रामगढ़: कोयले पर राज्य सरकार के रॉयल्टी बकाये को लेकर पूर्व मंत्री सरयू राय के बयान पर अब राजनीति शुरू हो गई है. सरयू राय ने बकाये राशि का भुगतान किये बिना सीसीएल रजरप्पा को डिस्पैच चालान दिये जाने का आरोप लगाकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इस आरोप को बेतुका बताते हुये रामगढ़ विधायक ममता देवी ने सरयू राय पर सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया है.
राज्य सरकार का सीसीएल की कई कोयला खदानों में करोड़ों रुपये की रॉयल्टी बकाया है. इसपर केंद्र और वर्तमान हेमंत सरकार कई बार आमने-सामने भी हो चुके हैं. मगर पूर्व मंत्री सरयू राय के बकाये राशि का भुगतान किये बिना सीसीएल रजरप्पा को रामगढ़ जिला खनन पदाधिकारी के डिस्पैच चालान दिये जाने का आरोप लगाते हुये मुख्य सचिव को लिखे पत्र पर अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है.
वहीं, इस मामले में रामगढ़ जिला खनन पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि सीसीएल कोल इंडिया के रिविजनल ऑथरिटी से स्टे लेकर आया है, जिसके कारण इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते. हालांकि इसपर आगे की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है.
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वहीं, इस पूरे मामले में रामगढ़ विधायक ममता देवी ने पूर्व मंत्री सरयू राय पर बेतुका बयान देने और हेमंत सरकार को बदनाम करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं को देखते हुये हेमंत सरकार कम संसाधनों में भी अच्छा काम कर रही है.
क्या है आरोप
पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा सीसीएल की रजरप्पा कोल वाशरी के पास करोड़ों रुपए का झारखंड सरकार के रॉयल्टी का बकाया है. यह बकाया साल 2010 से चला आ रहा है. राज्य सरकार समय-समय पर बकाया रॉयल्टी की सीसीएल प्रबंधन और कोयला मंत्रालय से इसकी मांग करती आ रही है, लेकिन इसका भुगतान अब तक नहीं हो पाया.
क्या था बयान
इस मुद्दे पर पूर्व मंत्री का बयान था कि बिना रॉयल्टी की राशि का भुगतान किये ही डिस्पैच शुरू कर देना सही नहीं है, क्योंकि रजरप्पा में कभी भी कोयले का डिस्पैच बंद हुआ ही नहीं.