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रामगढ़: अंडरग्राउंड माइंस में हुआ मॉक ड्रिल, लोगों में मचा हड़कंप

रामगढ़ के भुरकुंडा अंडरग्राउंड माइंस के बाहर सायरन बजने और अधिकारियों की भीड़ देखकर माइंस में काम कर रहे लोगों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में रेस्क्यू टीम की ओर से माइंस के अंदर से सभी कर्मियों को बाहर निकाला जा रहा था, जिससे लोग घबरा गए थे. बाद में पता चला कि यह मॉक ड्रिल थी.

रामगढ़: अंडरग्राउंड माइंस में हुआ मॉक ड्रिल
Mock drill done in underground mines of Ramgarh
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Published : Aug 8, 2020, 10:40 PM IST

रामगढ़: जिले के भुरकुंडा अंडरग्राउंड माइंस के बाहर सायरन बजने और अधिकारियों की भीड़ देखकर माइंस में काम कर रहे लोगों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में रेस्क्यू टीम की ओर से माइंस के अंदर से सभी कर्मियों को बाहर निकाला जा रहा था. पूरे मामले की जब जानकारी ली गई तब पता चला कि यहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से डीजीएमएस की ओर से मॉक ड्रिल की जा रही है. उसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

देखें पूरी खबर

मॉक ड्रिल का मकसद लोगों को सुरक्षित करना

यह मॉक ड्रिल भूमिगत माइंस परियोजना में पानी भर जाने पर कैसे कोयला श्रमिकों को बाहर सुरक्षित निकाला जायेगा, उसी उद्देश्य से की गई थी. मॉक ड्रिल का मकसद यह था कि खदान के बगल में नलकारी नदी है और लगातार बारिश के कारण पतरातू डैम को अगर खोला जाता है तो नलकारी नदी का पानी खदान के अंदर तेजी से प्रवेश कर जाता है. ऐसे में कैसे राहत और बचाव कार्य किए जाएंगे. किस तरह श्रमिकों की सुरक्षा की जाएगी और श्रमिकों को खदान से सुरक्षित निकाला जाएगा. इसे लेकर मॉक ड्रिल किया गया.

ये भी पढ़ें-नर्सों की घोर कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पताल, निजी नर्सिंग होम्स को भी है इंतजार

258 कर्मी खदान के अंदर कर रहे थे काम

बता दें कि मॉक ड्रिल के दौरान खदान के अंदर 258 कर्मी काम कर रहे थे और जैसे ही टीम की ओर से एक-एक करके सभी को निकाला जाने लगा तो पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. खदान के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन जब लोगों को पता चला कि यह मॉक ड्रिल था तो लोगों ने राहत की सांस ली. यह मॉक ड्रिल इसलिए किया गया, ताकि अगर किसी तरह की कोई आपदा आती है तो लोगों को कैसे सुरक्षित बाहर निकाला जाए.

रामगढ़: जिले के भुरकुंडा अंडरग्राउंड माइंस के बाहर सायरन बजने और अधिकारियों की भीड़ देखकर माइंस में काम कर रहे लोगों में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में रेस्क्यू टीम की ओर से माइंस के अंदर से सभी कर्मियों को बाहर निकाला जा रहा था. पूरे मामले की जब जानकारी ली गई तब पता चला कि यहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से डीजीएमएस की ओर से मॉक ड्रिल की जा रही है. उसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

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मॉक ड्रिल का मकसद लोगों को सुरक्षित करना

यह मॉक ड्रिल भूमिगत माइंस परियोजना में पानी भर जाने पर कैसे कोयला श्रमिकों को बाहर सुरक्षित निकाला जायेगा, उसी उद्देश्य से की गई थी. मॉक ड्रिल का मकसद यह था कि खदान के बगल में नलकारी नदी है और लगातार बारिश के कारण पतरातू डैम को अगर खोला जाता है तो नलकारी नदी का पानी खदान के अंदर तेजी से प्रवेश कर जाता है. ऐसे में कैसे राहत और बचाव कार्य किए जाएंगे. किस तरह श्रमिकों की सुरक्षा की जाएगी और श्रमिकों को खदान से सुरक्षित निकाला जाएगा. इसे लेकर मॉक ड्रिल किया गया.

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258 कर्मी खदान के अंदर कर रहे थे काम

बता दें कि मॉक ड्रिल के दौरान खदान के अंदर 258 कर्मी काम कर रहे थे और जैसे ही टीम की ओर से एक-एक करके सभी को निकाला जाने लगा तो पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. खदान के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन जब लोगों को पता चला कि यह मॉक ड्रिल था तो लोगों ने राहत की सांस ली. यह मॉक ड्रिल इसलिए किया गया, ताकि अगर किसी तरह की कोई आपदा आती है तो लोगों को कैसे सुरक्षित बाहर निकाला जाए.

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