रामगढ़ः रामगढ़ जिले में उत्तर भारत के प्रशिद्ध शक्ति पीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका मंदिर में नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई. यहां विभिन्न हवन कुण्डों में साधक मां की आराधना में लीन हैं, साथ ही देश के कोने-कोने से आए भक्त हवन और दुर्गा सप्तशती का पाठ कर मां का आह्वान कर रहे हैं.
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कुलमणि महामान्य मेघा भूमि का आश्रम
ऐसी मान्यता है की कभी कुलमणि महामान्य मेघा भूमि का आश्रम यहां हुआ करता था. यहां के महाराज सुरथ देवी की आराधना किया करते थे. मुख्य मंदिर के चारों ओर हवन कुंड है और मंदिर का मुख्य द्वार पूर्वमुखी है मंदिर के उत्तरी भाग में तांत्रिक घाट है. मुंड माला शोभित मां छिन्नमस्तिका दोनों ओर एक-एक दिगंबर योगिनियां रक्तचाप करती हुई खड़ी हैं. दामोदर-भैरवी नदी के किनारे स्थित रजरप्पा मंदिर के विषय पर लोगों का कहना है कि रात में देवी यहां विचरण करती हैं, जिसकी आवाज आस पास के जंगलों में सुनाई पड़ती है. दुर्गा के शक्ति रूप होने के कारण यहां चैती और शरद नवरात्र में नौ दिन मां की विधिवत आराधना की जाती है. हालांकि, 3 दिनों की बारिश में दामोदर और भैरवी नदी के जलस्तर में भी काफी वृद्धि हुई है. लेकिन श्रद्धा और आस्था कम होने का नाम नहीं ले रही है.