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रामगढ़ में खूबसूरत वादियों और सुरंगों से होकर गुजरेगी ट्रेनः कम समय में यात्रा होगी सुगम और रोमांचक

झारखंड यानी छोटानागपुर का एक लोकप्रिय नागपुरी गाना है, रेल गाड़ी चलेला... हावा लागेगा... धीरे-धीरे चलेला... जिया डोलेला... अब कुछ ऐसा ही रोमांच कोडरमा हजारीबाग रांची वाया बरकाकाना सिधवार सांकी रेल परियोजना से मिलने वाला (Rail Project in Ramgarh) है. खूबसूरत वादियों और 4 सुरंगों से होकर गुजरेवाली छुक-छुक करती ये रेलगाड़ी यात्रियों में जरूर रोमांच भर देगी.

Koderma Hazaribag Ranchi Via Barkakana Sidhwar Sanki Rail Project in Ramgarh
रामगढ़
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Published : Nov 12, 2022, 10:22 AM IST

Updated : Nov 12, 2022, 7:21 PM IST

रामगढ़: जिला ही नहीं बल्कि केंद्र व राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना, कोडरमा हजारीबाग रांची वाया बरकाकाना सिधवार सांकी, जिसका काम लगभग समाप्ति की ओर (Rail Project in Ramgarh) है. इसी साल दिसंबर के महीने में इसके पूरा होने की उम्मीद है. मनोरम वादियों और 4 टनल से गुजरकर ये ट्रेन रांची, बरकाकाना, हजारीबाग और कोडरमा का सफर कर रहे लोगों का समय बचाएगी और उन्हें एक रोमांचक यात्रा की अनुभूित कराएगी.

इसे भी पढ़ें- खूबसूरत वादियों के बीच दौड़ेगी ट्रेन, 29 अगस्त से हटिया-सांकी मार्ग पर शुरू होगा परिचालन

रेल परियोजना की विशेषताः मार्च 2023 तक ट्रेन का परिचालन होना तय माना जा रहा है और इसको लेकर स्थानीय लोगों में भी खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. रामगढ़ जिला के बरकाकाना रेलवे स्टेशन और सांकी रेलवे स्टेशन के बीच पड़ने वाले एक कृत्रिम सुरंग और 3 प्राकृतिक सुरंग के साथ-साथ खूबसूरत वादियों का यह दृश्य ट्रेन से बखूबी देखे जा सकते (Ramgarh train will pass through beautiful valleys) हैं. सांकी से सिधवार तक हेहल स्टेशन भवन, निर्माणधीन टनल, कट एंड कवर, मेजर ब्रिज, माइनर ब्रिज, स्टेशन भवन, कर्व, रेल आरओबी का काम अंतिम स्टेज में है.

देखें राजेश कुमार की स्पेशल रिपोर्ट

पांचवे और अंतिम चरण में सिधवार से सांकी तक 26.6 किमी तक चल रहे निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने को लेकर रेलवे प्रशासन तेजी दिखा रहा है. इस कार्य को जल्द पूरा करने को लेकर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण भी लगातार किया जा रहा है. जिससे इस रेल लाइन पर ट्रेनों का आवागमन जल्द से जल्द हो सके. इस रेल लाइन के जुड़ने से बरकाकाना और रांची के बीच की दूरी कम हो जाएगी. यात्रियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और रामगढ़ के लोग आसानी से रांची जा सकेंगे. इस परियोजना के पूरा होने से बरकाकाना से झारखंड की राजधानी की ट्रेन से दूरी लगभग 1 घंटे में पूरी कर ली जाएगी. इस रूट के बन जाने से बरकाकाना से रांची की दूरी लगभग 60 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. वर्तमान में ट्रेन मुरी होकर रांची जाती है, जो 90 किलोमीटर बरकाकाना से रांची की दूरी रेल मार्ग से अधिक पड़ती है. इस रेल परियोजना के पूरा होते ही यात्री कम पैसे में यहां से रांची आना-जाना कर सकते हैं.

