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रामगढ़ जिला प्रशासन की सराहनीय पहल, 2 साल बाद रामू पून की हुई वतन वापसी

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Published : Feb 10, 2020, 6:26 PM IST

रामगढ़ जिला प्रशासन की सराहनीय पहल के बाद पड़ोसी देश नेपाल से भटके 10 वर्षीय रामू पून को सोमवार को नेपाल भेजा गया. पिछले दिनों वह भटककर रांची और फिर बाद में रामगढ़ पहुंचा था. यह बच्चा लगभग 2 साल पहले नेपाल से लापता हुआ था, वहां पर इसकी मिसिंग कंप्लेंट भी दर्ज है.

Nepali child, नेपाली चाइल्ड
बच्चे के साथ उपायुक्त

रामगढ़: जिला बाल कल्याण समिति के प्रयास से एक बार फिर बिछड़े माता-पिता अपने 10 वर्षीय बच्चे से मिल पाएंगे. यह बच्चा पड़ोसी देश नेपाल से भटककर रांची और फिर रामगढ़ पहुंचा था. जानकारी के अनुसार नेपाल के दांग जिले का रामू पून अपने दो दोस्तों के साथ ट्रेन देखने के लिए बिहार पहुंचा था. जिसके बाद बिहार से रांची पहुंच गया. जहां रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी रांची को सौंपा दिया था.

देखें पूरी खबर

अधिकारियों को सौंपा बच्चा
इस बच्चे को रांची सीडब्ल्यूसी से रामगढ़ सीडब्ल्यूसी के वात्सल्यधाम में ट्रांसफर किया गया था. रामू की तरफ से दिए गए प्रारंभिक जानकारी के बाद जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और संरक्षण पदाधिकारी ने रामगढ़ उपायुक्त के आदेश पर नेपाल दूतावास और अपर मुख्य सचिव गृह कार्य और आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड सरकार को पत्राचार किया गया था. 3 फरवरी को नेपाली दूतावास से होम वेरिफिकेशन से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ था. जिसके बाद सोमवार को भूमिराज भट्टराई कॉओडिनेटर पीस ऑफ रिहेबिटेशन सेंटर कपिलवस्तु नेपाल के जिम्मे सौंप दिया गया.

2 साल पहले हुआ था लापता
रामू को जबसे बाल कल्याण समिति ने वात्सल्य धाम में रखवाया था. तब से वह बुनियादी स्कूल में दूसरी कक्षा में अध्ययनरत है और यहां उसने काफी कुछ सीखा. शुरुआती दौर में वह हिंदी का प्रयोग कम करता था लेकिन अब वह अच्छे से हिंदी समझ भी रहा है और बोल भी रहा है. उसने बताया कि वह काफी खुश है कि वह दोबारा अपने माता-पिता से मिलेगा, काफी अच्छा लग रहा है. उसने बताया कि अपने तीन दोस्तों के साथ वह ट्रेन देखने के लिए आया था, जहां से वह भटक गया और यहां तक आ पहुंचा. उसके माता-पिता ने बच्चे को वेरीफाई कर लिया है. यह बच्चा लगभग 2 साल पहले नेपाल से लापता हुआ था, वहां पर इसकी मिसिंग कंप्लेंट भी दर्ज है.

ये भी पढ़ें- एक ही मंडप में मां-बेटी ने लिए सात फेरे, अनोखी शादी के गवाह बने लोग

अधिकारियों ने की अपील
रामगढ़ डीसी की पहल के बाद जिला बाल कल्याण समिति और विभाग के पदाधिकारियों ने पत्र लिखा था उसके माता-पिता की जानकारी इकट्ठा कर सूचना देने की बात उस पत्र में लिखी थी, बाद में दूतावास ने पत्र भेजकर इसकी पुष्टि की और इसकी पुष्टि के बाद रामू को उसके वतन नेपाल वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. आज नेपाल दूतावास से नेपाल के प्रतिनिधि पहुंचे और बच्चे को अपने साथ नेपाल ले गए. जहां पुलिस के सामने बच्चे को उसके माता-पिता को सौंपेंगे. उपायुक्त और दूतावास से आए अधिकारियों ने एक अपील भी की है कि यदि किसी को भी जानकारी हो कि नेपाल का कोई बचा भटककर प्रदेश या देश के किसी हिस्से में है. तब उसकी जानकारी दूतावास में दें.

