रामगढ़ः भीषण गर्मी और घटते वाटर लेवल की परेशानियों से सिर्फ आम जनजीवन ही नहीं प्रभावित है बल्कि इसकी चपेट में किसान भी है. जिसका प्रभाव उनके उत्पादन व लागत पर पड़ रहा है. रामगढ़ के कुंदरू खुर्द गांव में किसान कुआं और डीप बोरिंग के सहारे 16 एकड़ में मिश्रित खेती की. लेकिन चिलचिलाती धूप और एकाएक जलस्तर के गिरने से डीप बोरिंग भी फेल हो गई और कई एकड़ की फसल नष्ट हो गयी.
जिला के कुंदरू खुर्द गांव के किसान राजदीप ने 22 एकड़ पर खेती करना शुरू किया. जिसमें 16 एकड़ पर करेला, कद्दू, मिर्च, तरबूज की मिश्रित खेती शुरू की. इस खेत में सिंचाई के लिए डीप बोरिंग की व्यवस्था भी की. लेकिन उनकी इस उम्मीद और आशाओं पर अचानक पानी फिर गया. जब खेत में लगी फसल जल स्तर में गिरावट और डीप बोरिंग के फेल होने से खराब हो गयी. इस तेज धूप में पूरा खेत सूख गया.
किसान राजदीप ने बताया कि करीब 16 एकड़ में मिश्रित खेती के लिए उन्होंने चार बोरिंग, दो कुआं और एक छोटे से तालाब की खुदाई की ताकि पानी इकट्ठा रहे. जिससे भीषण गर्मी में भी उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो. लेकिन जैसे ही फसल लहलहाने लगी उसी दौरान जल स्तर अचानक नीचे चला गया, कुआं सूख गया और बोरिंग से भी पानी कम आने लगा. जिसके कारण खेतों पर सिंचाई पूरी तरह से नहीं हो पा रही थी और देखते ही देखते फसल सूखने लगी और काफी नुकसान हुआ है.
अब सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि उनके नुकसान की भरपाई हो सके और साथ ही साथ उन्हें सोलर वाटर लिफ्टिंग का प्रोजेक्ट मिल जाए. जिससे वो दामोदर नदी से पानी को लिफ्ट कर अपनी खेती को सुचारू रूप से कर सके. वर्तमान समय में जो उनका नुकसान है उसको देखते हुए वो लगातार गुहार लगा रहे हैं कि सरकार उनकी कुछ मदद कर दे. पूरे मामले की जानकारी के बाद प्रखंड तकनीकी प्रबंधक चंद्रमौली ने क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने कहा कि सोलर सिस्टम द्वारा सिंचाई सुविधा देने को लेकर वरीय पदाधिकारी से बात करने का प्रयास करेंगे.