रामगढ़: पतरातू थर्मल पावर स्टेशन (पीटीपीएस) के स्थान पर पीवीयूएनएल नये सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट का निर्माण करा रहा है. साथ ही पुराने पीटीपीएस (Patratu Thermal Power Station) को पूरी तरह हटाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए एक कंपनी ने ठेका दिया गया है. इसी के तहत एक-एक कर पीटीपीएस के सामानों को गिराया और हटाया जा रहा है.
इसी क्रम में विस्फोट के साथ पुराने पीटीपीएस के मेन पावर हाउस (एमपीएच) को गिराया गया. इसके पहले पीटीपीएस के पुराने कूलिंग टॉवर और दो चिमनियों को गिराया गया था. चिमनी और एमपीएच गिराए जाने से पूरे क्षेत्र में कंपन महसूस किया गया और धुंए का गुबार देखा गया.
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आपको बताते चलें कि भारत रूस मैत्री प्रतीक पतरातू थर्मल पावर स्टेशन की इन दो चिमनियों को वर्ष 1977-78 में भेल कंपनी के सहयोग से बनाया गया था. इसके पूर्व यहां की पहली और दूसरी चिमनी जो रूस और भारत के आपसी सहयोग से वर्ष 1965-68 में बनवाई गई थी. इस तरह से अब पुराने पतरातू थर्मल पावर स्टेशन का निशान मिट जाएगा. इसी के साथ भारत रूस मैत्री की एक निशानी भी मिट जाएगी. उसकी जगह नया प्लांट ले लेगा.
दूसरी ओर अब यहां पर पीवीयूएनएल नया सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट का निर्माण करा रहा है. पीटीपीएस के पुरानी पावर प्लांट को डिस्मेंटल करने के लिए सरकार ने एक कंपनी को ठेका दे दिया है, जो कंपनी पुराने पावर प्लांट को डिस्मेंटल कर रही है.
पतरातू में कंपनः शनिवार को पतरातू में कंपन को लोगों ने महसूस किया. अचानक कंपन से लोग घबरा गए, कुछ लोग घरों के बाहर निकल आए. लोगों ने इस संबंध में पूछताछ भी की. इस दौरान इलाके में धुएं का गुबार भी देखा गया. बाद में लोगों को पता चला कि पतरातू थर्मल पावर स्टेशन के मेन पावर हाउस को गिराया जा रहा है, उसी की वजह से कंपन हुआ तो लोगों ने राहत की सांस ली.