रामगढ़: जिला बाल कल्याण समिति के प्रयास से एक बार फिर बिछड़े माता-पिता अपने 10 वर्षीय बच्चे से मिल पाएंगे. यह बच्चा पड़ोसी देश नेपाल से भटककर रांची और फिर रामगढ़ पहुंचा था. जानकारी के अनुसार नेपाल के दांग जिले का रामू पून अपने दो दोस्तों के साथ ट्रेन देखने के लिए बिहार पहुंचा था. जिसके बाद बिहार से रांची पहुंच गया. जहां रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी रांची को सौंपा दिया था.

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अधिकारियों को सौंपा बच्चा
इस बच्चे को रांची सीडब्ल्यूसी से रामगढ़ सीडब्ल्यूसी के वात्सल्यधाम में ट्रांसफर किया गया था. रामू की तरफ से दिए गए प्रारंभिक जानकारी के बाद जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और संरक्षण पदाधिकारी ने रामगढ़ उपायुक्त के आदेश पर नेपाल दूतावास और अपर मुख्य सचिव गृह कार्य और आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड सरकार को पत्राचार किया गया था. 3 फरवरी को नेपाली दूतावास से होम वेरिफिकेशन से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ था. जिसके बाद सोमवार को भूमिराज भट्टराई कॉओडिनेटर पीस ऑफ रिहेबिटेशन सेंटर कपिलवस्तु नेपाल के जिम्मे सौंप दिया गया.

2 साल पहले हुआ था लापता
रामू को जबसे बाल कल्याण समिति ने वात्सल्य धाम में रखवाया था. तब से वह बुनियादी स्कूल में दूसरी कक्षा में अध्ययनरत है और यहां उसने काफी कुछ सीखा. शुरुआती दौर में वह हिंदी का प्रयोग कम करता था लेकिन अब वह अच्छे से हिंदी समझ भी रहा है और बोल भी रहा है. उसने बताया कि वह काफी खुश है कि वह दोबारा अपने माता-पिता से मिलेगा, काफी अच्छा लग रहा है. उसने बताया कि अपने तीन दोस्तों के साथ वह ट्रेन देखने के लिए आया था, जहां से वह भटक गया और यहां तक आ पहुंचा. उसके माता-पिता ने बच्चे को वेरीफाई कर लिया है. यह बच्चा लगभग 2 साल पहले नेपाल से लापता हुआ था, वहां पर इसकी मिसिंग कंप्लेंट भी दर्ज है.

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अधिकारियों ने की अपील
रामगढ़ डीसी की पहल के बाद जिला बाल कल्याण समिति और विभाग के पदाधिकारियों ने पत्र लिखा था उसके माता-पिता की जानकारी इकट्ठा कर सूचना देने की बात उस पत्र में लिखी थी, बाद में दूतावास ने पत्र भेजकर इसकी पुष्टि की और इसकी पुष्टि के बाद रामू को उसके वतन नेपाल वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. आज नेपाल दूतावास से नेपाल के प्रतिनिधि पहुंचे और बच्चे को अपने साथ नेपाल ले गए. जहां पुलिस के सामने बच्चे को उसके माता-पिता को सौंपेंगे. उपायुक्त और दूतावास से आए अधिकारियों ने एक अपील भी की है कि यदि किसी को भी जानकारी हो कि नेपाल का कोई बचा भटककर प्रदेश या देश के किसी हिस्से में है. तब उसकी जानकारी दूतावास में दें.

Intro:पड़ोसी देश नेपाल से भटक कर रामगढ़ पहुंचे 10 वर्षीय रामू पून मंगर को रामगढ़ डीसी ने नेपाल के पीस रिहैबिलिटेशन सेंटर के डिस्टिक कोऑर्डिनेटर के सुपुर्द किया लगभग 2 वर्ष बाद रामू अपने माता-पिता से रामगढ़ जिला प्रशासन की पहल के बाद मिलेगा वापस अपने घर जाने को लेकर रामू काफी खुश था


