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Mock Drill in Ramgarh: ट्रेन दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य, रेलवे और NDRF की टीम ने ऐसे किया अभ्यास - मॉक ड्रिल

रेल हादसे में हुए दुर्घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा राहत और बचाव कार्य कैसे होता है, ये दिखाने के लिए रामगढ़ में रेलवे ने एक मॉक ड्रिल किया (Mock drill for passengers safety in Ramgarh). इस माॅक ड्रिल में रेलवे के दर्जनों सदस्यों की टीम ने हिस्सा लिया.

Mock drill for safety of passengers
Mock drill for safety of passengers
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Published : Nov 5, 2022, 12:34 PM IST

रामगढ़: अचानक बजने लगे रेलवे का सायरन, एनडीआरएफ, रेलवे प्रशासन, रेलवे पुलिस डॉक्टरों की टीम स्काउट और गाइड के बच्चे की भीड़ देखकर सब सहम गए कि आखिर रेल डिब्बा कैसे पलटा और क्या हुआ. लेकिन यह पूर्व मध्य रेलवे की ओर से मॉक ड्रिल था, जो दुर्घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा राहत और बचाव कार्य कैसे करती है, इसका अभ्यास किया गया (Mock drill for passengers safety in Ramgarh).

यह भी पढ़ें: दंगाइयों पर लाठीचार्ज, फिर आंसु गैस के गोले और वाटर कैनन से वार, देखिए पुलिस ने कैसे किया मॉक ड्रिल

रेलवे के दर्जनों सदस्यों की टीम ने किया माॅक ड्रिल: बरकाकाना रेलवे स्टेशन के पूर्वी छोर पर सिधवार-रांची लाइन पर रेलवे एनडीआरएफ नौ पटना और रांची के सदस्य, स्कॉउट और गाइड के सदस्य, पतरातू प्रखंड अस्पताल का मेडिकल टीम, रेलवे दुर्घटना सहायता के दर्जनों सदस्यों की टीम ने माॅक ड्रिल किया. जिसमें यह दर्शया गया कि कैसे दुर्घटना के बाद राहत और बचाव की टीम काम करती है. रेलवे का लंबा सायरन बजते ही मॉक ड्रिल स्थल के पास रेल, स्काउट, एनडीआरएफ, जिला पुलिस की टीम पहुचं गयी. अधिकारियों के पहुंचने के साथ ही आपतकालीन द्वार से ट्रेन में फंसे यात्रियों को निकालने का काम शुरू किया गया. बोगी के खिड़कियों को एनडीआरएफ की आधुनिक मशीनों से काट कर बोगी के अंदर फसे यात्रियों को सुरक्षित निकाल मेडिकल सुविधा कैसे दी जाती है वह इस मॉक ड्रिल में दर्शाया गया.

देखें वीडियो


मॉक ड्रिल का दृश्य कैसे दर्शाया गया: पूर्व मध्य रेलवे धनबाद रेल मंडल के बरकाकाना स्टेशन के सिद्धवार रांची रेल लाइन में पहले एक बड़े क्रेन के माध्यम से रेल की एक बाेगी को ट्रैक के बगल में पलट दिया गया और फिर रेलवे द्वारा हुटर बजा कर घटना की जानकारी दी गयी. हुटर बजते ही रेलवे दुर्घटना सहायता के कर्मियों ने ट्रेन के बाहर गिरे घायलों को उठा कर अस्पताल के लिये रवाना कर दिया. जिसके बाद आरपीएफ, जीआरपी और स्काॅउट एंड गाइड की टीम द्वारा एक सुरक्षा घेरा तैयार किया गया. बड़ी दुर्घटना का रूप देकर एनडीआरएफ की टीम को घटना स्थल पर बुलाया गया. जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम द्वारा राहत- बचाव के विभिन्न साज-सज्जा के साथ ट्रेन के अंदर तथा कथित रूप से फंसे रेल यात्रियों को ट्रेन की खिड़की तथा बोगी के विभिन्न स्थानों को काट कर रेल डिब्बे में से यात्रियों को निकाला गया. जिसके बाद तथाकथित रूप से घायल रेल यात्रियों को प्राथिमक उपचार देकर बेहतर इलाज के लिये अस्पताल रवाना किया गया.