सिधवार से सांकी तक पहाड़ों के बीच होगी रेल यात्राः यह नयी रेल लाइन 26.6 किलोमीटर में 4 सुरंगों के बीच से गुजरती ट्रेन जल्द ही सिधवार सांकी रेलखंड (Sidhwar Sanki Rail Section) पर छुक-छुककर दौड़ेगी. ऊंची पहाड़ियां और खूबसूरत प्राकृतिक नजारों के साथ यात्रियों को रोमांचकारी सफर का एहसास कराएगा. जो ट्रेन में यात्रा करने वालों का समय भी बचाएगा और यात्रियों को सफर में रोमांच भी मिलेगा. सुरंगों से निकलने के बाद ट्रेन दो पहाड़ियों के बीच बनने वाले पुल से होकर गुजरेगी. खूबसूरत वादियों के बीच लगभग 2280 मीटर प्राकृतिक और 1638 मीटर कृत्रिम सुरंग से यात्री सफर करेंगे. इस परियोजना में सबसे बड़ी चुनौती 1638 मीटर कट एंड कवर (कृत्रिम सुरंग) का काम है. जिसमें रेल पटरी बिछाने और अन्य कार्य तेजी से किया जा रहा है. सुरंग टी 1 की लंबाई 600 मीटर, सुरंग टी 2 की लंबाई 1080 मीटर, सुरंग टी 3 की लंबाई 600 मीटर है.

लोगों में खुशी की लहरः इस रेल लाइन को लेकर स्थानीय लोगों में भी काफी खुशी देखने को मिल रही है. लोगों का मानना है कि बरकाकाना से लेकर रांची के बीच की दूरी तो कम होगी ही साथ ही स्थानीय लोगों के रोजगार में भी काफी वृद्धि भी होगी. क्योंकि इस रूट से किसान आसानी से अपनी सब्जियों को ट्रेन के माध्यम से राजधानी रांची ले जा सकते हैं. इसमें उन्हें समय के साथ पैसों की बचत होगी और आमदनी दोगुनी होगी. इसके अलावा पढ़ने वाले छात्रों को भी काफी इससे लाभ होगा. यही नहीं यह रेल रूट पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूरण है, इस क्षेत्र का नाम पर्यटन से जुड़ेगा और सैलानी यहां आएंगे तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.

क्या कहते हैं हजारीबाग सांसदः सांसद जयंत सिन्हा ने भी रेल परियोजना के जल्द शुरू होने की उम्मीद जताई है और तेजी से हो रहे काम को लेकर खुशी भी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन चालू हो जाने से बरकाकाना से रांची के बीच की दूरी कम होगी, साथ ही साथ सुदूरवर्ती गांव के लोगों के रोजगार में भी सृजन होगा. लोग रोजी रोजगार के लिए आसानी से राजधानी से जुड़ सकेंगे. इसको लेकर रेलवे की ओर से काफी तेजी से काम हो रहा है और आने वाले समय में जल्दी इन खूबसूरत वादियों के बीच ट्रेन दौड़ने लगेगी.

जानिए, इस रेल परियोजना को लेकर कब-कब, क्या-क्या हुआः इस परियोजना का काम 1999 तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में स्वीकृत किया गया था. जबकि परियोजना का काम 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शुरू हुआ. परियोजना को पूरा होने में करीब 14 साल लग गए. इसमें पहले फेज कोडरमा-हजारीबाग टाउन 79.7 किलोमीटर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी 2015 को किया. दूसरे फेज में 7 दिसंबर 2016 को हजारीबाग टाउन से बरकाकाना जंक्शन तक 57 किलोमीटर का उद्घाटन किया गया. वहीं तीसरे फेज बरकाकाना स्टेशन से सिधवार स्टेशन तक का उदघाटन 31 मार्च 2017 को किया गया. चौथे फेज में टाटीसिलवे से सांकी रेलवे स्टेशन तक 32 किलोमीटर की शुरूआत 28 अगस्त 2019 को की गई. वहीं पांचवें फेज सिधवार से सांकी रेलवे स्टेशन के बीच का काम लगभग अंतिम चरण की ओर है. इसी साल दिसंबर महीने में इसका काम पूरा होने के आसार हैं और मार्च 2023 तक इस रूट में रेल दौड़ने की उम्मीद है.

