रामगढ़: झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह चल रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग अनुपालन नहीं होने के कारण कई साप्ताहिक हाट बाजार को बंद करा दिया गया है, तो कई का स्थान परिवर्तित कर दिया गया है. इससे किसानों की फसल खेतों में ही सड़ने लगी है.
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कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए झारखंड स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. इसमें विशेषकर सब्जी उत्पादक किसानों की मुसीबतें अधिक बढ़ गईं हैं. कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी है. इसके बाद किसानों को अलग-अलग तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अधिकतर किसान इस समय तैयार फसल को नहीं बेच पाने से मायूस हैं.
किसानों की परेशानी यह है कि इसे तोड़ दें तो बेचे कहां और अगर खेतों में इसे यूं ही छोड़ दिया जाय तो फसल बर्बाद हो जाएगी. किसानों का कहना है कि अब तो परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है. मांग होने के बावजूद सप्लाई नहीं हो पा रही है. शहरों मे लोगों को सब्जियों और फलों की कमी हो रही है, जबकि खेतों मे फसल बर्बाद हो रही है.