मॉक ड्रिल का फायदा: एनडीआरएफ पटना के असिस्टेंट कमांडेट विनय कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे धनबाद रेल मंडल की ओर से एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है. जिसमें यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि दुर्घटना होने के बाद धैर्य से काम लेना चाहियें. बिना घबराये राहत-बचाव कार्य में लगे कर्मियों के निर्देशों का पालन करना चाहियें. मॉक ड्रिल से यह सुनिश्चित किया जाता है कि जो निर्धारित प्रक्रिया है उसका पालन हो रहा है या नहीं अथवा इसमें क्या सुधार या बदलाव करने की आवश्यकता है. सभी विभागों का रिस्पांस टाइम कितना है यह भी पता चलता है.

रामगढ़: अचानक बजने लगे रेलवे का सायरन, एनडीआरएफ, रेलवे प्रशासन, रेलवे पुलिस डॉक्टरों की टीम स्काउट और गाइड के बच्चे की भीड़ देखकर सब सहम गए कि आखिर रेल डिब्बा कैसे पलटा और क्या हुआ. लेकिन यह पूर्व मध्य रेलवे की ओर से मॉक ड्रिल था, जो दुर्घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा राहत और बचाव कार्य कैसे करती है, इसका अभ्यास किया गया (Mock drill for passengers safety in Ramgarh).

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रेलवे के दर्जनों सदस्यों की टीम ने किया माॅक ड्रिल: बरकाकाना रेलवे स्टेशन के पूर्वी छोर पर सिधवार-रांची लाइन पर रेलवे एनडीआरएफ नौ पटना और रांची के सदस्य, स्कॉउट और गाइड के सदस्य, पतरातू प्रखंड अस्पताल का मेडिकल टीम, रेलवे दुर्घटना सहायता के दर्जनों सदस्यों की टीम ने माॅक ड्रिल किया. जिसमें यह दर्शया गया कि कैसे दुर्घटना के बाद राहत और बचाव की टीम काम करती है. रेलवे का लंबा सायरन बजते ही मॉक ड्रिल स्थल के पास रेल, स्काउट, एनडीआरएफ, जिला पुलिस की टीम पहुचं गयी. अधिकारियों के पहुंचने के साथ ही आपतकालीन द्वार से ट्रेन में फंसे यात्रियों को निकालने का काम शुरू किया गया. बोगी के खिड़कियों को एनडीआरएफ की आधुनिक मशीनों से काट कर बोगी के अंदर फसे यात्रियों को सुरक्षित निकाल मेडिकल सुविधा कैसे दी जाती है वह इस मॉक ड्रिल में दर्शाया गया.

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मॉक ड्रिल का दृश्य कैसे दर्शाया गया: पूर्व मध्य रेलवे धनबाद रेल मंडल के बरकाकाना स्टेशन के सिद्धवार रांची रेल लाइन में पहले एक बड़े क्रेन के माध्यम से रेल की एक बाेगी को ट्रैक के बगल में पलट दिया गया और फिर रेलवे द्वारा हुटर बजा कर घटना की जानकारी दी गयी. हुटर बजते ही रेलवे दुर्घटना सहायता के कर्मियों ने ट्रेन के बाहर गिरे घायलों को उठा कर अस्पताल के लिये रवाना कर दिया. जिसके बाद आरपीएफ, जीआरपी और स्काॅउट एंड गाइड की टीम द्वारा एक सुरक्षा घेरा तैयार किया गया. बड़ी दुर्घटना का रूप देकर एनडीआरएफ की टीम को घटना स्थल पर बुलाया गया. जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम द्वारा राहत- बचाव के विभिन्न साज-सज्जा के साथ ट्रेन के अंदर तथा कथित रूप से फंसे रेल यात्रियों को ट्रेन की खिड़की तथा बोगी के विभिन्न स्थानों को काट कर रेल डिब्बे में से यात्रियों को निकाला गया. जिसके बाद तथाकथित रूप से घायल रेल यात्रियों को प्राथिमक उपचार देकर बेहतर इलाज के लिये अस्पताल रवाना किया गया.


मॉक ड्रिल का फायदा: एनडीआरएफ पटना के असिस्टेंट कमांडेट विनय कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे धनबाद रेल मंडल की ओर से एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है. जिसमें यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि दुर्घटना होने के बाद धैर्य से काम लेना चाहियें. बिना घबराये राहत-बचाव कार्य में लगे कर्मियों के निर्देशों का पालन करना चाहियें. मॉक ड्रिल से यह सुनिश्चित किया जाता है कि जो निर्धारित प्रक्रिया है उसका पालन हो रहा है या नहीं अथवा इसमें क्या सुधार या बदलाव करने की आवश्यकता है. सभी विभागों का रिस्पांस टाइम कितना है यह भी पता चलता है.

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