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टाटा प्रबंधन के रवैए से नाराज होकर साइकिल से बिहार निकले मजदूर, रामगढ़ में समाजसेवियों ने करवाया भोजन - रामगढ़ पहुंच बिहार के मजदूर

टाटा स्टील लॉन्ग फैक्ट्री में काम करने वाले 12 मजदूर प्रबंधन के रवैए से तंग आकर साइकिल से बिहार के लिए निकल पड़े. इस क्रम में वे रामगढ़ पहुंचे जहां समाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें भोजन करवाया.

tata labourers reach ramgarh while going bihar
मजदूर
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Published : May 11, 2020, 7:16 PM IST

Updated : May 24, 2020, 8:00 PM IST

रामगढ़: जमशेदपुर के टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्शन फैक्ट्री में कार्यरत बिहार के 12 मजदूर फैक्ट्री प्रबंधन के रवैए से तंग आकर साइकिल से ही बिहार के औरंगाबाद के लिए निकल पड़े. इस क्रम में जब सभी मजदूर रामगढ़ पहुंचे तो यहां के समाजसेवियों ने इनकी मदद की और भोजन का प्रबंध कराया.

देखें पूरी खबर

साइकिल से निकले बिहार

लॉकडाउन के कारण मजदूर अपने घर पहुंचने की जिद में पैदल और साइकिल से निकल रहे हैं. कड़ी धूप में भी सभी 12 मजदूर साइकिल से सड़कों पर औरंगाबाद के लिए चले जा रहे थे शरीर पर बह रहे पसीने और कड़ी धूप की चिंता किए सभी अपने मंजिल में जल्द से जल्द पहुंचने के लिए बड़े चले जा रहे थे. रामगढ़ में मजदूरों ने बताया कि वह सभी औरंगाबाद बिहार के रहने वाले हैं. वर्षों से जमशेदपुर के टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्शन फैक्ट्री में काम करते हैं. लॉकडाउन लगने के बाद से उन लोगों की हालत काफी खराब होती चली गई फैक्ट्री में ना मैनेजर आते हैं ना प्रबंधन की ओर से मजदूरों का कोई हालचाल ही लिया जाता है जिसके कारण वहां के मजदूरों को खाने पीने के लिए भी लाले पड़ गए हैं.

टाटा प्रबंधन ने खोज-खबर नहीं ली

मजबूर होकर काफी मजदूर फैक्ट्री से अपने गांव जाने के लिए निकल पड़े हैं. कोई पैदल जा रहा है तो कोई साइकिल से जा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि वह सभी साइकिल से करीब साढे तीन सौ किलोमीटर की दूरी तय कर अपने गांव औरंगाबाद पहुंचेंगे. इसमें कितना समय लगेगा उनको नहीं मालूम. मजदूरों ने यह भी बताया कि रास्ते में दो-तीन जगह पर समाजसेवी संस्थाओं की ओर से उन सभी को भोजन करवाया गया है और आगे भी इसी आस में चले जा रहे हैं कि कम से कम रास्ते में भोजन की व्यवस्था लोगों की ओर से कर दी जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या अभी भोजन करना है, सभी मजदूरों ने कहा कि टोल प्लाजा के पास ही भोजन मिल रहा था. वहीं से भोजन करके सभी निकले हैं.

मजदूरों ने एक स्वर में कहा कि वर्षो से वह लोग टाटा स्टील में लॉन्ग प्रोडक्शन फैक्ट्री में काम कर रहे हैं लेकिन लॉकडाउन के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन ने वहां कार्यरत मजदूरों कि कोई खोज खबर नहीं ली. यह जानने की कोशिश भी नहीं की कि वहां कार्यरत मजदूर किस हाल में हैं. यह जानने की भी फुर्सत प्रबंधन को नहीं है जिसके कारण मजदूर वहां से अपने अपने गांव जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

रामगढ़: जमशेदपुर के टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्शन फैक्ट्री में कार्यरत बिहार के 12 मजदूर फैक्ट्री प्रबंधन के रवैए से तंग आकर साइकिल से ही बिहार के औरंगाबाद के लिए निकल पड़े. इस क्रम में जब सभी मजदूर रामगढ़ पहुंचे तो यहां के समाजसेवियों ने इनकी मदद की और भोजन का प्रबंध कराया.

देखें पूरी खबर

साइकिल से निकले बिहार

लॉकडाउन के कारण मजदूर अपने घर पहुंचने की जिद में पैदल और साइकिल से निकल रहे हैं. कड़ी धूप में भी सभी 12 मजदूर साइकिल से सड़कों पर औरंगाबाद के लिए चले जा रहे थे शरीर पर बह रहे पसीने और कड़ी धूप की चिंता किए सभी अपने मंजिल में जल्द से जल्द पहुंचने के लिए बड़े चले जा रहे थे. रामगढ़ में मजदूरों ने बताया कि वह सभी औरंगाबाद बिहार के रहने वाले हैं. वर्षों से जमशेदपुर के टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्शन फैक्ट्री में काम करते हैं. लॉकडाउन लगने के बाद से उन लोगों की हालत काफी खराब होती चली गई फैक्ट्री में ना मैनेजर आते हैं ना प्रबंधन की ओर से मजदूरों का कोई हालचाल ही लिया जाता है जिसके कारण वहां के मजदूरों को खाने पीने के लिए भी लाले पड़ गए हैं.

टाटा प्रबंधन ने खोज-खबर नहीं ली

मजबूर होकर काफी मजदूर फैक्ट्री से अपने गांव जाने के लिए निकल पड़े हैं. कोई पैदल जा रहा है तो कोई साइकिल से जा रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि वह सभी साइकिल से करीब साढे तीन सौ किलोमीटर की दूरी तय कर अपने गांव औरंगाबाद पहुंचेंगे. इसमें कितना समय लगेगा उनको नहीं मालूम. मजदूरों ने यह भी बताया कि रास्ते में दो-तीन जगह पर समाजसेवी संस्थाओं की ओर से उन सभी को भोजन करवाया गया है और आगे भी इसी आस में चले जा रहे हैं कि कम से कम रास्ते में भोजन की व्यवस्था लोगों की ओर से कर दी जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या अभी भोजन करना है, सभी मजदूरों ने कहा कि टोल प्लाजा के पास ही भोजन मिल रहा था. वहीं से भोजन करके सभी निकले हैं.

मजदूरों ने एक स्वर में कहा कि वर्षो से वह लोग टाटा स्टील में लॉन्ग प्रोडक्शन फैक्ट्री में काम कर रहे हैं लेकिन लॉकडाउन के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन ने वहां कार्यरत मजदूरों कि कोई खोज खबर नहीं ली. यह जानने की कोशिश भी नहीं की कि वहां कार्यरत मजदूर किस हाल में हैं. यह जानने की भी फुर्सत प्रबंधन को नहीं है जिसके कारण मजदूर वहां से अपने अपने गांव जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

Last Updated : May 24, 2020, 8:00 PM IST
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