रामगढ़: जिले के पीटीपीएस गेट के बाहर नेताओं के साथ विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बुधवार से ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ताक पर रखकर धरना जारी था. धरना स्थल पर नियुक्त मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ पीवीयूएनएल प्रबंधन की तरफ से धरना समाप्त करने की अपील बार-बार की जा रही थी. लेकिन प्रदर्शनकारी न ही महामारी अधिनियम और न ही रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी के धारा 144 को ही मान रहे थे. जिसके बाद मजिस्ट्रेट व पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए सभी को खदेड़कर अनिश्चितकालीन धरना को खत्म करा दिया.
बता दें कि रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी कृति श्रीजी बुधवार से धरना दे रहे नेताओं से धरना खत्म करने की अपील लगातार कर रहे थे. दो-दो बार नेताओं और पीयूवीएनएल प्रबंधन के प्रतिनिधि से वार्ता की जा रही थी. लेकिन धरना का नेतृत्व कर रहे नेता अपनी ही मांगों पर अड़े थे. गुरूवार को देर रात भी वार्ता हुई लेकिन विस्थापित नेता केवल अपनी ही मांगों पर अड़े रहे. वहीं रामगढ अनुमंडल पदाधिकारी ने धरनास्थल के आसपास धारा 144 लगा दिया गया था. इसके साथ ही साथ धरना खत्म करने को लेकर अपील भी की जा रही थी. लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था.
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देर रात वार्ता से लौटने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने घोषणा करते हुए बताया कि रामगढ़ अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए धरनास्थल पर धारा 144 लागू कर दिया गया है. ऐसे में सभी विस्थापित 10 मिनट के अंदर धरनास्थल खाली करने की चेतावनी दी. इसके बाद भी विस्थापित वहीं डटे रहे, कुछ देर के नोकझोंक के बाद प्रशासन द्वारा विस्थापितों पर लाठी चार्ज कर वहां से खदेड़ा गया. पूरे इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात कर दिया गया है. धरनास्थल पर लगे टेंट तंबू को खुलवा दिया गया है अभी स्थिति सामान्य है.