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रामगढ़: सीसीएल कोलियरी बंद होने के बाद धंसती जा रही है जमीन, प्रबंधन नहीं कर रहा कोई पहल - CCL colliery is closed

रामगढ़ थाना क्षेत्र के कहुआबेड़ा के अगल-बगल की जमीन धंसती जा रही है. सीसीएल कोलियरी बंद होने के बाद भूमिगत खदानों के मुहाने पर 30 से 40 फीट गहरा खतरनाक गढ्ढा हो गया है. लेकिन अभी तक प्रबंधन ने इसे भरने की पहल नहीं की है.

जमीन धंसने से हुआ गड्ढा
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Published : Sep 29, 2019, 8:01 PM IST

रामगढ़: अरगड्डा कहुआबेड़ा गांव के समीप सीसीएल के सील बंद पड़ी अंडर ग्राउंड मांइस हाथीदाड़ी और आस-पास की जमीन धंसती जा रही है. इसका ग्रामीणों ने रविवार को जमकर विरोध किया. इस सबंध में ग्रामीणों का कहना है कि जमीन धंसती जा रही है. सीसीएल ने खदान को कुछ साल पहले बंद किया था. लेकिन भूमिगत खदानों के मुहाने को ठीक तरह से बंद नहीं किया. ऐसे में धंसने के बाद गैस का दुर्गंध गांव में फैल रहा है, वहीं जमीन भी धंसती जा रही है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- भारी बारिश से मैथन और पंचेत डैम का बढ़ा जलस्तर, जामताड़ा और पश्चिम बंगाल में अलर्ट जारी


ग्रामीण करेंगे आंदोलन
ग्रामीणों का कहना है कि प्रबंधन ने दो माह पूर्व सीसीएल मांइस सील करते वक्त आश्वासन दिया था कि 20 से 25 साल तक जमीन नहीं धसेगी. लेकिन गांव कहुआबेड़ा के अगल-बगल की जमीन धंसती जा रही है. जमींदोज होने के बाद से ही ग्रामीणों में भय का वातावरण है. सीसीएल कोलियरी बंद होने के बाद भूमिगत खदानों के मुहाने पर 30 से 40 फीट गहरा खतरनाक गढ्ढा हो गया है. इससे गैस निकल रहा है तो वहीं, इतने बड़े गड्ढे की चपेट में आ जाने का खतरा अलग से है. इससे गांव के लोगों मे डर का माहौल है. वहीं, प्रबंधन इसे भरने की कोई पहल नहीं कर रहा है. इसे लेकर ग्रामीणों ने प्रबंधन का घेराव कर आंदोलन करने की बात कही है.

रामगढ़: अरगड्डा कहुआबेड़ा गांव के समीप सीसीएल के सील बंद पड़ी अंडर ग्राउंड मांइस हाथीदाड़ी और आस-पास की जमीन धंसती जा रही है. इसका ग्रामीणों ने रविवार को जमकर विरोध किया. इस सबंध में ग्रामीणों का कहना है कि जमीन धंसती जा रही है. सीसीएल ने खदान को कुछ साल पहले बंद किया था. लेकिन भूमिगत खदानों के मुहाने को ठीक तरह से बंद नहीं किया. ऐसे में धंसने के बाद गैस का दुर्गंध गांव में फैल रहा है, वहीं जमीन भी धंसती जा रही है.

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ग्रामीण करेंगे आंदोलन
ग्रामीणों का कहना है कि प्रबंधन ने दो माह पूर्व सीसीएल मांइस सील करते वक्त आश्वासन दिया था कि 20 से 25 साल तक जमीन नहीं धसेगी. लेकिन गांव कहुआबेड़ा के अगल-बगल की जमीन धंसती जा रही है. जमींदोज होने के बाद से ही ग्रामीणों में भय का वातावरण है. सीसीएल कोलियरी बंद होने के बाद भूमिगत खदानों के मुहाने पर 30 से 40 फीट गहरा खतरनाक गढ्ढा हो गया है. इससे गैस निकल रहा है तो वहीं, इतने बड़े गड्ढे की चपेट में आ जाने का खतरा अलग से है. इससे गांव के लोगों मे डर का माहौल है. वहीं, प्रबंधन इसे भरने की कोई पहल नहीं कर रहा है. इसे लेकर ग्रामीणों ने प्रबंधन का घेराव कर आंदोलन करने की बात कही है.

Intro:
रामगढ़ थाना क्षेत्र अरगड्डा कहुआबेड़ा गांव के समीप सीसीएल के सिरका सील बंद पड़ी अंडर ग्राउंड मांईस हाथीदाड़ी व आस पास भू-धसान क दर्जर्नो ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों ने जमकर विरोध किया। इस सबंध में ग्रामीण बुधनी देवी ने बताया कि तेज आवाज के साथ खदान के बगल में धंस गया, सीसीएल के द्वारा खदान को बीते तीन साल पहले बंद कर भूमिगत खदानों के मुहाने को ठीक तरह से बंद नहीं किया, धसने के बाद गैस का गंध गांव में भी फैल रहा है। Body:वही ग्रामीण प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रबंधन ने दो माह पूर्व सिरका बंद मांईस सील करते वक्त हमलोगों को आश्वासन दिया था कि 20 से 25 साल जमीन नहीं धसेगी। लेकिन हमारे गांव कहुआबेड़ा के अगल बगल जमीन धस रही है, जिसके चपेट में बच्चे व लोग आ सकते है।

वाईट प्रदीप कुमार

( गोफ )जमीदोज होने के बाद से ही ग्रामीणों में भय का वातावरण है सीसीएल सिरका कोलियरी बंद भूमिगत खदान जमीदोज होने के बाद बंद भूमिगत खदानों के मुहाने पर 30 से 40 फीट गहरा कुआनुमा खतरनाक गढ्ढा हो गया है, जिसे गैस का गंध निकल रहा है, इससे गांव के लोगो मे डर का माहौल देखने को मिल रहा है भू-धसान के बाद से ही अभी तक प्रबंधन के द्वारा इसे भरने की पहल नहीं की गई है। इसे लेकर ग्रामीणों ने प्रबंधन का घेराव कर आंदोलन करने की बात कही।

वाईट महिला बुधनी देवी

Conclusion:
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