रामगढ़/दुमकाः कृषि कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्च की ओर से भारत बंद किया गया है. झारखंड में भारत बंद का समर्थन कांग्रेस, राजद और जेएमएम के साथ साथ नक्सली संगठन भी कर रहे हैं. विपक्षी पार्टियां सड़कों पर बैनर-पोस्टर लिए दुकान बंद करा रहे हैं और केंद्र के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं. भारत बंद का आंशिक असर रामगढ़ में दिखा, तो दुमका में बंद का व्यापक असर दिखा. धनबाद में बंद समर्थकों ने जीटी रोड को जाम कर दिया.
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रामगढ़ के सुभाष चौक पर अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले किसानों के साथ-साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता बंद के समर्थन में पहुंचे और चक्का जाम करने लगे. हालांकि, बंद के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हो इसको लेकर मजिस्ट्रेट के साथ-साथ सुरक्षा बल तैनात दिखे. मेन रोड की कुछ दुकानें बंद दिखी, लेकिन अधिकतर लोग अपनी दुकान आम दिनों की तरह खोले दिखे. इसके साथ ही रांची-पटना मुख्य सड़क एनएच 33 पर स्थित कांकेबार चौक के फल बाजार बंद दिखे तो कुजू थाना क्षेत्र के नया मोड़ के पास बंद समर्थकों ने पूरी तरह सड़क जाम किया था. इससे जाम की समस्या बन गई थी. कांग्रेस नेता बलजीत सिंह बेदी ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं. इस बिल को वापस लेना होगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देनी होगी.
सड़कों पर उतरे राज्य की सत्ताधारी पार्टियां
झारखंड की उपराजधानी दुमका में किसान संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और शहर के दुकानों को बंद कराया. इससे जिले में भारत बंद का व्यापक असर दिखा. शहर के एक-दो मॉल खुले थे, जिसे बंद समर्थकों ने बंद करवाया. बंद समर्थकों ने कहा कि केंद्र सरकार किसान और गरीब विरोधी है. केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल की कीमत मिलनी चाहिए. न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी क्यों नहीं दी जा रही है. क्योंकि बड़े उद्योगपतियों को नुकसान होगा.
धनबाद में जीटी रोड किया गया जाम
भारत बंद के आह्वान पर धनबाद की सड़कों पर विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता उतरे और चक्का जाम किया. गोविंदपुर से गुजरने वाले जीटी रोड पर सुबह से ही जेएमएम, कांग्रेस, राजद और वामदल के कार्यकर्ता पहुंचे और प्रदर्शन किया. इससे जीटी रोड के दोनों ओर जाम की समस्या बन गई. जाम की सूचना पर गोविंदपुर थाने की पुलिस पहुंची, लेकिन प्रदर्शनकारी सड़क से हटने को तैयार नहीं थे. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी बहस भी हुई. इससे 2 घंटे तक वाहनों का आना-जाना बंद था.