रामगढ़: जहां एक ओर पूरा देश कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी ओर रामगढ़ जिले में बालू तस्करी का अवैध कारोबारी फल-फूल रहे हैं और बड़े पैमाने पर रामगढ़ की दामोदर नदी और हजारीबाग बड़कागांव के सोढ़ नदी से अवैध रूप से बालू हाइवा, ट्रैक्टर के माध्यम से सरकारी या गैर सरकारी कामों में खपाने का काम कर रहे हैं और जिला के वरीय अधिकारी के साथ-साथ जिला माइनिंग पदाधिकारी के साथ-साथ जिला पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं और कोविड-19 के संक्रमण का बहाना बना रहे हैं.
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अवैध काम को रोकने वाला कोई नहीं
रामगढ़ जिले के पतरातू स्थित एनटीपीसी में अवैध बालू लदे दो हाइवा स्थानीय लोगों ने पकड़े. अवैध बालू लदे हाइवा से पानी गिर रहा था. ऐसा लग रहा था कि बालू को अभी ही नदी से निकालकर लाई गई है. बड़कागांव और पतरातू, भुरकुंडा थाना क्षेत्र से बालू की अवैध तस्करी का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. अब तक हजारों हाइवा बालू पीयूवीएनएल पतरातू में खपाया जा चुका है और अवैध बालू को लगातार कंपनी में काम कर रहे ठेकेदार ले रहे हैं. इस अवैध काम को रोकने वाला कोई नहीं है.
प्रतिदिन 30-40 हाइवा से बालू की सप्लाई
जानकारी के मुताबिक रामगढ़ जिले में आज तक किसी भी बालू घाट की नीलामी नहीं हुई है. बावजूद इसके पतरातू क्षेत्र से रांची और आसपास के जिलों में यहां से अवैध रूप से प्रतिदिन 30-40 हाइवा से बालू की सप्लाई की जा रही है और प्रशासन माइनिंग विभाग सुस्त अवस्था में दिख रहा है.
पकड़े गए हाइवा के ड्राइवर से जब पूछताछ की गई तो पहले तो वह कुछ भी नहीं बोला और फोन करने लगा काफी पूछने पर उसने कहा कि सुमित भैया की गाड़ी है. गाड़ी से पानी गिरने के सवाल पर ड्राइवर ने बताया कि बड़कागांव के साढ़ नदी से बालू लोड हुआ है, तो पानी नहीं गिरेगा क्या?
सरकार को राजस्व का भी नुकसान
अवैध बालू के कारोबारियों पर आज तक जिला प्रशासन ने शिकंजा नहीं कसा है जिसके कारण दामोदर की लाइफ लाइन या कहें दामोदर की गंगा का अस्तित्व एक ओर जहां खतरे में है. वहीं, सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. अब देखने वाली बात होगी कि क्या इस खबर के बाद भी प्रशासन जागेगा और कोई कार्रवाई करेगा या फिर अवैध कारोबार इसी तरह चलता रहेगा.