रांची: रामगढ़ इन दिनों झारखंड की राजनीति में हॉट केक बना हुआ है, हो भी क्यों ना यहां उपचुनाव जो हो रहा है. छोटे से लेकर बड़े नेताओं के दौरे यहां पर हो रहे हैं. उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है. ऐसे में नए-नए एक्सपेरिमेंट भी हो रहे हैं. इसी एक्सपेरिमेंट के तहत रविवार को चुनावी मंच से डायपर बाबू को लॉन्च किया गया.
कौन हैं डायपर बाबू: दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रामगढ़ के गोला में यूपीए प्रत्याशी बजरंग महतो के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंच थे. जब मंच पर हेमंत पहुंचे तो बजरंग महतो की गोद में एक दुधमुंहा बच्चा दिखा. बच्चे को सीएम ने प्यार करना शुरू कर दिया. फिर अचानक से वह बच्चा सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया. सभी के मन में उस बच्चे के बारे में जानने की जिज्ञासा होने लगी. कुछ ही देर में सभा में मौजूद लोग समझ गए कि यह बच्चा उसी ममता देवी का पुत्र है जो इस समय जेल में बंद हैं और जिनकी वजह से यहां उपचुनाव हो रहा है.
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ममता देवी जी के महीने भर के मासूम बच्चे की क्या गलती थी? विपक्ष ने उससे उसकी माँ का दूध भी छुड़ा दिया। इन्हें इस बच्चे की हाय जरूर लगेगी। उन बुजुर्गों की भी हाय लगेगी जिन्हें वर्षों तक इन्होंने पेंशन के लिए ब्लॉक के चक्कर कटवाए। हमारी सरकार ने घण्टो में पेंशन देने का काम किया। pic.twitter.com/J4sI8RuviQ
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">ममता देवी जी के महीने भर के मासूम बच्चे की क्या गलती थी? विपक्ष ने उससे उसकी माँ का दूध भी छुड़ा दिया। इन्हें इस बच्चे की हाय जरूर लगेगी। उन बुजुर्गों की भी हाय लगेगी जिन्हें वर्षों तक इन्होंने पेंशन के लिए ब्लॉक के चक्कर कटवाए। हमारी सरकार ने घण्टो में पेंशन देने का काम किया। pic.twitter.com/J4sI8RuviQ
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डायपर बाबू के नाम पर वोट: गोला के चुनावी मंच से जब सीएम भाषण दे रहे थे तो उस समय सीएम के बगल में बजरंग महतो भी छह महीने के बच्चे को गोद में लेकर खड़े हो गए. सीएम ने भी इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और मंच से कह दिया कि इस मासूम बच्चे की क्या गलती थी, जो उससे उसकी मां का दूध छीन लिया गया. उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस बच्चे की हाय लगेगी. सभा के दौरान ममता देवी और बजरंग महतो की मासूम बेटी भी मंच पर मौजूद थी. सभा में बोलते हुए सीएम ने भी इस दौरान लोगों की भावनाओं को टटोलने की भरपूर कोशिश की.
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@MLARamgarh जी के संघर्ष के इस सफर में हम सबों को हौसला बढ़ाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी का आभार. अन्याय पर न्याय की जीत के लिए रामगढ़ की जनता कृत संकल्पित है. 27 फ़रवरी को जन जन हेमंत सरकार के स्वर्णिम 3 साल के कार्यकाल और सच की जीत के लिए वोट करेगा. (1/2) pic.twitter.com/GBBeOKzM9I
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दुधमुंहे बच्चे को लेकर मांगा वोट: रविवार को पहला मौका था जब लोगों के सामने ममता देवी और बजरंग महतो का मासूम बेटा था. बजरंग महतो बच्चे को गोद में लेकर लोगों से वोट देने की अपील कर रहे थे. मीडिया के सवाल पर बजरंग महतो ने कहा कि इसे सीएम से मिलवाने के लिए लाया हूं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कहते हैं कि छोटे बच्चे को लेकर वोट मांग रहे हैं, पर सच तो यही है, इसे आप छोटा ना समझें यह काफी बुलंद है. उन्होंने कहा कि बच्चे को रामगढ़ की जनता को दिखाने के लिए लाए थे.
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बहरहाल, रामगढ़ उपचुनाव जीतने के लिए नेता हर दांव आजमा रहे हैं. यहां एक मासूम के नाम पर यूपीए के नेताओं ने दांव खेल दिया है. खैर, झारखंड की राजनीति में किए गए भावनाओं के इस एक्सपेरिमेंट को रामगढ़ की जनता का कितना इमोशनल समर्थन मिलता है. यह तो 2 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा.