रामगढ़: सरकार गांवों के विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन अब भी कई ऐसे प्रखंड हैं, जो पदाधिकारी विहीन हैं. जिसके चलते गांवों में विकास ठप हो रहा है और ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. दुलमी प्रखंड भी उन्हीं में से एक है, जहां बीडीओ के नहीं रहने से ग्रामीण अपनी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- जूनियर नेशनल महिला हॉकी चैंपियनशिप का शेड्यूल जारी, 28 टीमें लेंगी हिस्सा
लोगों को हो रही परेशानी
ग्रामीण प्रति दिन प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं लेकिन निराश मन से लौट जाते हैं. आए दिन लोगों को विभिन्न समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो रही है. लोग अपने-अपने कार्य को लेकर प्रखंड कार्यालय तो आते हैं लेकिन बीडीओ के नहीं होने के कारण बैरंग वापस लौट जाते हैं. जिससे लोगों को लगातार परेशानी हो रही है.
बीडीओ की पदस्थापना की मांग
बीडीओ विहीन प्रखंड कार्यालय होने के कारण प्रखंडकर्मी अपने आप-आप को भी नेतृत्व विहीन समझ रहे हैं और बगैर बीडीओ के हस्ताक्षर के विकास योजनाओं की कई संचिकाएं भी अधर में लटकी हुई है. जबकि प्रखंड से अलग-अलग प्रमाण पत्र भी निर्गत नहीं हो पा रहा है. प्रमाणपत्र बनाने के लिए आवेदन कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. इस संबंध में ग्रामीणों ने एक पत्र रामगढ़ विधायक ममता देवी को देकर बीडीओ की पदस्थापना की मांग की है.
बीडीओ के नहीं रहने से वित्तीय कार्यों में परेशानी
प्रखंड कार्यालय के बड़ा बाबू का भी कहना है कि बीडीओ साहब के नहीं रहने से वित्तीय कार्यों में परेशानी हो रही है. साल का अंतिम माह है, कई तरह के वित्तीय रिपोर्ट भी भेजने पड़ते हैं.
वित्तीय पावर नहीं मिलने से परेशानी
अंचलाधिकारी का कहना है कि वित्तीय पावर नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. इसके साथ ही सीओ का काम इतना है कि बीडीओ का भी काम देखना मुश्किल भरा है. अभी नए अंचलाधिकारी ने यहां प्रभार ग्रहण किया है और उन्हें भी अभी प्रखंड को समझने में समय लग रहा है. हालांकि मीटिंग और कार्यों की व्यस्तता के कारण नए अंचलाधिकारी से मुलाकात नहीं हो पाई. लेकिन उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को समस्या ना हो इसका प्रयास किया जा रहा है. हालांकि वित्तीय पावर और नए होने के कारण थोड़ी परेशानी है. एक-दो दिनों में सबकुछ ठीक हो जाएगा.
पूरे प्रखंड के विकास की बागडोर बीडीओ साहब के हाथ में होती है. ऐसे में अगर बीडीओ साहब के नहीं होने से गांवों के विकास की गाथा कौन लिखेगा. बहरहाल बिना बीडीओ के ही प्रखंड कार्यालय का कामकाज चल रहा है. प्रखंड कर्मियों को लोगों का कोपभाजन बनना पड़ रहा है. वहीं आम लोगों को भी अपना काम करने में परेशानी झेलनी पड़ रही है.