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रामगढ़: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, कोरोना निगेटिव मरीज को 11 दिन किया क्वॉरेंटाइन - रामगढ़ में कोरोना केस

रामगढ़ में कोरोना के केस में कई लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं. इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. वहीं, सिविल सर्जन ने इस पूरे मामले पर जांच करने की बात कही है.

Ramgarh negligent in Covid-19 hospital
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
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Published : Aug 31, 2020, 7:25 AM IST

Updated : Aug 31, 2020, 2:53 PM IST

रामगढ़: जिले में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वहीं, कोविड-19 अस्पताल की लापरवाही भी सामने आ रही है. हालत ये है कि निगेटिव रिपोर्ट वाला व्यक्ति 11 दिन क्वॉरेंटाइन काटकर आता है. एक दंपती की कोरोना जांच हुई नहीं और रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ गई. इसे लेकर लोगों में आक्रोश है. इस मामले को लेकर पीड़ितों ने सिविल सर्जन से शिकायत की है और दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई की मांग की है.

देखिए पूरी खबर

पीड़ित ऋषि कुमार ने कहा कि 2 तारीख को उन्होंने कॉविड टेस्ट कराया था. उसके बाद उन्हें पॉजिटिव बोलकर घाटो होली क्रॉस स्कूल में भेज दिया गया. वहां उन्हें 10 दिन रखा गया. उन्होंने बताया कि इसके बाद फिर से 11 तारीख को जांच कराई गई. उस जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई. उन्होंने बताया कि इसके बाद 26 तारीख को उनके पास एक मैसेज आया कि पहली वाली जांच में वो नेगेटिव थे. इस विषय पर जब सिविल सर्जन के पास शिकायत की गई तो बोला गया यह डेटा गलत है.

ये भी पढ़ें: गढ़वा थाना बना रणक्षेत्र, आपस में भिड़े पदाधिकारी और जवान

इस पूरे मामले में स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. उनका मानना है कि यह पॉजिटिव-निगेटिव का खेल स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण हो रहा है, जिससे कई लोग मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं. वहीं, सिविल सर्जन ने कहा कि लापरवाही के मामले में जांच की जाएगी.

रामगढ़: जिले में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वहीं, कोविड-19 अस्पताल की लापरवाही भी सामने आ रही है. हालत ये है कि निगेटिव रिपोर्ट वाला व्यक्ति 11 दिन क्वॉरेंटाइन काटकर आता है. एक दंपती की कोरोना जांच हुई नहीं और रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ गई. इसे लेकर लोगों में आक्रोश है. इस मामले को लेकर पीड़ितों ने सिविल सर्जन से शिकायत की है और दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई की मांग की है.

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पीड़ित ऋषि कुमार ने कहा कि 2 तारीख को उन्होंने कॉविड टेस्ट कराया था. उसके बाद उन्हें पॉजिटिव बोलकर घाटो होली क्रॉस स्कूल में भेज दिया गया. वहां उन्हें 10 दिन रखा गया. उन्होंने बताया कि इसके बाद फिर से 11 तारीख को जांच कराई गई. उस जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई. उन्होंने बताया कि इसके बाद 26 तारीख को उनके पास एक मैसेज आया कि पहली वाली जांच में वो नेगेटिव थे. इस विषय पर जब सिविल सर्जन के पास शिकायत की गई तो बोला गया यह डेटा गलत है.

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इस पूरे मामले में स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. उनका मानना है कि यह पॉजिटिव-निगेटिव का खेल स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण हो रहा है, जिससे कई लोग मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं. वहीं, सिविल सर्जन ने कहा कि लापरवाही के मामले में जांच की जाएगी.

Last Updated : Aug 31, 2020, 2:53 PM IST
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