रामगढ़: बरकाकाना रेलवे साइडिंग विवाद में नया मोड़ आ गया है. यहां किस्कु कंस्ट्रक्शन की ओर से रैक लोडिंग-अनलोडिंग का विरोध कर रहे लोग दो धड़ों में बंट गए हैं. इनमें से एक धड़ा किस्कु के समर्थन में उतर आया है. विरोध कर रहे विस्थापित मोर्चा के दूसरे धड़े ने न्यू विस्थापित मोर्चा का गठन कर लिया है. इसके बाद इस समूह ने बरकाकाना रेलवे साइडिंग में लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य कर रहे किस्कु कंस्ट्रक्शन को अपना समर्थन दे दिया है. हालांकि इस संबंध विस्थापित मोर्चा के पुराने धड़े से संपर्क नहीं हो सका है.
विस्थापित मोर्चा पर लगाए गंभीर आरोप
न्यू विस्थापित मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों विस्थापितों ने पहले धड़े के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि विस्थापित मोर्चा के नाम पर विस्थापितों का शोषण किया जा रहा है. विस्थापित मोर्चा में पदाधिकारी बने लोग खुद विस्थापित नहीं है, उनकी कोई भी जमीन रेलवे साइडिंग के लिए अधिग्रहीत नहीं की गई. विस्थापित मोर्चा का पदाधिकारी बनकर विस्थापितों को बरगलाया जा रहा है. विस्थापित दो वक्त की रोटी के लिए तरसते हैं, जबकि विस्थापित मोर्चा के पदाधिकारी बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूम रहे हैं. आरोप है कि रेलवे साइडिंग में काम करने वाले ट्रांसपोर्टर और लिफ्टर से विस्थापितों द्वारा आंदोलन करवाने के नाम पर लाखों रुपये की अवैध वसूली की जा रही है. न्यू विस्थापित मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि बरकाकाना रेलवे साइडिंग में लोडिंग-अनलोडिंग का काम कर रही किस्कू कंस्ट्रक्शन का वे लोग साथ देंगे.
कांग्रेस विधायकों ने अनलोडिंग न होने देने की दी थी चेतावनी
इससे पहले बरकाकाना रेलवे-साइडिंग में 9 नवंबर से किस्कू कंस्ट्रक्शन की ओर से लोडिंग-अनलोडिंग का काम शुरू किया था, जिसके विरोध में मांगों को लेकर विस्थापित लामबंद हो गए थे. ग्रामीणों ने कंपनी का काम रोक दिया था. बाद में 9 गांवों के विस्थापितों को किस्कु प्रबंधन ने वार्ता के लिए बुलाया था. हालांकि प्रबंधन के लोग ही मीटिंग में नहीं आए. बाद में रामगढ़ की विधायक ममता देवी और बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान गुरुवार को दोनों विधायकों ने विस्थापितों से बातचीत होने तक काम न होने देने की चेतावनी दी थी.