Body: रामगढ़ जिला बाल कल्याण समिति द्वारा एक बार फिर बिछड़े माता-पिता से 10 वर्षीय बच्चे को मिलाया वह बच्चा भारत देश का नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भटक कर रांची और फिर रामगढ़ पहुंचा था घटना के संबंध में जानकारी मिली की जिला दांग देश नेपाल का रामू पून मगर अपने दो दोस्तों के साथ ट्रेन देखने के लिए बस पकड़कर बिहार पहुंचा था जिसके बाद बिहार पहुंचकर ट्रेन पकड़कर रांची पहुंच गया जहां पर रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा बच्चे को सीडब्ल्यूसी रांची सौंपा गया था रांची सीडब्ल्यूसी द्वारा रामगढ़ सीडब्ल्यूसी के वात्सल्यधाम में ट्रांसफर किया गया था रामू द्वारा जो प्रारंभिक जानकारी के द्वारा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं संरक्षण पदाधिकारी द्वारा रामगढ़ उपायुक्त के आदेश पर नेपाल दूतावास एवं अपर मुख्य सचिव गृह कार्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड सरकार को पत्राचार किया गया था 3 फरवरी को नेपाली दूतावास से होम वेरिफिकेशन से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ था जिसके बाद आज भूमिराज भट्टराई co ordinator पीस ऑफ rehabilation सेंटर कपिलवस्तु नेपाल के जिम्मे सौप दिया गया । रामू जबसे बाल कल्याण समिति द्वारा वात्सल्य धाम में रखा गया था वहां से जिला बाल कल्याण समिति ने उसका दाखिला रामगढ जिले के बुनियादी स्कूल में कराया गया था वह दूसरी कक्षा में अध्ययनरत है और यहां पर उसे काफी कुछ सीखने को मिला है शुरुआती दौर में वह हिंदी का उपयोग काम करता था लेकिन आज वह हिंदी समझ भी रहा है और बोल भी रहा है उसने बताया कि वह काफी खुश है कि वह दोबारा अपने माता-पिता से मिलेगा काफी अच्छा लग रहा है उसने बताया कि अपने तीन दोस्तों के साथ वह ट्रेन देखने के लिए आया था जहां से वह भटक गया और यहां तक पहुंचा अब उसे अच्छा लग रहा है बाइट रामू पुन मंगर वही नेपाली दूतावास से आए कर्मी ने बताया कि हम लोग भटके हुए बच्चों को मिलाने का काम करते हैं साथ ही साथ बॉर्डर इन इलाकों पर जो हुमन ट्रैफकिंग की बात आती है उसको भी देखते हैं दूतावास से हम लोगों को पत्र प्राप्त हुआ था जिसके बाद हम लोगों ने बच्चे के माता पिता काफी वेरीफाई कर लिया है यह बच्चा लगभग 2 साल पहले नेपाल से लापता हुआ था वहां पर इसकी मिसिंग कंप्लेंट भी दर्ज है यहां से जाने के बाद पुलिस और वहां जिला प्रशासन के सामने बच्चे को माता पिता शॉपिंग पूरे मामले में पुलिस की जांच चल रही है कि बच्चा यहां तक कैसे पहुंचा बाइट नेपाल से आए अधिकारी पूरे मामले में रामगढ़ उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि हम लोगों को यह बच्चा अप्रैल माह में वात्सल्यधाम लाया गया था जहां पर पूरी कार्रवाई करते हुए हम लोग द्वारा सितंबर माह में दूतावास को पत्र लिखा गया था जिसके बाद कार्रवाई करते हुए वहां से पत्र प्राप्त हुआ कि बच्चे के माता-पिता का वेरिफिकेशन हो गया है और लेने के लिए यहां से 3 जाएगी और जो टीम आई है उस टीम को बच्चे को सौंपा जा रहा है यह काफी अच्छी बात है कि एक बार फिर जिला बाल कल्याण समिति द्वारा बिछड़े को मिलाया गया है बाइट संदीप सिंह उपायुक्त रामगढ़ क्या था मामला पड़ोसी देश नेपाल से भटक कर रामगढ़ पहुंचा 10 साल के बच्चे रामू को नेपाल दूतावास में रामगढ़ डीसी की पहल के बाद जिला बाल कल्याण समिति और विभाग के पदाधिकारियों ने पत्र लिखा था उसके माता-पिता की जानकारी इकट्ठा कर सूचना जिले देने की बात उस पत्र में लिखे थे बाद में दूतावास ने पत्र भेजकर इसकी पुष्टि की और वह इसकी पुष्टि के बाद रामू को उसके वतन नेपाल वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई थी आज नेपाल दूतावास से नेपाल के प्रतिनिधि पहुंचे और बच्चे को अपने साथ नेपाल ले गए जहां पुलिस के सामने बच्चे को उसके माता-पिता को सौंपेंगे


Conclusion:रामगढ़ उपायुक्त और दूतावास से आए अधिकारियों ने एक अपील भी की है कि यदि किसी को भी जानकारी हो कि नेपाल का कोई बचा भटक कर प्रदेश या देश के किसी हिस्से में है तब उसकी जानकारी दूतावास में दे सकते हैं
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