रामगढ़ः बड़कागांव की युवा विधायक अंबा प्रसाद ने हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा के उपायुक्त को पत्र लिखकर लॉकडाउन (तालाबंदी) की अवधि में सभी सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं में मासिक शिक्षण शुल्क और बस किराया माफ करने को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने सभी सरकारी और निजी स्कूल प्रबंधन से अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव न बनाने की अपील की है. पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है. इन हालातों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अभिभावकों को राहत देने के अपील की है.
अंबा प्रसाद ने इस पत्र को शिक्षा मंत्री को भी ट्वीट किया था, जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने ट्विटर में लिखा कि आवश्यक और सभी के हितों को देखते हुए उचित दिशा-निर्देश दिए जाएंगे.
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पत्र में क्या लिखा है
कोरोना वायरस के बचाओ और रोकथाम हेतु केंद्र सरकार की ओर से 3 मई 2020 तक संपूर्ण लॉकडाउन घोषणा की गई है, जिसके कारण सभी को किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा जिले के अध्ययनरत छात्र-छात्राएं प्रायः गरीब परिवार से आते हैं जिनके अभिभावक छोटी-मोटी नौकरी और दैनिक मजदूरी कर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं. अभिभावक विद्यालय बंद होने की स्थिति में मासिक फीस और बस का किराया माफ करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है.
सचिव झारखंड अधिविध परिषद रांची के पत्र में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की सुसंगत धाराओं के तहत उक्त निर्देशों का पालन करते हुए हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा जिले के सभी सरकारी अथवा गैर सरकारी विद्यालयों से संपूर्ण लॉकडाउन की अवधि तक मासिक शिक्षण शुल्क और बस किराया माफ करने को कहा गया है. साथ ही छात्रों के हित में स्टडी मैटेरियल वीडियो/ यूट्यूब /व्हाट्सएप /ईमेल के माध्यम से शिक्षण व्यवस्था कराने की बात कही है.