रामगढ़: गोला प्रखंड के बरलंगा थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव में होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे जितेंद्र साव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मजदूर दो जून को महाराष्ट्र से काम कर वापस आया था. वह महाराष्ट्र से बस से अपने घर पहुंचा था. उसके बाहर से घर आने की सूचना न तो पंचायत के मुखिया को थी, न ही पंचायत सेवक या स्वास्थ्यकर्मी को. इसलिए बाहर से आने के बाद न तो उसकी जांच के लिए सैंपल लिया जा सका और न ही वह सरकारी या होम क्वॉरेंटाइन में गया.
मृतक की भाभी पिंकी देवी ने बताया कि मुंबई से लौटने के बाद जब से वह होम क्वॉरेंटाइन में रह रहा था, तब से वह खाना बनाकर भेज देते थे. वह नहाने के लिए नदी जाता था. दोपहर 12 बजे तक जब वह नहीं उठा तो आवाज लगाई गई. देर तक कोई जवाब नहीं दिया, तब दरवाजा तोड़कर देखा तो वह फंदे से झूल रहा था. हालांकि कोरोना वायरस के डर से कोई उसके शव को नहीं छू रहा था. जिस कारण आधे घंटे तक एबुलेंस खड़ी रही. फिर एंबुलेंस चालक, चौकीदार और मृतक के भाई ने मिलकर शव को उठाया. खुदकुशी के कारण का पता नहीं चल पाया है.
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मुंबई से लौटने के बाद प्रशासन को इसकी सूचना दी गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा बोला गया कि स्कूल के क्वॉरेंटाइन सेंटर में अभी कोई नहीं रह रहा है. इसलिए इसे एक कमरे में अकेले रखा गया. एक-दो दिन में सैंपल जांच के बाद सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में ले जाएंगे. इसके बाद कोई नहीं आया. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की तहकीकात करने के बाद शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए रामगढ़ सदर अस्पताल भेज दिया है. पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि आखिर मजदूर ने किस परिस्थिति में आत्महत्या की है. बरलंगा पुलिस ने कहा कि मृतक के घरवालों ने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. वह नशे का आदी था.