रामगढ़: नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाह्नन पर IMA मिक्सो पैथी के विरोध में सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक पुराने सदर अस्पताल परिसर में भूख हड़ताल पर हैं. ये IMA की राज्य इकाई के लिए गए निर्णय के विरोध में धरने पर बैठे है. डॉक्टरों का आरोप है कि बिना ट्रेंड सर्जरी से समाज के लिए खतरा बढ़ेगा.
इसे भी पढ़ें- 20 फरवरी को हजारीबाग में ट्रैक्टर रैली, कांग्रेस के कई बड़े नेता, मंत्री होंगे शामिल
15 फरवरी तक भूख हड़ताल जारी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पूरे विश्व में चिकित्सकों का सबसे बड़ा संगठन है, जिसके तीन लाख से ज्यादा सदस्य है. आज के इस क्रमिक भूख हड़ताल में पूरे देश के सारे चिकित्सक अलग-अलग 50 से भी ज्यादा जगहों पर भूख हड़ताल का हिस्सा हैं. यह हड़ताल 1 फरवरी 2021 से 15 फरवरी 2021 तक अलग-अलग जगहों पर आयोजित की जा रही है. इस आंदोलन को भारतीय स्वास्थ्य बचाओ अभियान का नाम दिया है. IMA का उद्देश्य भारत के प्रत्येक जनता की स्वास्थ्य के जिम्मेवारी लेते हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य संबंधी किसी भी नीति निर्धारण में आईएमए का एक प्रतिनिधि होता है.
लोगों को दी जाए मिक्सो पैथी की जानकारी
इस दौरान डॉक्टरों ने कहा कि वे लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा प्रयास करते हैं और साथ ही ऐसे किसी भी नीति या कानून का विरोध करते हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होगा. आईएमए का प्रयास है कि लोगों को बताएं की मिक्सो पैथी क्या है. आईएमए इसका विरोध क्यों करती है. अगर इससे संबंधित अध्यादेश आएगा तो भविष्य में आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए कितना घातक होगा. आयुष मंत्रालय एवं उससे संबंधित काउंसिल सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंटरनल मेडिसिन ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. जिसमें किसी भी आयुष चिकित्सक को 3 साल के पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री के बाद 58 विभिन्न तरीके के सर्जरी करने का कानूनी अधिकार होगा.
शरीर कोई प्रयोगशाला नहीं
हड़ताल में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि शरीर कोई प्रयोगशाला नहीं है. सभी का हक है कि हमारे समक्ष जितनी पद्धति अपने शुद्ध रूप में हो और हम अपनी जरूरत के हिसाब से उनमें से किसी एक का चुनाव कर सकें. सारी चिकित्सा पद्धति की अपनी खूबियां हैं और अपनी सीमाएं हैं. जिस चिकित्सा पद्धति का जिसको गहन जानकारी हो, उसे उसी पद्धति से इलाज करने का अधिकार होना चाहिए.
पीएमसीएच धनबाद में पीजी सीट बढ़ाने की मांग
झारखंड में 3 नए मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, दुमका और पलामू में बनाए गए हैं जहां नेशनल मेडिकल काउंसिल ने एमबीबीएस के एडमिशन पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार को इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए ताकि एमबीबीएस डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा तैयार हो पहले से झारखंड राज्य में मौजूद तीन मेडिकल कॉलेज रिम्स रांची एमजीएम जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद में पीजी की सीट को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि एमबीबीएस के बाद स्पेशलाइज्ड डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा संख्या में आएं.
छोटी अवधि की ट्रेनिंग पर सरकार लगाए रोक
हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के अन्य तरीकों पर विचार करना चाहिए न की शॉर्टकट मेथड अपनाना चाहिए. दूसरे पद्धति के लोगों को जल्दी से कोई छोटी अवधि की ट्रेनिंग देकर आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. डॉक्टरों ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भारत सरकार से आग्रह करती है कि इस नोटिफिकेशन पर पुनर्विचार करें और इसे वापस ले.