रामगढ़: कोरोना महामारी के कारण पिछले 6 महीनों से बंद देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा मंदिर 8 अक्टूबर से आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल गया. इसको लेकर जिला प्रशासन ने भी पूरी तैयारी की है. जिला प्रशासन ने मंदिर में व्यवस्था को ठीक करने के लिए बलि स्थान को दूसरे जगह करने और दुकानों को हटाने के लिए कहा था, जिसका विरोध मंदिर के सभी पंडा और दुकानदारों ने किया. मामले को तूल पकड़ता देख उपायुक्त ने निष्कर्ष निकाला और बलि देने के समय को बदल दिया गया. उन्होंने कहा है कि बलि के लिए सुबह 5:00 बजे से 6:00 बजे तक और फिर 12:00 से 2:00 तक दर्शन पर्ची प्राप्त कर बलि दी जाएगी.
मंदिर न्यास समिति के सचिव शुभाशीष पंडा ने कहा कि शक्तिपीठ में बलि की एक प्रथा है, यह आदिकाल से चला आ रहा है, इसमें छेड़छाड़ करना सनातन धर्म पर आघात होगा. वहीं रामगढ़ एसडीओ कीर्ति श्री ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी प्रमुख द्वारों पर सुरक्षा बल की तैनाती और कोविड-19 के नियमों का पालन सही ढंग से कैसे हो इसको लेकर मंदिर का निरीक्षण किया गया. उन्होंने मंदिर भैरवी नदी किनारे झोपड़ी नुमा दुकानों को हटाने का निर्देश थाना प्रभारी को दिया है.