रामगढ़: जिला ही नहीं बल्कि केंद्र व राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना, कोडरमा हजारीबाग रांची वाया बरकाकाना सिधवार सांकी, जिसका काम लगभग समाप्ति की ओर (Rail Project in Ramgarh) है. इसी साल दिसंबर के महीने में इसके पूरा होने की उम्मीद है. मनोरम वादियों और 4 टनल से गुजरकर ये ट्रेन रांची, बरकाकाना, हजारीबाग और कोडरमा का सफर कर रहे लोगों का समय बचाएगी और उन्हें एक रोमांचक यात्रा की अनुभूित कराएगी.

इसे भी पढ़ें- खूबसूरत वादियों के बीच दौड़ेगी ट्रेन, 29 अगस्त से हटिया-सांकी मार्ग पर शुरू होगा परिचालन

रेल परियोजना की विशेषताः मार्च 2023 तक ट्रेन का परिचालन होना तय माना जा रहा है और इसको लेकर स्थानीय लोगों में भी खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. रामगढ़ जिला के बरकाकाना रेलवे स्टेशन और सांकी रेलवे स्टेशन के बीच पड़ने वाले एक कृत्रिम सुरंग और 3 प्राकृतिक सुरंग के साथ-साथ खूबसूरत वादियों का यह दृश्य ट्रेन से बखूबी देखे जा सकते (Ramgarh train will pass through beautiful valleys) हैं. सांकी से सिधवार तक हेहल स्टेशन भवन, निर्माणधीन टनल, कट एंड कवर, मेजर ब्रिज, माइनर ब्रिज, स्टेशन भवन, कर्व, रेल आरओबी का काम अंतिम स्टेज में है.

देखें राजेश कुमार की स्पेशल रिपोर्ट

पांचवे और अंतिम चरण में सिधवार से सांकी तक 26.6 किमी तक चल रहे निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने को लेकर रेलवे प्रशासन तेजी दिखा रहा है. इस कार्य को जल्द पूरा करने को लेकर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण भी लगातार किया जा रहा है. जिससे इस रेल लाइन पर ट्रेनों का आवागमन जल्द से जल्द हो सके. इस रेल लाइन के जुड़ने से बरकाकाना और रांची के बीच की दूरी कम हो जाएगी. यात्रियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और रामगढ़ के लोग आसानी से रांची जा सकेंगे. इस परियोजना के पूरा होने से बरकाकाना से झारखंड की राजधानी की ट्रेन से दूरी लगभग 1 घंटे में पूरी कर ली जाएगी. इस रूट के बन जाने से बरकाकाना से रांची की दूरी लगभग 60 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. वर्तमान में ट्रेन मुरी होकर रांची जाती है, जो 90 किलोमीटर बरकाकाना से रांची की दूरी रेल मार्ग से अधिक पड़ती है. इस रेल परियोजना के पूरा होते ही यात्री कम पैसे में यहां से रांची आना-जाना कर सकते हैं.

