से सटे कासजोड और तेतुलियाभिठा के गांव आने जाने के लिए जोरिया पर आज तक न पुल बन पाया और ना ही सड़क बनी. इससे नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव 2019 में वोट बहिष्कार का फैसला कर लिया है.
गांव वालों की मानें तो बुढाखुखरा गांव का नाम जिले के मानचित्र में नहीं रहने के कारण सरकारी लाभ इन लोगों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों को सभी तरह के विकास योजनाओं से वंचित रखने के विरोध में पूरे गांव की महिला, युवक और बुजुर्ग ने बैठक कर आने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने की बात कही है. गांव वालों की मानें तो पिछले 5 सालों से लिखित शिकायत रामगढ़ उपायुक्त, स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री रघुवर दास तक की है. लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली. हालांकि 2014 के आमचुनाव और पंचायत चुनाव में दोहाकातू पंचायत के अंतर्गत इस गांव के लोगों ने मतदान किया था.
वहीं, जामताड़ा के जोरिया पर पुल और सड़क बनाने की मांग को लेकर कई बार ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी और मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. नतीजतन सरकारी हीलाहवाली से परेशान ग्रामीण जनता ने इस बार पुल नहीं तो वोट नहीं ऐलान कर दिया है.