रामगढ़ः कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए गए लोग अपने गृह राज्य की ओर पलायन कर रहे है. एक ओर जहां लॉकडाउन के कारण लोगों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर जिले के डिग्रीधारी युवा किसान नागेश्वर महतो की इजराइल जाने की मंशा पर पानी फिर गया है. रांची कॉलेज से एम.ए की पढ़ाई पूरी कर नागेश्वर महतो ने इजराइल जाने की मंशा को दरकिनार करते हुए खेती को ही अपना कॅरियर बना लिया है. वह रोजाना निकल रही ढाई से तीन क्विंटल हरी सब्जियों से आधुनिक खेती को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है.
लॉकडाउन के कारण सपनों पर फिरा पानी
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेती के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर किसानों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए दूसरे देशों में प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार को निर्देश दे रखा है. नागेश्वर को भी खेती के प्रशिक्षण के लिए मार्च महीने में इजराइल जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण वह नहीं जा सका. अब वह इजराइल के सपनों को दरकिनार कर आधुनिक तरीके से खेती कर आठ एकड़ बंजर जमीन में कड़ी मेहनत कर खीरा, मिर्च, करेला, टमाटर, बेंगन जैसी कई हरी सब्जियां ऊगा कर रोजाना हजारों रुपए मुनाफा कमा रहा है.
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टपक बिद्धि से की जा रही खेती
ईटीवी भारत से बात करते हुए नागेश्वर महतो ने कहा की रांची यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान फिल्ड वर्क के लिए जाते थे और किसानों ने बताया कि ज्यादा बड़े एरिया में खेती करने से मुनाफा ज्यादा होता है. बस उसी समय मन में ठान लिया था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद कृषक बनना है और आज में आठ एकड़ जमीन लीज में लेकर टपक बिद्धि से खेती कर रहा हूं. मैंने इस बात पर रिसर्च की है कि बेहतर गुणवत्ता वाली सब्जियां किस तरह से उगाई जा सकती है. साथ ही महतो ने बताया कि परंपरागत खेती की तुलना में बिना कीटनाशक और खाद के बेहतर गुणवत्ता वाली सब्जियां उगाना चाहता था. इसका प्रयास आज भी कर रहा हूं और सफल भी हो रहा हूं.
परिवार वालों का भरपूर सहयोग
वहीं दूसरी ओर नागेश्वर के इस काम से खुश होकर उसके परिवार वाले भी उसका सहयोग कर रहे है और उसके साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे है. नागेश्वर महतो के चाचा पाण्ड्य महतो ने बताया कि नागेश्वर ने चर्चा की थी कि टपक खेती करने से बहुत मुनाफा होगा, जिसके बाद लीज में आठ एकड़ जमीन लेकर खेती की शुरुआत की गई. इसे देख कर काफी अच्छा लगा.
लगन और हौसले के कारण पुरे क्षेत्र का नाम रोशन
वहीं इस पुरे मामले में कृषि पदाधिकारी समीरण मजमुदार ने बताया कि आज कल के युवा कृषि क्षेत्र को बहुत गलत तरीके से देखते है और इस तरफ जाना नहीं चाहते, लेकिन हमारे प्रखंड के नागेश्वर महतो की खेती से खुश होकर सरकार उन्हें इजराइल भेज रही है, ताकि और भी उन्नत तरीके से खेती कर सके. इनके लगन और हौसले के कारण पुरे क्षेत्र का नाम रोशन हो रहा है. केंद्र और राज्य सरकार आज की युवा पीढ़ी के लिए जागरूकता अभियान चल रही है, ताकि युवा कृषि के क्षेत्र में भी अपना कॅरियर ढूंढ सके.
ऑर्गेनिक फार्मिंग करियर के लिए बढ़िया ऑप्शन
बहरहाल, नागेश्वर महतो ने कृषि के क्षेत्र में अपना कॅरियर बना कर आज राज्य और देश में अपनी अलग पहचान बना ली है. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान से युवा कृषि क्षेत्र में भी अपना करियर ढूंढ सकते है. वहीं आज कल लोग ऑर्गेनिक फल और सब्जियों का सेवन करना ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसे में ‘ऑर्गेनिक फार्मिंग अर्थात् जैविक खेती’ करियर के लिए एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है.