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रामगढ़: जुगाड़ की नाव बनी सहारा, हर रोज मौत से लड़ते हैं यहां के ग्रामीण - रामगढ़ के भैरवी नदी में डूबा पोटमदगा पुल

रामगढ़ के पोटमदगा-कुल्ही मार्ग में स्थित पुल भैरवी नदी में समा गया है. इस पुल को पार करने के लिए हर रोज ग्रामीण मौत से जूझ रहे हैं. जुगाड़ की नाव के सहारे लोग नदी पार करने को विवश हैं.

Potamadga Bridge submerged in the water of Bhairavi River
जुगाड़ की नाव बनी सहारा
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Published : Aug 11, 2020, 6:19 PM IST

रामगढ़: दुलमी प्रखंड के पोटमदगा-कुल्ही मार्ग में स्थित पुल भैरवी नदी में समा गया है. इस पुल को पार करने के लिए हर रोज ग्रामीण मौत से जूझ रहे हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

देखिए पूरी खबर

पोटमदगा पुल के ऊपर से 4 फीट पानी बहने के बाद लोगों ने मिलकर जुगाड़ की नाव बनाई है. लोगों ने ट्यूब में हवा भरकर ऊपर बांस चचरी बांधकर नाव बनाया है. इसके सहारे एक बार में 5 से 6 ग्रामीण नदी पार कर रहे हैं. जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है. लोगों का कहना है कि यह पुल ही एकमात्र माध्यम है, जिससे गोला, सिकिदिरी और रांची जाया जा सकता है. दूसरा रास्ता 10 किलोमीटर तय करना पड़ता है.

ये भी पढे़ं: असम सहित देश के कई राज्यों में बाढ़ का प्रकोप जारी, बिहार में 24 मौतें

वहीं, जुगाड़ की नाव पोटमदगा ग्राम के कुछ ग्रामीणों के लिए रोजगार का साधन बन गई है. इसके लिए 50, 40, 20 और 10 रुपया किराया भी ले रहे हैं. जुगाड़ की नाव से नदी पार करते समय यदि कोई हादसा हो जाता है तो इसे देखने वाला कोई नहीं है. प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा रही है. दूसरी तरफ ग्रामीणों का कहना है कि लोग मजबूरी में नाव के सहारे नदी पार करते हैं.

रामगढ़: दुलमी प्रखंड के पोटमदगा-कुल्ही मार्ग में स्थित पुल भैरवी नदी में समा गया है. इस पुल को पार करने के लिए हर रोज ग्रामीण मौत से जूझ रहे हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

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पोटमदगा पुल के ऊपर से 4 फीट पानी बहने के बाद लोगों ने मिलकर जुगाड़ की नाव बनाई है. लोगों ने ट्यूब में हवा भरकर ऊपर बांस चचरी बांधकर नाव बनाया है. इसके सहारे एक बार में 5 से 6 ग्रामीण नदी पार कर रहे हैं. जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है. लोगों का कहना है कि यह पुल ही एकमात्र माध्यम है, जिससे गोला, सिकिदिरी और रांची जाया जा सकता है. दूसरा रास्ता 10 किलोमीटर तय करना पड़ता है.

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वहीं, जुगाड़ की नाव पोटमदगा ग्राम के कुछ ग्रामीणों के लिए रोजगार का साधन बन गई है. इसके लिए 50, 40, 20 और 10 रुपया किराया भी ले रहे हैं. जुगाड़ की नाव से नदी पार करते समय यदि कोई हादसा हो जाता है तो इसे देखने वाला कोई नहीं है. प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा रही है. दूसरी तरफ ग्रामीणों का कहना है कि लोग मजबूरी में नाव के सहारे नदी पार करते हैं.

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