रामगढ़: जिला बाल कल्याण समिति के प्रयास से एक बार फिर बिछड़े माता-पिता अपने 10 वर्षीय बच्चे से मिल पाएंगे. यह बच्चा पड़ोसी देश नेपाल से भटककर रांची और फिर रामगढ़ पहुंचा था. जानकारी के अनुसार नेपाल के दांग जिले का रामू पून अपने दो दोस्तों के साथ ट्रेन देखने के लिए बिहार पहुंचा था. जिसके बाद बिहार से रांची पहुंच गया. जहां रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी रांची को सौंपा दिया था.
अधिकारियों को सौंपा बच्चा
इस बच्चे को रांची सीडब्ल्यूसी से रामगढ़ सीडब्ल्यूसी के वात्सल्यधाम में ट्रांसफर किया गया था. रामू की तरफ से दिए गए प्रारंभिक जानकारी के बाद जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और संरक्षण पदाधिकारी ने रामगढ़ उपायुक्त के आदेश पर नेपाल दूतावास और अपर मुख्य सचिव गृह कार्य और आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड सरकार को पत्राचार किया गया था. 3 फरवरी को नेपाली दूतावास से होम वेरिफिकेशन से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ था. जिसके बाद सोमवार को भूमिराज भट्टराई कॉओडिनेटर पीस ऑफ रिहेबिटेशन सेंटर कपिलवस्तु नेपाल के जिम्मे सौंप दिया गया.
2 साल पहले हुआ था लापता
रामू को जबसे बाल कल्याण समिति ने वात्सल्य धाम में रखवाया था. तब से वह बुनियादी स्कूल में दूसरी कक्षा में अध्ययनरत है और यहां उसने काफी कुछ सीखा. शुरुआती दौर में वह हिंदी का प्रयोग कम करता था लेकिन अब वह अच्छे से हिंदी समझ भी रहा है और बोल भी रहा है. उसने बताया कि वह काफी खुश है कि वह दोबारा अपने माता-पिता से मिलेगा, काफी अच्छा लग रहा है. उसने बताया कि अपने तीन दोस्तों के साथ वह ट्रेन देखने के लिए आया था, जहां से वह भटक गया और यहां तक आ पहुंचा. उसके माता-पिता ने बच्चे को वेरीफाई कर लिया है. यह बच्चा लगभग 2 साल पहले नेपाल से लापता हुआ था, वहां पर इसकी मिसिंग कंप्लेंट भी दर्ज है.
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अधिकारियों ने की अपील
रामगढ़ डीसी की पहल के बाद जिला बाल कल्याण समिति और विभाग के पदाधिकारियों ने पत्र लिखा था उसके माता-पिता की जानकारी इकट्ठा कर सूचना देने की बात उस पत्र में लिखी थी, बाद में दूतावास ने पत्र भेजकर इसकी पुष्टि की और इसकी पुष्टि के बाद रामू को उसके वतन नेपाल वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. आज नेपाल दूतावास से नेपाल के प्रतिनिधि पहुंचे और बच्चे को अपने साथ नेपाल ले गए. जहां पुलिस के सामने बच्चे को उसके माता-पिता को सौंपेंगे. उपायुक्त और दूतावास से आए अधिकारियों ने एक अपील भी की है कि यदि किसी को भी जानकारी हो कि नेपाल का कोई बचा भटककर प्रदेश या देश के किसी हिस्से में है. तब उसकी जानकारी दूतावास में दें.