सिधवार से सांकी तक पहाड़ों के बीच होगी रेल यात्राः यह नयी रेल लाइन 26.6 किलोमीटर में 4 सुरंगों के बीच से गुजरती ट्रेन जल्द ही सिधवार सांकी रेलखंड (Sidhwar Sanki Rail Section) पर छुक-छुककर दौड़ेगी. ऊंची पहाड़ियां और खूबसूरत प्राकृतिक नजारों के साथ यात्रियों को रोमांचकारी सफर का एहसास कराएगा. जो ट्रेन में यात्रा करने वालों का समय भी बचाएगा और यात्रियों को सफर में रोमांच भी मिलेगा. सुरंगों से निकलने के बाद ट्रेन दो पहाड़ियों के बीच बनने वाले पुल से होकर गुजरेगी. खूबसूरत वादियों के बीच लगभग 2280 मीटर प्राकृतिक और 1638 मीटर कृत्रिम सुरंग से यात्री सफर करेंगे. इस परियोजना में सबसे बड़ी चुनौती 1638 मीटर कट एंड कवर (कृत्रिम सुरंग) का काम है. जिसमें रेल पटरी बिछाने और अन्य कार्य तेजी से किया जा रहा है. सुरंग टी 1 की लंबाई 600 मीटर, सुरंग टी 2 की लंबाई 1080 मीटर, सुरंग टी 3 की लंबाई 600 मीटर है.

लोगों में खुशी की लहरः इस रेल लाइन को लेकर स्थानीय लोगों में भी काफी खुशी देखने को मिल रही है. लोगों का मानना है कि बरकाकाना से लेकर रांची के बीच की दूरी तो कम होगी ही साथ ही स्थानीय लोगों के रोजगार में भी काफी वृद्धि भी होगी. क्योंकि इस रूट से किसान आसानी से अपनी सब्जियों को ट्रेन के माध्यम से राजधानी रांची ले जा सकते हैं. इसमें उन्हें समय के साथ पैसों की बचत होगी और आमदनी दोगुनी होगी. इसके अलावा पढ़ने वाले छात्रों को भी काफी इससे लाभ होगा. यही नहीं यह रेल रूट पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूरण है, इस क्षेत्र का नाम पर्यटन से जुड़ेगा और सैलानी यहां आएंगे तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.

क्या कहते हैं हजारीबाग सांसदः सांसद जयंत सिन्हा ने भी रेल परियोजना के जल्द शुरू होने की उम्मीद जताई है और तेजी से हो रहे काम को लेकर खुशी भी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन चालू हो जाने से बरकाकाना से रांची के बीच की दूरी कम होगी, साथ ही साथ सुदूरवर्ती गांव के लोगों के रोजगार में भी सृजन होगा. लोग रोजी रोजगार के लिए आसानी से राजधानी से जुड़ सकेंगे. इसको लेकर रेलवे की ओर से काफी तेजी से काम हो रहा है और आने वाले समय में जल्दी इन खूबसूरत वादियों के बीच ट्रेन दौड़ने लगेगी.

जानिए, इस रेल परियोजना को लेकर कब-कब, क्या-क्या हुआः इस परियोजना का काम 1999 तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में स्वीकृत किया गया था. जबकि परियोजना का काम 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शुरू हुआ. परियोजना को पूरा होने में करीब 14 साल लग गए. इसमें पहले फेज कोडरमा-हजारीबाग टाउन 79.7 किलोमीटर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 फरवरी 2015 को किया. दूसरे फेज में 7 दिसंबर 2016 को हजारीबाग टाउन से बरकाकाना जंक्शन तक 57 किलोमीटर का उद्घाटन किया गया. वहीं तीसरे फेज बरकाकाना स्टेशन से सिधवार स्टेशन तक का उदघाटन 31 मार्च 2017 को किया गया. चौथे फेज में टाटीसिलवे से सांकी रेलवे स्टेशन तक 32 किलोमीटर की शुरूआत 28 अगस्त 2019 को की गई. वहीं पांचवें फेज सिधवार से सांकी रेलवे स्टेशन के बीच का काम लगभग अंतिम चरण की ओर है. इसी साल दिसंबर महीने में इसका काम पूरा होने के आसार हैं और मार्च 2023 तक इस रूट में रेल दौड़ने की उम्मीद है.

Last Updated : Nov 12, 2022, 7:21 PM IST
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