रांची: रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. हालांकि, रामगढ़ मामले में एक अन्य केस की वजह से वह फिलहाल जेल से बाहर नहीं निकल पायेंगी. हाईकोर्ट में गोला गोलीकांड के दो अलग-अलग मामलों में सजा को चुनौती वाली अपील याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने ममता देवी को हजारीबाग मामले में जमानत दे दी, जबकि रामगढ़ केस में सुनवाई 31 मार्च को निर्धारित की गई है.
ममता देवी के अधिवक्ता रामवतार के अनुसार, यदि उस दिन जमानत मिल जाती है तो उसके बाद ममता देवी का जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो जायेगा. ममता देवी की याचिका पर न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई, जिस दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता भोलानाथ झा ने पक्ष रखा.
13 दिसंबर 2022 को मिली थी सजा: कांग्रेस की पूर्व विधायक ममता देवी को रामगढ़ और हजारीबाग सिविल कोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई थी. एक मामले में 13 दिसंबर 2022 को उन्हें 5 साल की सजा मिली थी. वहीं दूसरे गोला गोलीकांड मामले में 4 जनवरी 2023 को हजारीबाग कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी. इन दोनों सजा को चुनौती देते हुए ममता देवी की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई है. हजारीबाग न्यायालय ने ममता देवी को धारा 148 और 332 में दोषी पाते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. वहीं धारा 333 और 307 में दोषी पाते हुए पांच साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना मुकर्रर किया था. न्यायालय के इस फैसले के बाद ममता देवी की विधायकी चली गई. इन्हीं मामलों में ममता देवी के द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसमें उन्हें एक मामले में जमानत मिल गई है.
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बता दें कि न्यायालय से मिली सजा के बाद ममता देवी की विधानसभा की सदस्यता चली गई. इसके बाद रामगढ़ में उपचुनाव हुआ. उपचुनाव में आजसू ने जीत हासिल की और कांग्रेस को इस सीट से हाथ धोना पड़ा. बहरहाल, 31 मार्च को हाईकोर्ट में एक अन्य केस में जमानत याचिका पर सुनवाई सुनिश्चित है. यदि उस दिन ममता देवी को बेल मिल जाता है तो उनका जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो जायेगा.